शराब बना जानलेवा! बिहार में सात लोगों की मौत, स्थानीय और प्रशासन के बयान से बढ़ा कंफ्यूजन
बिहार में साल शराब पर प्रतिबंध लगने के बावजूद 2024 में, राज्य ने बताया कि शराब प्रतिबंध लागू होने के बाद से 150 से अधिक मौतें अवैध शराब से जुड़ी थीं. वहीं बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई है. हालांकि शवों के दाह संस्कार से मौत के कारण का पता लगाना मुश्किल हो गया है.

बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई है. कई दिनों में हुई मौतों के कारण स्थानीय अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है. पहली मौत की सूचना 15 जनवरी को दी गई थी, लेकिन रविवार तक पुलिस को मौतों के बारे में अवगत नहीं कराया गया, तब तक सभी पीड़ितों का अंतिम संस्कार किया जा चुका था.
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक शौर्य सुमन ने पुष्टि की कि मौतें लौरिया थाना क्षेत्र में हुई हैं. जबकि स्थानीय लोगों ने मौतों के लिए जहरीली शराब को जिम्मेदार ठहराया है. एसपी ने कहा कि सभी मौतें अवैध शराब के कारण नहीं हुईं। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी थी, जबकि दूसरे की लकवे के हमले से मौत हो गई थी. अधिकारी अभी भी शेष पांच मौतों का सटीक कारण निर्धारित करने की कोशिश कर रहे हैं.
मौत से पहले पी थी शराब
पश्चिम चंपारण के उप विकास आयुक्त, सुमित कुमार ने कहा कि शवों के दाह संस्कार से मौत के कारण का पता लगाना मुश्किल हो गया है. घटना की जांच के लिए एक जांच टीम गठित की गई है, जिसकी रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर आने की उम्मीद है. टीम पिछले कुछ दिनों में मरने वाले पीड़ितों की पहचान करने का भी काम करेगी. मृतकों में से एक के परिवार के सदस्य ने पुष्टि की कि उसके भाई प्रदीप ने मरने से पहले अपने दोस्त मनीष के साथ शराब पी थी.
मेडिकल प्रोफेशनल की टीम कर रही हैं जांच
मौतों ने बिहार के शराब प्रतिबंध की प्रभावशीलता के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं, जिसे 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तहत लागू किया गया था. 2024 में, राज्य ने बताया कि शराब प्रतिबंध लागू होने के बाद से 150 से अधिक मौतें अवैध शराब से जुड़ी थीं. स्थानीय अधिकारियों ने जांच में सहायता के लिए मेडिकल प्रोफेशनल की दस टीमें बनाई हैं. एसपी शौर्य सुमन ने कहा कि रिपोर्ट के बाद और विवरण सामने आएगा, उन्होंने कहा कि पीड़ितों की उम्र अलग-अलग है और मौतें अलग-अलग दिनों में हुईं.