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Bihar: मातम में बदला उत्सव! जीतिया पर मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 46, अभी भी 3 लापता

Bihar: जीतिया उत्सव के दौरान राज्य के 15 जिलों में ये घटनाएं हुईं. इस दौरान महिलाएं अपने बच्चों की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं और दोनों पवित्र स्नान करते हैं. घटना को लेकर परिवार वालों में मायूसी छाई हुई है. इस त्रासदी में ज़्यादातर पीड़ित बच्चे हैं. सरकार ने बताया कि आठ पीड़ितों के परिवारों को पहले ही मुआवजा मिल चुका है.

Bihar: मातम में बदला उत्सव! जीतिया पर मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 46, अभी भी 3 लापता
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Image Creadit- Social Media
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 26 Sept 2024 8:08 PM IST

Bihar: बिहार में जीतिया त्योहार के दौरान अलग-अलग घटनाओं में नदियों और तालाबों में पवित्र स्नान करते समय 37 बच्चों सहित कुल 46 लोग डूब गए. इनमें 7 महिलाएं शामिल हैं. घटना में अभी भी तीन अन्य लापता हैं. बुधवार को आयोजित उत्सव के दौरान राज्य के 15 जिलों में ये घटनाएं हुईं. इस दौरान महिलाएं अपने बच्चों की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं और दोनों पवित्र स्नान करते हैं. इस खुशहाली का माहौल मातम छा गई.

आपदा प्रबंधन विभाग (DMD) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'अब तक कुल 43 शव बरामद किए गए हैं. आगे तलाशी अभियान जारी है.' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. बयान में कहा गया है कि मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और मरने वालों में से आठ के परिवार के सदस्यों को मुआवजा मिल चुका है.

इन जिलों में पसरा मातम

पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, सीवान, रोहतास, सारण, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज और अरवल जिलों से डूबने की घटनाएं सामने आईं. औरंगाबाद जिले में आठ बच्चे , चार बच्चे बरुना थाना क्षेत्र के इटाहाट गांव में और चार अन्य मदनपुर थाना क्षेत्र के कुशहा गांव में डूब गए. डीएमडी ने खोज और बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की कई टीमों को तैनात किया है.

बिहार में बच्चों के लिए माताएं रखती हैं व्रत

बिहार भर में माताएं 'जीतिया' त्यौहार को बहुत श्रद्धा के साथ मनाती हैं. ये व्रत वह अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना के लिए रखती हैं और अपने बच्चों के साथ पवित्र स्नान करती हैं. बिहार में घटी इस घटना से हर को हैरान है. ऐसे त्योहारों की सुरक्षा और प्रबंधन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.

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