2040 तक असम झेलेगा मौसम की मार, सर्दियों में नहीं लगेगी ठंड, बारिश के पैटर्न में आएगा बदलाव
अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ क्लाइमेट चेंज एंड सस्टेनेबिलिटी के साइंटिस्ट संतोनू गोस्वामी ने असम के तापमान को लेकर डेटा जारी किया है. इसमें कहा गया कि साल 2040 तक असम में बारिश के पैटर्न में बदलाव देखने को मिलेगा.

असम में साल 2040 तक राज्य के कुछ जिलों में एवरेज एनुअल टेंपरेचर में 0.83 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. जबकि राज्य में बारिश के पैर्टन में बदलाव आ सकता है, जिससे बारिश और सूखे में परिवर्तन की संभावना है. बेंगलुरू की अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के जारी अनुमानों के अनुसार, कई जिलों में हाई वेट बल्ब टेंपरेचर (गर्मी और ह्यूमिडिटी का जॉइंट माप) का अनुमान है.
इसमें जोरहाट और माजुली में हायर लेवल 31 डिग्री से ज्यादा हो सकता है. इसके कारण खासतौर पर गर्म हवाओं के दौरान हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है. नागांव में एनुअल वेट बल्ब तापमान में 1.95 डिग्री सेल्सियस बढ़ने का अनुमान है. इससे गर्मी से जुड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स बढ़ सकती हैं.
कैसा रहेगा असम का मौसम?
तिनसुकिया, धेमाजी और डिब्रूगढ़ में 0.83 डिग्री, 0.76 डिग्री और 0.74 डिग्री की उच्चतम औसत वार्षिक तापमान वृद्धि का अनुमान है.इन जिलों में 0.52 डिग्री, 0.44 डिग्री और 0.44 डिग्री की औसत गर्मियों में अधिकतम तापमान वृद्धि भी देखी जाएगी. सर्दियां भी काफी गर्म होंगी. दक्षिण सलमारा-मनकाचर, उदलगुरी और चिरांग में सर्दियों के अधिकतम तापमान में 1.6 डिग्री, 1.46 डिग्री और 1.4 डिग्री की बढ़ोतरी देखी जाएगी.
क्या होगा असर?
इस तरह की गर्मी एग्रीकल्चरल साइकिल, बायो डायवर्सिटी और और हीटिंग और कूलिंग के लिए एनर्जी की मांग को बाधित कर सकती है. ये अनुमान जलवायु परिवर्तन पर इंटर गर्वमेंटल पैनल द्वारा बनाया गया शेयर सोशियो-इकोनॉमिक्स पाथवेज़ पर आधारित हैं.
क्या कहती है रिपोर्ट?
यह जलवायु परिवर्तन के संभावित भविष्य के प्रभावों और इसके प्रति संभावित प्रतिक्रियाओं की जांच करते हैं. यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन परिदृश्यों पर आधारित हैं, जो मानते हैं कि समाज इमीशन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होने के लिए मॉडरेट कदम उठाएगा, जिससे भविष्य में मॉडरेट प्रभाव दिखेगा.