BJP से समर्थन वापस लेने वाले मणिपुर इंचार्ज को JDU ने हटाया, कहा- जारी रहेगा सपोर्ट
मणिपुर से जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष ने भाजपा से समर्थन वापस लेने का फैसला लिया था. जैसे ही ये बात पार्टी नेतृत्व तक पहुंची उन्होंने पार्टी के इंचार्ज को उनके पद से हटा दिया है. इसी के साथ एक बार फिर पार्टी ने ये साफ करते हुए कहा कि भाजपा के साथ उनका समर्थन जारी रहेगा.

जनता दल (यूनाइटेड) ने मणिपुर में बीजेपी से अपना समर्थन वापस ले लिया था. लेकिन जैसे ही ये समर्थन वापस लेने वाली बात सामने आई उसके कुछ ही समय बात पार्टी (JDU) ने राज्य से अपने प्रदेश अध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया है, और ये साफ किया है, कि भाजपा के साथ उनका समर्थन जारी रहेगा.
दरअसल मणिपुर , जहां जनता दल (यूनाइटेड) ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. राज्य में जेडीयू का केवल एक विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर हैं और वो भी अब विपक्ष में बैठने वाले थे. लेकिन अब जेडीयू पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने इस संबंध में ऑफिशियली बयान जारी किया है. उन्होंने इस फैसले की खबर को भ्रामक और निराधार बताया है.
भ्रामक और निराधार खबर
उन्होंने इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे भ्रामक और निराधार बताया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मणिपुर से जेडीयू इकाई के अध्यक्ष क्षेत्रीमयुम बीरेन सिंह ने इस बारे में पार्टी नेतृत्व से कोई बातचीत नहीं की और खुद ही ये फैसला लिया था. उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस पर एक्शन लिया है और मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया गया है.
साल 2022 में हुए मणिपुर विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने छह सीटें जीती थीं, लेकिन चुनाव के कुछ महीने बाद ही पांच विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था, भाजपा में चले गए, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी की संख्या मजबूत हो गई थी. पांच विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत मामला स्पीकर के न्यायाधिकरण में लंबित है. 60 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के 37 विधायक हैं. इसे नागा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन भी प्राप्त है.
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इसी साल हुए लोकसभा चुनावों में 12 सीटें जीतने वाली नीतीश कुमार की जेडीयू उन प्रमुख सहयोगियों में से है, जिनके समर्थन से भाजपा को इस बार अपनी सीटों की संख्या में गिरावट के बाद बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने में मदद मिली. भाजपा और जेडीयू बिहार में भी सहयोगी हैं, जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो पाला बदलने के लिए जाने जाते हैं, पिछले साल एनडीए के पाले में लौट आए, जबकि वो इंडिया ब्लॉक के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक थे.