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मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया मुंगेर में ASI की हत्या का आरोपी, SHO समेत चार पुलिसकर्मी भी घायल

मुंगेर में एएसआई संतोष कुमार की मौत ने सभी को हैरान कर दिया. जहां शिकायत के बाद मौके पर ही उन पर लोगों ने धारीदार हथियार से हमला किया. इसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. अब इस पर सियासत जारी है. साथ ही, इस मामले में अब पुलिस मुठभेड़ में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया मुंगेर में ASI की हत्या का आरोपी, SHO समेत चार पुलिसकर्मी भी घायल
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( Image Source:  Freepik )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 15 March 2025 12:34 PM IST

मुंगेर के नंदलालपुर गांव में एक परिवार शराब पीकर हंगामा कर रहा था. जब इस बात की खबर पुलिस को मिली, तो एएसआई संतोष कुमार सिंह मौके पर पहुंचे. इस दौरान आरोपी और उसके पूरे परिवार ने उन पर हमला कर दिया. इसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें पटना रेफर कर दिया. इलाज के दौरान ही संतोष कुमार की मौत हो गई.

अब इस मामले में नया अपडेट आया है. जहां संतोष कुमार के हत्यारों को पकड़ने गई टीम पर अपराधियों ने हमला किया. इसके कारण चार पुलिस वाले घायल हुए. हालांकि, इस मुठभेड़ के दौरान पुलिस को बड़ी सफलता मिली, जहां गोलीबारी में गुड्डू यादव के पैर में गोली लगी.

चश्मदीद का बयान

एएनआई के साथ बातचीत में प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि 'मैं घर पर नहीं था. मेरा परिवार यहां था. मैं अपने दोस्तों के साथ होली खेल रहा था. मेरे बेटे के सिर पर चोटें थीं, उसने कहा कि उसे, उसकी मां और चाचा को चोट लगी है. मैंने पुलिस स्टेशन जाने का सुझाव दिया. पुलिस स्टेशन में उन्होंने मुझे वापस जाने के लिए कहा और प्रशासन ने मौके पर आकर सब कुछ देखा. हम घर लौट आए और जब वह (एएसआई संतोष कुमार सिंह) यहां आए, तो हमने अचानक यह सब देखा.

बिहार में जंगलराज- आरजेडी

इस मामले में आरजेडी ने सरकार को घेरा. जहां आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अब इस सरकार को विदा ले लेना चाहिए. बिहार में जंगलराज कामय है. जहां पुलिस वाले ही सुरक्षित नहीं है. सोचिए वहां आम आदमी तो भगवान भरोसे ही होगा.

बीजेपी का पलटवार

मृत्युंजय तिवारी के बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि जिस तरह से पुलिस वालो को निशाना बनाया जा रहा है. इससे तो लगता है कि यह सोची समझी साजिश हो सकती है. यह विपक्ष का सरकार को बदनाम करने का एक तरीका हो सकता है.


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