नौसेना को मिला नया रक्षा कवच ‘Mahe’, पलक झपकते पाक-चीन के ठिकाने कर देगा ध्वस्त, बढ़ा रक्षा बजट, जानें खासियत
Indian Navy INS Mahe: भारतीय नौसेना को नया पावर बूस्टर युद्धपोत ‘Mahe’ आज मिल गया. इससे देश की रक्षा बजट में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. दोनों मिलकर भारत के रक्षा परिदृश्य में एक नई लकीर खींच रहे हैं. यह समुद्री सुरक्षा के मामले में नौसेना को आत्मनिर्भर, रणनीतिक गहराई और अगली पीढ़ी की क्षमता निर्माण का प्रतीक है.
Indian Navy INS Mahe News: भारतीय नौसेना को नया बूस्टर युद्धपोत ‘Mahe’ मिलने से समुद्री सुरक्षा को जबरदस्त बल मिला है. इसके साथ ही INS Mahe नामक नया युद्धपोत आज Indian Navy में शामिल हो गया. वहीं, रक्षा तैयारियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा बजट में लगभग 9.5% की बढ़ोतरी भी कह है. यानी भारतीय नौसेना अब माहे के दम पर दुश्मन देश के ठिकानों को पलक झपकते ध्वस्त करने की क्षमता से लैस हो गया है.
क्या है माहे की खासियत?
- भारत ने Cochin Shipyard Limited (CSL) के माध्यम से ASW-SWC (Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft) श्रेणी का पहला जहाज है. ‘Mahe’ को 24 अक्टूबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया.
- युद्धपोत माहे लगभग 78 मीटर लंबा है. यह डीजल इंजन-वाटर जेट प्रणोदन युक्त सबसे बड़ा भारतीय नौसेना वाहन है.
- इसका निर्माण 90 % से अधिक स्वदेशी सामग्री (indigenous content) से हुआ है.
- माहे तटीय पानी में पनडुब्बी रोधी अभियान (ASW), माइन-लेइंग क्षमता, अंडरवाटर सर्विलांस तथा सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावी तरीके से करने में सक्षम हैं.
- यह कदम 'आत्मनिर्भर भारत' और भारत की समुद्री रक्षा क्षमताओं के नजरिए से दमदार साबित होगा. साथ ही नौसेना की क्षमता में नया आयाम जोड़ने वाला है.
रक्षा बजट में बढ़ोतरी
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत ने रक्षा मंत्रालय को ₹6,81,210 करोड़ (~US$78.6 बिलियन) का बजट आवंटित किया है, जो पिछले वर्ष से लगभग 9.5% अधिक है.
बजट का एक बड़ा हिस्सा वेतन-पेंशन जैसे मानव संसाधन लागत पर खर्च होगा. जबकि आधुनिकीकरण (capital expenditure) के लिए आवंटन ₹1.80 लाख करोड़ के आसपास है. यह बढ़ोतरी भारत के रक्षा-उद्यमों, स्वदेशी निर्माण और क्षमताओं के विस्तार की दिशा में स्पष्ट संकेत है.
युद्धपोत माहे का रणनीतिक महत्व
- माहे समुद्री सीमाओं पर सक्रिय पनडुब्बियों और अन्य जल रक्षात्मक चुनौतियों से निपटने के लिए shallow-water craft की भूमिका अहम योगदान दे सकता है. Mahe जैसी जहाज इस दिशा में घातक उपकरण साबित हो सकती है.
- बजट वृद्धि के कारण नौसेना, वायुसेना और थल सेना को आधुनिक उपकरण, स्वदेशी उत्पादन और रणनीतिक व्यवहार्यताओं के लिए वित्तीय सुदृढ़ता मिली है.
- दोनों पहलू मिलकर यह संदेश देती हैं कि भारत सिर्फ संख्या में नहीं बल्कि गुणात्मक तौर पर भी अपनी रक्षा संरचना को बढ़ा रहा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया है कि इससे नौसेना की नई व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी. उसके कार्यप्रणाली में एकरूपता लाएगी. यह युद्धपोत सशस्त्र बलों को परिचालन तैयारियों के लिए आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं उपलब्ध कराने में सहायक होगी. इससे रक्षा निर्माण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों और स्टार्टअप को अधिक अवसर मिलेंगे. इसकी खरीद में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा.





