देश से बढ़कर कुछ नहीं...दो पल भी बिता न सके दुल्हन के साथ, शादी के अगले ही दिन ड्यूटी पर लौटा वीर जवान
8 मई को बारात नंदन गांव वापस लौटी, लेकिन इस बार दूल्हे के चेहरे पर पारंपरिक शादी की मुस्कान के साथ-साथ कर्तव्य का भाव भी झलक रहा था. त्यागी ने बिना किसी हिचकिचाहट के फैसला ले लिया—9 मई की सुबह वे जम्मू कश्मीर के लिए रवाना होंगे.
बिहार के बक्सर जिले के एक छोटे से गांव नंदन में इस बार मई की गर्मी सिर्फ मौसम से नहीं, बल्कि देशभक्ति के जोश से भी तप रही है. इसी गांव का एक सपूत, त्यागी यादव, आज पूरे देश में मिसाल बन चुका है. उन्होंने ऐसा कदम उठाया है, जिसे सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. त्यागी यादव भारतीय सेना में तैनात हैं। 7 मई 2025 को उनकी शादी कस्बे के पास ही स्थित केसठ गांव में बड़े धूमधाम से हो रही थी. रिश्तेदारों की चहल-पहल, ढोल-नगाड़ों की गूंज, और हर तरफ खुशियों का माहौल था.
लेकिन इन सबके बीच, उनके मोबाइल फोन की एक सूचना ने पूरी कहानी बदल दी. सेना मुख्यालय से आदेश आया था—'छुट्टी रद्द की जाती है, तत्काल ड्यूटी पर लौटें.' देश और सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच यह फैसला सभी जवानों के लिए लिया गया था. पल भर के लिए त्यागी ठहर गए, लेकिन अगले ही पल उनका फैसला स्पष्ट था—'पहले देश, फिर कुछ और'
बारात की वापसी और देश सेवा के लिए विदाई
8 मई को बारात नंदन गांव वापस लौटी, लेकिन इस बार दूल्हे के चेहरे पर पारंपरिक शादी की मुस्कान के साथ-साथ कर्तव्य का भाव भी झलक रहा था. त्यागी ने बिना किसी हिचकिचाहट के फैसला ले लिया—9 मई की सुबह वे जम्मू कश्मीर के लिए रवाना होंगे. वो न केवल एक नया जीवनसाथी लेकर लौटे थे, बल्कि एक नई ज़िम्मेदारी का एहसास भी लेकर चले थे. अपने वचन और अपनी वर्दी दोनों के प्रति निष्ठावान रहना.
कुपवाड़ा की संवेदनशील सीमा पर तैनाती
आज त्यागी यादव जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के मच्छर सेक्टर में तैनात हैं. भारत-पाकिस्तान सीमा का एक संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण इलाका. जब वे अपनी पत्नी और परिवार को छोड़कर रवाना हुए, तो उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी, बस एक ही वाक्य था कि देश से बड़ा कुछ नहीं होता. अपने परिवार को विदा करते वक्त उन्होंने उनकी आंखों में आंसू नहीं, बल्कि गर्व की चमक देखी. उन्होंने कहा, 'अगर देश के लिए जान भी देनी पड़ी, तो हम पीछे नहीं हटेंगे.' इसके बाद उन्होंने ‘जय हिंद’ कहते हुए अपनी पत्नी के सिर पर हाथ फेरा और बक्सर रेलवे स्टेशन की ओर रवाना हो गए.
तनावपूर्ण सीमा और सैनिकों की बुलंद हिम्मत
पिछले दिनों पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई है, हालात युद्ध जैसे बन गए हैं. ऐसे समय में सरकार ने सभी जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. हर सैनिक को तत्काल ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया गया है. इसी आदेश के तहत त्यागी को भी अपनी नई जिंदगी के पहले ही दिन मोर्चे पर लौटना पड़ा.





