Divorce हुआ नहीं और सामने आ गया Extra Marital Affair, क्या कहता है कानून… तेजप्रताप का अब क्या होगा?
बिहार चुनाव से ठीक पहले लालू यादव ने बड़ा फैसला लिया. बेटे तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी और घर दोनों से बाहर कर दिया. पारिवारिक कलह और वैवाहिक विवादों से घिरे तेज पर कानूनी शिकंजा कसता दिख रहा है. अभी तेज प्रताप और ऐश्वर्या राय का तलाक नहीं हुआ है और 29 मई को सुनवाई है. ऐसे में तेज प्रताप पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है.

बिहार विधानसभा चुनाव सिर पर है और आरजेडी को अपनी पारिवारिक छवि से ज्यादा वोटरों का भरोसा चाहिए. इसी मजबूरी ने लालू प्रसाद यादव को 25 मई को कठोर फ़ैसला लेने को प्रेरित किया. अपने बड़े तेज प्रताप को छह साल के लिए न केवल पार्टी से बल्कि घर से भी बाहर कर दिया गया. संदेश साफ है कि व्यक्तिगत विवाद अब पार्टी के सामूहिक हित पर हावी नहीं होंगे. लालू इस कदम से संगठन को अनुशासन और पारदर्शिता का नया सर्टिफिकेट देना चाहते हैं.
तेज प्रताप की बेदखली ने आरजेडी की आंतरिक राजनीति का पावर बैलेंस बदल दिया है. अब सबकी निगाहें छोटे भाई तेजस्वी यादव पर टिक गई हैं, जिन्हें पार्टी का अनौपचारिक उत्तराधिकारी माना जा रहा है. राजनीतिक जानकार इसे लालू परिवार में नेतृत्व के सुव्यवस्थित हस्तांतरण की अनिवार्य कड़ी मान रहे हैं.
क्या कहता है हिंदू मैरिज एक्ट?
लालू यादव का ये फैसला इसीलिए भी अहम हो गया है कि 29 मई को फैमिली कोर्ट तेज प्रताप और ऐश्वर्या राय के तलाक़ पर सुनवाई होने वाली है. इससे ठीक पहले 12-साल के कथित एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की कहानी ने उन्हें तगड़ा कानूनी जोखिम दे दिया है. हिंदू मैरिज एक्ट के तहत तलाक़ से पहले दूसरी शादी या वैवाहिक जैसा रिश्ता अपराध की श्रेणी में आता है. अगर कोर्ट में फोटो-वीडियो असली साबित हुए तो तेज प्रताप को न केवल दंड बल्कि संभावित रूप से विधायकी गंवाने का खतरा भी झेलना पड़ सकता है.
एडल्ट्री अब अपराध नहीं: जस्टिस एस एन ढींगरा
तेज प्रताप यादव वाले मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एस एन ढींगरा ने स्टेट मिरर से बात करते हुए बताया कि कोई भी दो एडल्ट जिनकी उम्र 18 साल से उपर है, रिलेशन में रह सकते हैं. ये कोई अपराध नहीं है. आजकल तो लिव इन रिलेशनशिप आम बात है. शादीशुदा व्यक्ति अगर ऐसा करता है उसकी पत्नी को ये अधिकार देता है कि वो इस आधार पर तालक ले सकती है. ये कोई आपराधिक कृत्य नहीं है. तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या इस चीज को तलाक के मामले में जोड़ सकती है.
कानून में क्या-क्या?
- जब तक तलाक कोर्ट द्वारा स्वीकृत नहीं हो जाता, तब तक किसी भी पति या पत्नी का किसी तीसरे व्यक्ति से प्रेम संबंध या विवाह करना अवैध और अनैतिक माना जाता है. यह 'वैवाहिक कर्तव्यों के उल्लंघन' की श्रेणी में आता है.
- यदि एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कारण पति या पत्नी को मानसिक पीड़ा होती है, तो यह मेंटल क्रुएल्टी (mental cruelty) के अंतर्गत भी आता है, और इसे तलाक का आधार माना जा सकता है.
- पहले IPC की धारा 497 के तहत व्यभिचार (adultery) को दंडनीय अपराध माना जाता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में इसे असंवैधानिक कर दिया. अब यह आपराधिक नहीं है, लेकिन दीवानी मुकदमे में तलाक और मुआवज़े का आधार बन सकता है.
- हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 5 और 11 के अनुसार जब तक पहला विवाह समाप्त नहीं होता, तब तक किया गया दूसरा विवाह अवैध (void) होता है. यह विवाह मान्य नहीं होगा और इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शादी के बाद व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता सीमित होती है और पार्टनर के प्रति वफादारी एक नैतिक जिम्मेदारी है.
- कोर्ट में Extramarital Affair साबित करने के लिए ठोस सबूत की जरूरत होती है, जैसे चैट्स, फोटो, वीडियो, कॉल रिकॉर्ड, गवाह आदि.
- कानून भले ही अब Extramarital Affair को अपराध न माने, लेकिन इसे समाजिक रूप से गलत और विवाह-विश्वास का उल्लंघन माना जाता है.
- अगर पत्नी Extramarital Affair में पाई जाती है, तो उसे भरण-पोषण (maintenance) मिलने की संभावना कम हो सकती है. वहीं अगर पति दोषी पाया जाता है, तो पत्नी को भरण-पोषण मिल सकता है.
अटकलें और आगे का रास्ता
तेज प्रताप के निष्कासन ने बिहार की राजनीति में नए समीकरणों को हवा दी है. क्या वे किसी अन्य दल का दामन थामेंगे या एकला चलो की राह पकड़ेंगे, इस पर कयास तेज हैं. उधर एनडीए और कांग्रेस-महागठबंधन दोनों इस प्रकरण को नैतिकता और पारिवारिक कलह के मुद्दे पर भुनाने की कोशिश करेंगे. साफ है कि यह परिवार‐केंद्रित तूफान अब पूरे चुनावी मौसम का तापमान तय करेगा.