चिराग पासवान कितने हुए कामयाब? एनडीए की सुनामी में उभरे सबसे बड़े ‘फिनिशर’, जानें कितना चमका चिराग का सितारा
बिहार चुनाव 2025 में चिराग पासवान एनडीए की सुनामी के सबसे बड़े ‘फिनिशर’ बनकर उभरे. अपने आक्रामक कैंपेन, पीएम मोदी के साथ तालमेल और युवा वोटरों में मजबूत पकड़ की बदौलत चिराग ने एलजेपी (रामविलास) को उम्मीद से कहीं ज्यादा सीटें दिलाईं. सीमांचल से लेकर केंद्रीय बिहार तक उनकी पार्टी ने कई सीटों पर शानदार प्रदर्शन किया. एनडीए की बड़ी जीत में चिराग का योगदान निर्णायक माना जा रहा है. इस चुनाव ने साबित कर दिया कि चिराग पासवान अब बिहार की राजनीति का उभरता हुआ बड़ा चेहरा हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की लैंडस्लाइड जीत ने कई नेताओं को नई ताकत दी, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा जिस नाम की हुई- वह है लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान. कभी एनडीए से बागी होकर नीतीश कुमार को खुली चुनौती देने वाले चिराग ने इस बार लौटकर ऐसा प्रदर्शन किया कि पूरे राजनीतिक माहौल को बदल दिया. 29 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली उनकी पार्टी 8 सीटें जीत चुकी है और 11 पर आगे चल रही है. यानी लगभग 23 सीटों पर बढ़त- करीब ‘जडेजा स्टाइल’ स्ट्राइक रेट!
एनडीए की इस ऐतिहासिक जीत में चिराग की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘चिराग भाई’ कहा, तो गठबंधन ने उन्हें चुनावी रणनीति के केंद्र में रखा. इस बार पासवान समुदाय का वोट जिस तरह सीधे NDA में ट्रांसफर हुआ, उसने बिहार की सत्ता के समीकरण ही बदल दिए. 2020 में नीतीश के लिए ‘खतरा’ माने जाने वाले चिराग इस बार NDA के लिए ‘कमाई वाले खिलाड़ी’ साबित हुए.
2025 में चिराग की पार्टी का धमाकेदार प्रदर्शन
LJP(RV) ने इस बार 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 8 पर जीत दर्ज कर ली, जबकि 11 पर आगे चल रही है. यह 2020 के मुकाबले चौंकाने वाली छलांग है, जब पार्टी 137 सीटों पर लड़कर सिर्फ 1 सीट जीत पाई थी. चिराग ने कहा कि 'लोगों ने मुझे कम आंका था, लेकिन बिहार ने सबको जवाब दे दिया. इस बार भी मेरा भरोसा खुद पर था, किसी सर्वे पर नहीं."
2020 की ‘बगावत’ से 2025 की ‘बड़ी भूमिका’ तक
2020 में चिराग ने नीतीश सरकार के खिलाफ ‘मोदी तुझसे बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं’ का नारा देकर जेडीयू को 43 सीटों पर समेट दिया था. 2025 में वही चिराग नीतीश कुमार के घर जाकर पैर छूते दिखे और छठ पर दोनों का मिलना नई राजनीतिक फिजां बना गया. इस गठजोड़ ने इस बार महागठबंधन का खेल खत्म कर दिया.
मोदी का ‘हनुमान’ वाला बयान बना गेमचेंजर
प्रधानमंत्री मोदी ने पटना की रैली में कहा कि चिराग भाई बिहार के लाल हैं, NDA को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे." यही बयान पासवान समुदाय में बिजली की तरह दौड़ा. 5–6% पासवान वोटरों ने NDA को पूरा ट्रांसफर किया और इसी ने जेडीयू की जीत का रास्ता साफ किया. चिराग ने 100 से ज्यादा रैलियां कीं और उनकी सोशल मीडिया टीम ने X पर माहौल गर्म रखा. उनके वायरल वीडियो, ‘डिप्टी सीएम बनाओ चिराग को’ कैंपेन और चुनावी हमलों ने युवा और दलित वोटर को मजबूती से जोड़ा.
NDA का वोट ट्रांसफर-चिराग की सबसे बड़ी उपलब्धि
चिराग पासवान को मिला NDA का मजबूत सपोर्ट और उन्होंने भी बीजेपी-जेडीयू के लिए अपने वोट पूरी तरह ट्रांसफर किए. इसी रणनीति ने कई सीटों पर जेडीयू और बीजेपी को निर्णायक बढ़त दिलाई, जहां 2020 में LJP ने नुकसान पहुंचाया था. चिराग बोले-2030 से पहले 2029 में मोदी को PM बनवाना है लक्ष्य. चिराग ने कहा कि 2030 में सीएम बनने का सवाल बाद में… पहले 2029 में मोदी जी को चौथी बार प्रधानमंत्री बनाना है." सउन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान आज होते तो इस जीत पर बेहद खुश होते.
विपक्ष पर ‘वोट चोरी’ विवाद पर चिराग का वार
चिराग ने कहा कि SIR हो या वोट चोरी का झूठ… इस जीत ने सब पर फुल स्टॉप लगा दिया है. राहुल गांधी ने मेरे प्रधानमंत्री के खिलाफ जो भाषा इस्तेमाल की, बिहार ने उसका जवाब दे दिया."
2025 के चुनाव में चिराग बने NDA के ‘फिनिशर’
2024 लोकसभा में 5 में 5 सीट जीतकर आए चिराग ने 2025 में भी दिखा दिया कि उनका कद अब बिहार में तेजी से बढ़ रहा है. NDA में उनका रोल मजबूत होगा और वे अब सिर्फ युवा नेता नहीं- एक निर्णायक ताकत बनकर उभर रहे हैं. बिहार की 67.13% की ऐतिहासिक वोटिंग और महिलाओं की भारी भागीदारी ने इस चुनाव को और बड़ा बना दिया.





