नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अगले पांच साल में 1 करोड़ रोजगार देने का लक्ष्य, मेट्रो और सुरक्षा योजनाओं पर भी मुहर
नीतीश कैबिनेट ने 5 वर्षों में 1 करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य तय किया है. मेट्रो संचालन, दुर्घटना मृत्यु अनुदान और बम निरोधक दस्ते के लिए जोखिम भत्ता जैसे अहम फैसलों को भी मंजूरी मिली. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी जो रोजगार रणनीति पर काम करेगी। मेट्रो संचालन में ₹179 करोड़ की स्वीकृति दी गई है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में राज्य के भविष्य को बदलने वाले 30 बड़े फैसलों को मंजूरी दी गई. बैठक की सबसे अहम घोषणा रही कि बिहार सरकार 2025 से 2030 के बीच 1 करोड़ नई नौकरियां और स्वरोजगार के अवसर पैदा करेगी. इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा, मेट्रो संचालन और कर्मचारियों के भत्तों को लेकर भी कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए गए.
बिहार कैबिनेट के इन निर्णयों से साफ है कि सरकार आने वाले वर्षों में रोजगार, बुनियादी ढांचा, सामाजिक सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही पर जोर देने जा रही है. ये फैसले सिर्फ नीतिगत बदलाव नहीं बल्कि राज्य की युवा शक्ति, श्रमिक वर्ग और आम नागरिकों के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत हैं.
1 करोड़ युवाओं को मिलेगा नया अवसर
राज्य सरकार ने एक दीर्घकालीन लक्ष्य तय किया है जिसके तहत आने वाले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ने की योजना बनाई गई है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जाएगी, जो संभावनाओं का आकलन कर रणनीति तय करेगी. यह कदम राज्य में निवेश बढ़ाने और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के नजरिए से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
मेट्रो से पटना को मिलेगी तेज रफ्तार
कैबिनेट ने पटना मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण यानी प्रायोरिटी कॉरिडोर के संचालन और रखरखाव के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को ₹179.37 करोड़ की सेवा लागत पर जिम्मेदारी सौंपी है. इसके अलावा, तीन साल के किराए के आधार पर ₹211.54 करोड़ के अतिरिक्त अनुमोदन को भी मंजूरी दी गई. इससे मेट्रो संचालन के पहले चरण के रास्ते पूरी तरह साफ हो गए हैं.
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दुर्घटना में मौत पर गैर-सरकारी करदाताओं को ₹5 लाख का अनुदान
सरकार ने एक नई सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत बिहार राज्य के निबंधित गैर-कॉरपोरेट करदाताओं की दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में उनके परिजनों को ₹5 लाख की अनुदान राशि देने की घोषणा की है. इस फैसले से राज्य के छोटे व्यवसायियों और उनके परिवारों को राहत मिलेगी और सामाजिक सुरक्षा का दायरा भी व्यापक होगा.
बम निरोधक दस्ते को मिलेगा 30% जोखिम भत्ता
कैबिनेट ने बम निरोधक दस्ते में कार्यरत कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 30% (अधिकतम ₹25,000 प्रति माह) तक जोखिम भत्ता देने की स्वीकृति दी है. यह निर्णय न सिर्फ उनके साहसिक कार्यों को सम्मान देने की पहल है, बल्कि उन्हें मानसिक और आर्थिक मजबूती देने वाला भी है.
सरकारी कर्मियों को मिली लंबित वेतन वृद्धि की राहत
कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि राज्य सेवा के एक अधिकारी को 2016 से लंबित वार्षिक वेतन वृद्धि अब दी जाएगी. यह निर्णय उन कर्मियों के लिए राहत लेकर आया है जिन्हें वर्षों से वित्तीय लाभ से वंचित रखा गया था. इससे सरकारी कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ेगा.