बांग्लादेश के राष्ट्रगान पर असम में बवाल, कांग्रेस नेताओं पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने के आदेश, सीएम हिमंत बोले - यह भारत का अपमान
असम के श्रीभूमि जिले में कांग्रेस नेताओं द्वारा पार्टी बैठक में बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘अमर सोनार बांगला’ गाए जाने पर विवाद भड़क गया है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे “भारत और असम का अपमान” बताते हुए देशद्रोह का केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं. कांग्रेस ने इसे सांस्कृतिक सम्मान बताते हुए कहा कि भाजपा अनावश्यक विवाद खड़ा कर रही है. वहीं सरमा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस का यह रवैया “बांग्लादेश और पाकिस्तान के एजेंडे” जैसा है.
असम में एक राजनीतिक विवाद ने तूल पकड़ लिया है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि श्रीभूमि जिला कांग्रेस समिति के नेताओं के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया है. आरोप है कि कांग्रेस के एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी नेताओं ने बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘अमर सोनार बांग्ला’ गाया, जो नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया है - वही कवि जिन्होंने भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ भी लिखा था.
यह घटना मंगलवार को श्रीभूमि टाउन में जिला कांग्रेस कार्यालय में हुई, जहां सेवा दल की बैठक से पहले कार्यक्रम की शुरुआत ‘अमर सोनार बांगला’ की दो पंक्तियां गाकर की गई. इस घटना के बाद राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया.
सीएम बोले-यह भारत का अपमान
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “असम में बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाना भारत और उसके लोगों का खुला अपमान है. यह उन नेताओं के दावों का समर्थन करता है जो कहते हैं कि पूरा नॉर्थ-ईस्ट बांग्लादेश का हिस्सा होना चाहिए. यह देशद्रोह है और मैंने पुलिस को इसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.” सरमा ने इसे “राष्ट्र और असम की अस्मिता के खिलाफ कृत्य” बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ऐसे “गैर-देशभक्त आचरण” को बर्दाश्त नहीं करेगी.
कांग्रेस का पलटवार
हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा “एक मामूली सांस्कृतिक गलती को राजनीतिक हथियार” बना रही है. श्रीभूमि जिला कांग्रेस अध्यक्ष तापस पुरकायस्थ ने सफाई देते हुए कहा, “हमारे 85 वर्षीय कवि विद्यु भूषण दास ने सिर्फ दो पंक्तियां गाईं. टैगोर हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं. भाजपा को रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.”
बीजेपी करती है बंगाली संस्कृति का अपमान
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने भी भाजपा पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, “भाजपा बंगाली संस्कृति और भाषा का सम्मान करने का दावा करती है, लेकिन असल में वही उसे बार-बार अपमानित करती है. यह घटना सिर्फ टैगोर की रचना का सांस्कृतिक सम्मान थी, न कि बांग्लादेश का समर्थन.” गोगोई ने आगे कहा कि भाजपा “बंगाली विरासत और टैगोर की दार्शनिकता को समझने में नाकाम रही है”, और यह विवाद सिर्फ लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने की कोशिश है.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम सरमा ने तीखा जवाब दिया, “अगर कांग्रेस वास्तव में भारत का सम्मान करती, तो गोगोई को तुरंत उन नेताओं को पार्टी से निकाल देना चाहिए था. लेकिन लगता है कि उन्हें यह सब पसंद आया. कांग्रेस का यह कृत्य पाकिस्तान और बांग्लादेश के एजेंडे का हिस्सा लगता है.”
पुलिस ने की जांच शुरू
इस बयान के बाद असम की राजनीति और अधिक गरम हो गई है. भाजपा ने इस मामले को राष्ट्रीय सम्मान का सवाल बताया है, जबकि कांग्रेस इसे सांस्कृतिक विरासत पर हमला कह रही है. राज्य पुलिस ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है. अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह असम में राजनीतिक और कानूनी भूचाल का कारण बन सकता है.





