Bihar Assembly Polls 2025: पवन सिंह नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, बोले- मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा
भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय गायक पवन सिंह ने स्पष्ट किया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने भाजपा (BJP) में शामिल नहीं हुए हैं. पवन सिंह ने यह भी कहा कि उनका मकसद पार्टी के लिए सच्चा सिपाही बनना है और जनता की सेवा करना है, न कि केवल चुनाव जीतना.

भोजपुरी सिनेमा और संगीत जगत के सुपरस्टार पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में हिस्सा नहीं लेंगे. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “मैं अपने भोजपुरी समाज से यह कहना चाहता हूं कि मैंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए किसी पार्टी में प्रवेश नहीं किया और न ही मेरा ऐसा इरादा है. मैं हमेशा पार्टी का सच्चा सिपाही रहूंगा.”
पवन सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि बीजेपी में शामिल होने का उनका मकसद केवल चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि पार्टी के लिए निष्ठापूर्वक काम करना और जनता की सेवा करना है. उनके इस बयान के बाद उनके फैंस और मीडिया में हलचल मच गई और राजनीति में उनके इरादों को लेकर चर्चा तेज हो गई है.
पवन सिंह ने 2020 के दशक में बीजेपी का समर्थन और जुड़ाव दिखाया था. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें आसनसोल से उम्मीदवार भी घोषित किया लेकिन वो काराकाट से चुनाव लड़ना चाहते थे. इसलिए पवन सिंह ने बीजेपी का ऑफर ठुकराकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और हार गए. इस बार विधानसभा चुनाव से पहले भोजपुरी गायक ने एक बार फिर बीजेपी का दामन थामा है. भोजपुरी सिनेमा और संगीत के क्षेत्र में पवन सिंह ने पिछले 20 सालों में अपार लोकप्रियता हासिल की है. उनके गाने और फिल्मों ने उन्हें सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में पहचान दिलाई है. इस वजह से उनके राजनीतिक कदमों पर मीडिया और समर्थकों की निगाहें हमेशा बनी रहती हैं.
जनता और समर्थकों की प्रतिक्रिया
पवन सिंह के इस स्पष्ट बयान से उनके समर्थकों को राहत मिली कि वह अपने राजनीतिक सफर में सच्चाई और निष्ठा को प्राथमिकता देंगे. कई फैंस ने सोशल मीडिया पर उनके निर्णय का स्वागत किया और कहा कि यह कदम यह दर्शाता है कि पवन सिंह राजनीति में व्यक्तिगत लाभ के पीछे नहीं दौड़ रहे हैं.
राजनीति में उनके आने का मतलब
पवन सिंह के राजनीतिक जुड़ाव ने यह संकेत दिया कि बॉलीवुड और सिनेमा जगत से आने वाले लोकप्रिय चेहरों की राजनीति में नई भूमिका हो सकती है. उनके शामिल होने से बीजेपी को एक नया जनप्रिय चेहरा मिला, जो युवा और भोजपुरी समाज के बीच कनेक्शन बनाता है.
हालांकि, उनका चुनाव न लड़ने का निर्णय यह दर्शाता है कि उनके लिए पार्टी सेवा और जनता की भलाई चुनावी जीत से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. उनके इस फैसले ने यह भी स्पष्ट किया कि राजनीति में जुड़ाव का मतलब हमेशा चुनाव लड़ना नहीं होता, बल्कि जिम्मेदारी और सामाजिक सेवा भी उतनी ही अहम है.