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44 दिनों के बाद ख़त्म हुआ तालाशी अभियान, कोयला खदान में मिले पांच लापता माइनर्स के शव

असम के दीमा हसाओ जिले की बाढ़ग्रस्त कोयला खदान में फंसे पांच खनिकों के शव 44 दिन बाद बरामद किए गए. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और नौसेना की टीमों ने बचाव अभियान चलाया. खदान में भारी पानी भरने के कारण अभियान में कठिनाई आई. सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा और आपराधिक जांच की घोषणा की.

44 दिनों के बाद ख़त्म हुआ तालाशी अभियान, कोयला खदान में मिले पांच लापता माइनर्स के शव
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 20 Feb 2025 10:14 AM IST

असम के दीमा हसाओ जिले में कोयला खदान में 44 दिनों तक चले बचाव अभियान के बाद पांच लापता खनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जिससे यह लंबे समय से जारी ऑपरेशन आखिरकार समाप्त हो गया. ये खनिक जनवरी की शुरुआत में खदान में आई बाढ़ के चलते फंस गए थे, और तब से उन्हें खोजने के प्रयास जारी थे.

6 जनवरी को दीमा हसाओ के उमरंगसो कोयला भंडार में रैट-होल खदान में काम कर रहे नौ खनिक फंस गए थे, जब अचानक खदान में पानी भर गया. घटना के अगले ही दिन राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), नौसेना और सेना के गोताखोरों ने बचाव अभियान शुरू किया. पहला शव दो दिन बाद बरामद हुआ, और उसके बाद तीन अन्य शव तीन दिन के भीतर मिले. 11 जनवरी के बाद से बचाव अभियान लगातार जारी रहा, लेकिन कोई और शव नहीं मिला.

पानी भरा होने की वजह से थी चुनौती

बचाव कार्य में सबसे बड़ी चुनौती खदान में भारी मात्रा में पानी का भरा होना था. यह पानी आसपास की अन्य रैट-होल खदानों के नेटवर्क से आता रहा, जिससे खदान को खाली करना मुश्किल हो गया. खदान की गहराई लगभग 310 फीट थी और इसमें कई संकरी सुरंगें थीं, जिन्हें खनिक कोयला निकालने के लिए इस्तेमाल करते थे. पंपों की मदद से हर घंटे 5 लाख लीटर पानी निकाला जा रहा था, ताकि तल तक पहुंचा जा सके.

शव बरामद कर ऑपरेशन किया बंद

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी रिकी फुकन ने बताया कि शव संकरी सुरंगों में फंसे हुए थे. पानी निकालने के निरंतर प्रयासों के बाद बुधवार को तल साफ हुआ, जिससे बचावकर्मी नीचे जाकर शवों की तलाश कर सके. शाम करीब 5 बजे एनडीआरएफ और सेना की टीमों ने शव बरामद कर लिए और ऑपरेशन बंद कर दिया गया.

सीएम ने की पुष्टि

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पुष्टि करते हुए कहा कि उमरंगसो खदान से अब पानी निकालने का काम पूरा कर लिया गया है, और सभी शेष पांच खनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. अब शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है. मृतकों में गंगा बहादुर श्रेष्ठ (38), हुसैन अली (30), जाकिर हुसैन (38), सरपा बर्मन (46), मुस्तफा शेख (44), खुशी मोहन राय (57), संजीत सरकार (35), लिजान मगर (26) और सरत गोयारी (37) शामिल हैं. इनमें से गंगा बहादुर श्रेष्ठ नेपाल से थे, संजीत सरकार पश्चिम बंगाल से थे, जबकि अन्य असम के विभिन्न हिस्सों के निवासी थे.

मृतक के परिवार को मुआवजा

राज्य सरकार ने इस दर्दनाक घटना के बाद प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. साथ ही, मामले की आपराधिक जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया. इसके अलावा, पूर्व गुवाहाटी उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अनिमा हजारिका की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग भी बनाया गया, जिसे इस त्रासदी की ज़िम्मेदारी तय करने का कार्य सौंपा गया है.

असम न्‍यूज
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