जितना सुंदर बच्चा, उतनी ज्यादा कीमत! गाजियाबाद में मासूमों की तस्करी का रैकेट, पुलिस ने ऐसे किया पर्दाफाश
Ghaziabad News: गाजियाबाद पुलिस ने बाल तस्करी के घिनौने अपराध का पर्दाफाश किया है. आरोपी बच्चों का अपहरण कर उन्हें अलग-अलग राज्यों में नि:संतान दंपतियों को बेच देते थे. नहरे रंग (गोरे रंग) के शिशुओं की कीमत 5 लाख रुपये तक थी.

Ghaziabad News: माता-पिता बनाना जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी मानी जाती है. लेकिन कई बार ये खुशियां कुछ लोगों की किस्मत में नहीं होती. ऐसे में वह बच्चा गोद लेते हैं. अब गाजियाबाद में ऐसा की कपल की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने बाल तस्करी के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरनगर और शामली में मैरिज ब्यूरो चलाने वाली दो महिलाओं सहित 4 पर एक्शन लिया गया है. आरोपी बच्चों का अपहरण कर उन्हें अलग-अलग राज्यों में नि:संतान दंपतियों को बेच देते थे. बच्चे के रंग-रूप के हिसाब के कीमत लगाई जाती थी.
नवजात बच्चों की तस्करी
गाजियाबाद पुलिस ने इस पूरे बाल तस्करी के घिनौने अपराध का पर्दाफाश किया है. पुलिस के मुताबिक यह गिरोह नवजात शिशुओं को किडनैप करता था फिर बेच देता था. सबसे हैरानी की बात यह है कि बच्चों की कीमत त्वचा के रंग और लिंग के आधार पर तय की जाती थी. जैसे- सुनहरे रंग (गोरे रंग) के शिशुओं की कीमत 5 लाख रुपये तक थी. अब पुलिस अन्य पीड़ितों का पता लगाने एवं तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी है.
5 लाख रुपये में सौदा
पुलिस ने बताया कि बच्चे की तस्करी में शामिल गिरोह 1.5 लाख रुपये से ऊपर तक बच्चों का सौदा करता था. पुलिस इस मामले में मुरादाबाद के एक अस्पताल से जुड़ी एक नर्स और एक आशा कार्यकर्ता की भी तलाश कर रही है, जिससे बच्चों की ब्रिकी में स्वास्थ्य सुविधाओं की संभावित हाथ होने का संकेत मिलता है.
आरोपियों में नावेद अंसारी (19), अफसर (28), स्वाति उर्फ शाइस्ता (35) और संध्या चौहान (37) शामिल हैं. बता दें कि संध्या ही मुजफ्फरनगर में सुभारती मैरिज ब्यूरो चलाती है. वहीं स्वाति मुरादाबाद में परी मैरिज ब्यूरो चलाती है. अफसर की एक ट्रॉनिका सिटी में मीट की दुकान था और नावेद दिहाड़ी मजदूर है.
कैसे हुआ खुलासा?
गुरुवार 7 अगस्त को लोनी के एक घर से बच्चा चोरी होने की जानकारी मिली. पुलिस ने अपहरणकर्ता से 1 साल के बच्चे को छुड़ाया और उसके माता-पिता को सौंप दिया. फिर पुलिस ने मामले की जांच की और फिर पूरे बच्चा तस्करी कांड का खुलासा हुआ. आरोपी लोनी से बच्चे को लेकर बेचने जा रहे थे. उन्हें आखिरी बार ट्रोनिका सिटी में घर के बाहर खेलते देखा गया था.
पुलिस ने लोनी स्थित रेलवे और बस स्टैंड पर लगे सीसीटीवी कैमरों की तलाशी की, जिसमें एक महिला बच्चे के साथ नजर आई. महिला ने कहा कि नावेद ने उसे यह कहकर बच्चा दिया था कि उसकी मां भाग गई है. बाद में पता चला कि कपल ने बच्चे के लिए ढाई लाख रुपये दिए थे. जांच में पता चला कि गिरोह ने पिछले 3 साल में 10 से ज्यादा बच्चों की तस्करी की है.