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दुनिया के नक्‍शे पर चमकेगी मां सीता की जन्‍मस्‍थली, कैसा होगा पुनौरा धाम और क्या होगा खास?

बिहार के सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मां सीता मंदिर की आधारशिला रखी. 900 करोड़ की लागत से बनने वाला यह मंदिर 67 एकड़ में फैलेगा. परियोजना में धार्मिक परिसर, पर्यटक सुविधाएं, और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है. इसका उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और मिथिला की सांस्कृतिक पहचान को विश्व मंच पर स्थापित करना है.

दुनिया के नक्‍शे पर चमकेगी मां सीता की जन्‍मस्‍थली, कैसा होगा पुनौरा धाम और क्या होगा खास?
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( Image Source:  X/singh_loke34264 )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 8 Aug 2025 1:30 PM IST

बिहार के धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ने जा रहा है. आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में भव्य जानकी मंदिर की आधारशिला रखेंगे. इस कार्यक्रम को लेकर पूरे मिथिला क्षेत्र में उत्साह है. खुद अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए इसे पूरे देश, खासकर मिथिलावासियों के लिए "शुभ दिन" बताया है.

करीब 900 करोड़ की लागत से बनने इस मंदिर की डिज़ाइन अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर तैयार की गई है. बिहार सरकार ने इसके लिए पहले ही 882.87 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी दे दी है. मंदिर के साथ-साथ पर्यटन, आवास और आधारभूत संरचनाओं के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.

67 एकड़ भूमि पर बनेगा मंदिर

इस जानकी मंदिर परियोजना का निर्माण कुल 67 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है. इसमें सिर्फ मंदिर ही नहीं, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन गतिविधियों से जुड़े अनेक ढांचे भी शामिल होंगे. मंदिर परिसर के चारों ओर सजीव वास्तुकला, गार्डन, जलाशय, और श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था को शामिल किया गया है.

भव्य मंदिर की विशेषताएं

यह मंदिर पारंपरिक भारतीय मंदिर वास्तुकला के अनुरूप तैयार किया जाएगा, इसकी मुख्य विशेषताएं होंगी

  • सफेद संगमरमर जैसा शिल्प, ऊंचा शिखर, तोरण द्वार
  • विशाल गर्भगृह में सीता माता की मूर्ति
  • हवन मंडप, पूजा स्थल, ध्यान केंद्र और प्रवचन हॉल
  • श्रद्धालुओं के लिए ध्यान स्थल, यज्ञशाला, भोजनालय, धर्मशाला

मंदिर के अलावा बनेंगी ये सुविधाएं

इस परियोजना में सिर्फ मंदिर नहीं, बल्कि एक पूरा धार्मिक-पर्यटन शहर बसाने की योजना है. इसमें शामिल हैं:

  • सीता वाटिका और लव-कुश वाटिका
  • संग्रहालय, धरोहर द्वार, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया
  • ई-कार्ट स्टेशन, पैसेंजर डॉर्मिटरी, गेस्ट हाउस
  • पार्किंग, फुटपाथ, स्ट्रीट लाइटिंग, बस टर्मिनल
  • डिजिटल सूचना केंद्र, CCTV सुरक्षा प्रणाली

भूमि जोतते समय मिली थीं सीता माता

पुनौरा धाम वही स्थान है जिसे धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राजा जनक द्वारा भूमि जोतते समय सीता माता (जानकी) के प्रकट होने का स्थान माना जाता है. यहां आज भी वह स्थल मौजूद है जिसे जानकी कुंड कहा जाता है. यह स्थान सदियों से आस्था का केंद्र रहा है और अब इस मंदिर के बनने के बाद इसका ऐतिहासिक महत्त्व और बढ़ जाएगा.

श्रद्धालुओं को मिलेगी आधुनिक सुविधाएं

श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने सीतामढ़ी से दिल्ली के लिए अमृत भारत ट्रेन की घोषणा की गई है. मंदिर परिसर में ही आधुनिक बस अड्डा, शौचालय, होटल, और रेस्ट हाउस बनाए जाएंगे ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो.

राम मंदिर के बाद अब सीता मंदिर

राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह शिलान्यास बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हो रहा है, जिसे कई जानकार भाजपा के लिए एक बड़ा सांस्कृतिक कार्ड मान रहे हैं. जैसे राम मंदिर मुद्दा भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा रहा, वैसे ही मिथिला क्षेत्र में जानकी मंदिर का निर्माण भी भावनात्मक और राजनीतिक रूप से अहम हो सकता है.

मिथिला की अस्मिता जुड़ा है जनक स्थान

मिथिला की संस्कृति में माता सीता केवल देवी नहीं, बेटी हैं. पुनौरा धाम का यह मंदिर ना सिर्फ धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनेगा, बल्कि मिथिला की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करेगा. इससे स्थानीय कारीगरों, मिथिला पेंटिंग, और हस्तशिल्प को भी बढ़ावा मिलेगा, जो आर्थिक रूप से ग्रामीण समाज को सशक्त बनाएगा.

बिहार के धार्मिक मानचित्र पर नई पहचान

यह मंदिर बिहार को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर एक नई पहचान देगा. सीतामढ़ी, जो अब तक सीमावर्ती और उपेक्षित माना जाता था, वहां अब आधारभूत संरचना, रोजगार और सांस्कृतिक गतिविधियों की भरमार होगी. इस परियोजना के पूर्ण होते ही यह क्षेत्र बिहार का “अयोध्या” बन सकता है. एक जीवंत केंद्र जहां आस्था, संस्कृति और विकास एक साथ पनपते हैं.

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