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बेटे की चाहत में उठाया शर्मनाक कदम, बेटी होने पर टॉयलेट में फेंक फरार हुए घरवाले

देश बदल रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. 21वीं सदी में जीने के बावजूद आज भी बेटे और बेटियों में फर्क करने की मानसिकता ज्यों की त्यों है. बेटे की चाहत में आज भी कई बच्चियों को मौत के घाट उतार दिया जाता है. ऐसा ही एक मामला बिहार के जमुई से सामने आया है.

बेटे की चाहत में उठाया शर्मनाक कदम, बेटी होने पर टॉयलेट में फेंक फरार हुए घरवाले
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( Image Source:  META AI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 17 Nov 2025 7:12 PM IST

म्हारी छोरी छोरों से कम है क्या? यकीनन कम है, क्योंकि सरकार के बेटी बचाओ से बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान के बावजूद भी आज भी लोगों की मानसिकता नहीं बदली है. आज भी हालात वैसे के वैसे ही हैं. यह बात हम हवा में नहीं कह रहे हैं बल्कि बिहार के जमुई से ऐसा ही मामला सामने आया है.

जहां बेटे की चाहत में नन्ही बच्ची को मौत के घाट उतार दिया गया. दरअसल जमुई के सदर अस्पताल में बच्ची के जन्म के बाद उसे टॉयलेट में फेंक दिया गया. इतना ही नहीं, इस घिनौनी हरकत के बाद सभी लोग अस्पताल से फरार हो गए. यह बात तब सामने आई, जब अस्पताल का क्लीनिंग स्टाफ टॉयलेट को साफ कर रहा था.

3 घंटे की मश्क्कत

इसके बाद सफाई कर्मी ने इस बात की खबर अस्पताल मैनेजमेंट को दी. इसके बाद शव को निकालने का काम सफाई कर्मी संजय कुमार को दिया गया, लेकिन 1 घंटे बीत जाने के बाद भी उनके हाथ सफलता नहीं लगी. इसके बाद मैनेजमेंट ने 3 और सफाई कर्मी ने मिलकर टॉयलेट को सीट को तोड़ा, जिसके कारण नवजात का सिर धड़ से अलग हो गया था. करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद बच्ची के सिर को टॉयलेट से बाहर निकाला गया.

अस्पताल के पास कोई रिकॉर्ड नहीं

इस दिन सदर अस्पताल में चार बच्चों का जन्म हुई. इनमें दो बेटे और दो बेटी हैं. अस्पताल के पास इन सभी का रिकॉर्ड है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिस बच्ची का शव टॉयलेट में मिला, उसके बारे में अस्पताल के पास कोई जानकारी नहीं है.

खंगाले जा रहे सीसीटीवी फुटेज

इस मामले में अस्पताल के मैनेजमेंट ने बताया कि सारे सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, ताकि परिवार की पहचान की जा सके. वहीं, नवजात के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में पता चला कि बच्ची की मौत 5 घंटे पहले हुई थी. इसका मतलब है कि बुधवार की सुबह 6 बजे यह शर्मनाक हरकत की गई.

कुत्ते ने नोंचा शव

12 जनवरी को भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नवजात की मौत हो गई थी. अस्तपताल की नर्स कर्मियों ने उसके शव को एक कार्टून में रखकर उसे टॉयलेट के पास फेंक दिया था. जहां पर कुत्ते ने बच्चे के 75 प्रतिशत शव को नोंच कर खा लिया था.

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