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बिहार के हर जिले में मेडिकल कॉलेज! 2005 में 6, अब होंगे 42; नीतीश सरकार ने पूरा किया बड़ा वादा

बिहार में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 6 से बढ़कर 42 होने जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का वादा पूरा किया है. हाल ही में 7 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिली है, जिससे सभी 38 जिलों में कॉलेज स्थापित हो जाएंगे्. इससे स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी, युवाओं को शिक्षा के अवसर मिलेंगे और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे. पुराने कॉलेजों का भी अपग्रेडेशन जारी है.

बिहार के हर जिले में मेडिकल कॉलेज! 2005 में 6, अब होंगे 42; नीतीश सरकार ने पूरा किया बड़ा वादा
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( Image Source:  Sora AI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 6 Sept 2025 2:41 PM

बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने के अपने लंबे समय से चले आ रहे वादे को पूरा करने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल कर ली है. साल 2005 में बिहार में महज 6 मेडिकल कॉलेज थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 42 तक पहुंचने वाली है. हाल ही में राज्य कैबिनेट ने सात और जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी है, जिससे बिहार के 38 में से हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज उपलब्ध होगा.

यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि युवाओं के लिए मेडिकल शिक्षा के अधिक अवसर भी प्रदान करेगी. स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के साथ-साथ इससे लाखों लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी. विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अभी तक पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं नहीं थीं, वहां मेडिकल कॉलेज खुलने से स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ेगी.

क्‍या है मौजूदा स्थिति

वर्तमान में बिहार में कुल 15 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं. इनमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा संचालित संस्थान शामिल हैं. इनमें पटना का पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस, एआईआईएमएस, दरभंगा का डीएमसीएच, गया का अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज, भागलपुर का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर का श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज, बेतिया, मधेपुरा, पूर्णिया, नालंदा, समस्तीपुर और सारण जैसे जिलों में संचालित कॉलेज शामिल हैं.

इसके अतिरिक्त, 20 नए मेडिकल कॉलेज विभिन्न जिलों में निर्माणाधीन हैं. इन जिलों में जमुई, बक्सर, सीवान, आरा, वैशाली, बेगूसराय, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, मुंगेर और दरभंगा (जहां दूसरा एम्स विकसित हो रहा है) शामिल हैं. नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरभंगा एम्स की आधारशिला रखी थी, जिससे बिहार के उत्तरी भाग में स्वास्थ्य सेवाओं को और बल मिलेगा.

सात नए कॉलेजों की मंजूरी

पिछले सप्ताह राज्य कैबिनेट ने किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा में मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी. इन सात मेडिकल कॉलेजों के चालू होने के बाद बिहार में मेडिकल कॉलेजों की कुल संख्या 42 हो जाएगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस पर भी इस लक्ष्य को दोहराया था और अब यह योजना साकार होने जा रही है.

पुराने कॉलेजों का अपग्रेडेशन

राज्य सरकार छह पुराने मेडिकल कॉलेजों को भी अपग्रेड कर रही है. पटना स्थित पीएमसीएच को 5462 बेड वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में विकसित किया जा रहा है. यह परियोजना 5540 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही है और मार्च 2027 तक पूर्ण होगी. मई 2025 में मुख्यमंत्री ने पीएमसीएच के 1117 बेड वाले ट्विन टॉवर का उद्घाटन किया. इसके अलावा आईजीआईएमएस को 3000 बेड तक विस्तार दिया जा रहा है. अन्य कॉलेजों में भी 2500 बेड तक की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है.

निजी कॉलेजों का योगदान

बिहार में कुल 9 निजी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं. ये संस्थान भी मेडिकल शिक्षा और इलाज के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. निजी और सरकारी संस्थानों के सहयोग से स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा मिल रही है.

आम लोगों और युवाओं को लाभ

इस योजना से आम लोगों को इलाज में राहत मिलेगी. डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. साथ ही मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को अधिक विकल्प मिलेंगे. ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं की पहुंच बढ़ने से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा.

नीतीश कुमार सरकार का यह कदम बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है. इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी, बल्कि राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा.

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