दो-दो वोटर आईडी, दो-दो उम्र! बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर लगा डबल वोटिंग का आरोप, चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर दो विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में नाम होने और अलग-अलग उम्र दर्ज कराने का गंभीर आरोप लगा है. तेजस्वी यादव ने दस्तावेज़ों के साथ हमला बोला तो निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी कर 14 अगस्त तक जवाब मांगा. सिन्हा बोले- नाम हटाने का आवेदन किया था, विपक्ष झूठ फैला रहा है.
निर्वाचन आयोग ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा को नोटिस जारी किया है. आरोप है कि उनके पास दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र हैं और वे दो विधानसभा क्षेत्रों में पंजीकृत हैं. आयोग ने सिन्हा से 14 अगस्त तक जवाब मांगा है कि यह कैसे हुआ और इसके पीछे उनकी क्या भूमिका है.
आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को तुरंत भुनाते हुए आरोप लगाया कि विजय सिन्हा के पास लखीसराय और पटना के बांकीपुर दोनों जगहों की वोटर लिस्ट में नाम है. तेजस्वी ने सवाल उठाया कि आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के बाद भी यह गड़बड़ी कैसे रह गई और कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है.
दो वोटर आईडी, अलग-अलग उम्र
तेजस्वी यादव ने दस्तावेज़ दिखाते हुए कहा कि लखीसराय में सिन्हा की ईपीआईसी आईडी संख्या IAF3939337 है जबकि बांकीपुर में AFS0853341. एक लिस्ट में उनकी उम्र 57 साल और दूसरी में 60 साल दर्ज है. तेजस्वी का आरोप है कि यह धोखाधड़ी है और सिन्हा ने जानबूझकर दो अलग-अलग जगह नाम दर्ज करवाए.
विजय सिन्हा की सफाई
विजय कुमार सिन्हा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पहले उनका और उनके परिवार का नाम बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में था. अप्रैल 2024 में उन्होंने लखीसराय में नाम जोड़ने और बांकीपुर से नाम हटाने के लिए आवेदन किया था. सिन्हा का कहना है कि किसी कारणवश उनका नाम बांकीपुर से नहीं हटाया गया और वह मसौदा मतदाता सूची में रह गया.
‘सिर्फ़ एक ही जगह वोट करता हूं’
सिन्हा ने दावा किया कि वे हमेशा केवल एक ही जगह से मतदान करते हैं. उन्होंने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता झूठ फैला रहे हैं और उनकी छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं. सिन्हा ने यहां तक कहा कि तेजस्वी को इन आरोपों के लिए माफी मांगनी चाहिए.
तेजस्वी का पलटवार
तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि अगर सिन्हा ने दोनों फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए, तो क्या आयोग ने फर्जी हस्ताक्षरों पर आईडी बना दी? क्या इस मामले में दो अलग-अलग नोटिस जारी होंगे या नियम सिर्फ विपक्षी नेताओं पर लागू होते हैं? तेजस्वी ने कहा कि यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है और इस पर जल्द कार्रवाई होनी चाहिए.





