'आपका पड़ोसी आपके घर पर पत्थर और बम फेंके तो...', ऑपरेशन सिंदूर पर PK बोले- अब ऐसी कार्रवाई करो कि ये ताकतें फिर उठ न सकें
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भारतीय सेना की 'ऑपरेशन सिंदूर' कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम बहुत पहले उठाया जाना चाहिए था. उन्होंने पाकिस्तान की लगातार आतंकी हरकतों पर कड़ा रुख अपनाने की मांग की और कहा कि अब कार्रवाई इतनी सख्त होनी चाहिए कि दुश्मन दोबारा सिर न उठा सके. पीके ने मीडिया से अपील की कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों को तमाशा न बनाया जाए. उन्होंने कहा कि सेना जो कर रही है, वही सही है और हम पूरी तरह उनके साथ हैं.

Prashant Kishor on Operation Sindoor: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने ऑपरेशन सिंदूर पर सेना की कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम बहुत पहले उठाया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अगर आपका पड़ोसी लगातार आपके घर पर पत्थर, गोला-बारूद और बम फेंकता है, तो आप कब तक सहेंगे?
प्रशांत किशोर ने जोर दिया कि जब पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो ही गई है, तो वह इतनी मजबूत होनी चाहिए कि ऐसी ताकतें दोबारा खड़ी न हो सकें.
"मीडिया ट्रायल नहीं, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है"
पीके ने कहा कि यह विषय मीडिया के लिए तमाशा नहीं बनना चाहिए. यह लोगों की ज़िंदगियों और देश की सुरक्षा का मामला है.
"हम पूरी तरह सेना और सरकार के साथ खड़े हैं"
किशोर ने कहा कि जब तक सेना बयान न दे, तब तक कुछ भी कहना उचित नहीं होता. उन्होंने कहा, "मैंने सुबह से कुछ नहीं कहा, क्योंकि यह सेना के बोलने के बाद ही कहा जाना चाहिए. हम सरकार और सेना के साथ पूरी तरह खड़े हैं."
ऑपरेशन सिंदूर से भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकानों को किया तबाह
भारतीय सेना ने बुधवार सुबह 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया. विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि हमने ऐसी जगहों को चुना जहाँ नागरिकों और उनके ढांचों को कोई नुकसान न हो.
मुरिदके, सियालकोट, कोटली जैसे खतरनाक ठिकाने तबाह
कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जिन आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया, उनमें मुरिदके, सियालकोट का सरजल कैम्प, कोटली का मार्कज़ अब्बास और अन्य शामिल हैं. ये वहीं स्थान हैं, जहां डेविड हेडली और अजमल कसाब जैसे आतंकियों को प्रशिक्षण मिला था.
पहलगाम हमले का बदला
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पहलगाम हमला बेहद बर्बर था, जिसमें पीड़ितों को करीब से सिर में गोली मारकर उनके परिवार वालों के सामने मारा गया. इसका उद्देश्य घाटी में लौट रही सामान्य स्थिति को बाधित करना था."