Bihar Election 2025: बिहार में वोटरों की लिस्ट जारी, चुनाव आयोग ने SIR के बाद जारी किया फाइनल डेटा
चुनाव आयोग ने बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी है. इस सूची में करीब 7.3 करोड़ मतदाता शामिल हैं, जिनमें लगभग 14 लाख नए वोटरों के नाम भी जोड़े गए हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर चुनाव आयोग ने मंगलवार को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी है. इस सूची में कुल लगभग 7.3 करोड़ मतदाता शामिल हैं, जिनमें करीब 14 लाख नए वोटरों के नाम भी जोड़े गए हैं. इस फाइनल लिस्ट के साथ ही राज्य में चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देना संभव हो गया है. मतदाता अब अपनी जानकारी सीधे Election Commission of India वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं.
चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव इस फाइनल वोटर रोल के आधार पर आयोजित किए जाएंगे. SIR प्रक्रिया 22 साल बाद बिहार में लागू की गई और इसे लेकर राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर बहस भी छिड़ी रही. चुनाव से पहले अंतिम वोटर लिस्ट जारी होना इस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है.
SIR प्रक्रिया के प्रमुख तथ्य
- प्रारंभिक ड्राफ्ट लिस्ट 1 अगस्त को प्रकाशित की गई थी और 1 सितंबर तक दावा व आपत्ति के लिए खुली रही.
- इसके पहले बिहार में कुल 7.89 करोड़ मतदाता थे.
- ड्राफ्ट लिस्ट में 7.24 करोड़ नाम थे, जिसमें 65.63 लाख नाम हटाए गए.
- ड्राफ्ट के बाद 3 लाख मतदाताओं को नोटिस जारी किए गए.
- दावा और आपत्ति अवधि के दौरान 2.17 लाख लोगों ने अपने नाम हटवाने के लिए आवेदन किया, जबकि 16.93 लाख ने नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया.
- 1 अगस्त से 1 सितंबर तक 16.56 लाख से अधिक नए मतदाताओं ने Form-6 के माध्यम से पंजीकरण कराया.
- 36,000 लोगों ने शामिल होने के लिए आवेदन किया और 2.17 लाख ने आपत्ति में नाम हटवाने के लिए आवेदन किया.
- 1 सितंबर से 30 सितंबर तक प्राप्त आवेदन 1 अक्टूबर से निपटाए जाएंगे.
- नियमों के तहत, नामांकन की अंतिम तारीख से 10 दिन पहले तक मतदाता पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं.
राजनीतिक विवाद और विपक्ष की आलोचना
SIR प्रक्रिया को विपक्षी दलों ने जोरदार आलोचना की है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे “वोट चोरी” बताया और राज्य में BJP के साथ कथित सांठगांठ का आरोप लगाया. RJD के तेजस्वी यादव के नेतृत्व में “वोटर अधिकार यात्रा” आयोजित की गई, जिसमें SIR प्रक्रिया को लेकर विरोध जताया गया.
सुप्रीम कोर्ट में भी मामले को लेकर याचिकाएं दायर की गईं. जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमलय बागची ने कहा कि अगर अनियमितताएं पाई जाती हैं तो वोटर लिस्ट को रद्द करने से हिचकिचाएंगे नहीं. उन्होंने “en masse inclusion” को “en masse exclusion” पर प्राथमिकता देने की बात कही.
चुनाव आयोग की तैयारियां और आगामी तारीखें
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, साथ में चुनाव आयुक्त डॉ. एसएस संधु और विनीत जोशी, 4-5 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेंगे. इस दौरे में वे राजनीतिक दलों, राज्य अधिकारियों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे. 3 अक्टूबर को दिल्ली में चुनाव पर्यवेक्षकों की बैठक होगी. बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. फाइनल वोटर लिस्ट जारी होने और आयोग की समीक्षा यात्रा को देखते हुए, चुनाव शेड्यूल 6 या 7 अक्टूबर तक घोषित होने की संभावना है.