Begin typing your search...

राम मंदिर की रखी थी पहली ईंट, 'रोटी के साथ राम' का दिया था नारा; जानें कामेश्वर चौपाल के बारे में

Kameshwar Chaupal: कामेश्वर चौपाल ने राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी. अब हमारे बीच नहीं रहे. आज पटना में उनका अंतिम संस्कार होगा. उनकी मृत्यु की पुष्टि बिहार बीजेपी ने एक्स पोस्ट में की है. चौपाल को 2020 में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में उन्हें शामिल किया गया. संघ ने चौपाल को पहला कार सेवक का दर्जा दिया था.

राम मंदिर की रखी थी पहली ईंट, रोटी के साथ राम का दिया था नारा; जानें कामेश्वर चौपाल के बारे में
X
( Image Source:  @kundansinghbjp )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 7 Feb 2025 11:01 AM IST

Ayodhya Ram Mandir: हिन्दुओं के लिए राम मंदिर सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है. 500 साल बाद भगवान श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर बनने से जनता बहुत खुश नजर आ रही हैं. लंबे सघर्ष के बाद अयोध्या में मंदिर का निर्माण हुआ है. अब राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले और राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है.

जानकारी के अनुसार, राम मंदिर के निर्माण के वक्त कामेश्वर चौपाल काफी चर्चा में बने थे. उनकी मृत्यु की पुष्टि बिहार बीजेपी ने एक्स पोस्ट में की है. उनका पार्थिव शरीर दोपहर 2 बजे तक पटना एयरपोर्ट पर लाया जाएगा. उसके बाद उनके शव को बीजेपी प्रदेश मुख्यालय ले जाया जाएगा.

पटना में होगा अंतिम संस्कार

बिहार बीजेपी ने बताया कि 'राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, राम मंदिर जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई कामेश्वर चौपाल हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने अपना पूरा जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में बिताया. वह मां भारती के सच्चे लाल थें. ईश्वर उनकी आत्मा तो शांति दे. हमारी और से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!' मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कामेश्वर चौपाल ने लंबे समय से बीमार थे. वह दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे और वहीं अंतिम सांस ली.

कौन थे कामेश्वर चौपाल?

कामेश्वर चौपाल ने मधुबनी जिले से अपनी पढ़ाई पूरी की. यहीं वे संघ के संपर्क में आए थे. संघ से जुड़ने के बाद उन्होंने कॉलेज में एडमिशन लिया और ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. फिर वह मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बन गए थे. वह बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके थे. साल 2004 से 2014 तक वो एमएलसी रहे. इस दौरान उन्होंने कई बार चुनाव लड़ा लेकिन असफल हो गए. इसके बाद 2020 में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में उन्हें शामिल किया गया. संघ ने चौपाल को पहला कार सेवक का दर्जा दिया था.

रोटी के साथ राम का नारा

कामेश्वर चौपाल ने रोटी के साथ राम का नारा दिया था. 1989 में 9 नवंबर को राम मंदिर निर्माण के लिए हुए शिलान्यास कार्यक्रम में उन्होंने ही पहली ईंट रखी थी. कामेश्वर वहां विश्व हिंदू परिषद के बिहार के सह संगठन मंत्री के नाते अयोध्या गए थे. धर्मगुरुओं ने कामेश्वर चौपाल को शिलान्यास के लिए पहली ईंट रखने को कहा था. इसके बाद पूरे देश में उनके नाम की चर्चा होने लगी.

India News
अगला लेख