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किराया दरें बढ़ाओ और पुराना भुगतान करो, तभी हम... बस मालिकों ने PM मोदी के कार्यक्रम के लिए वाहन भेजने से किया इनकार

प्रधानमंत्री मोदी की 13 सितंबर को असम यात्रा से पहले ऊपरी असम के बस और यात्री वाहन मालिकों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार किराया दरें नहीं बढ़ाती और बकाया भुगतान नहीं करती, तो वे पीएम कार्यक्रम के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराएंगे. संघों का कहना है कि वर्तमान ₹2,448 प्रति वाहन बहुत कम है और परिचालन खर्च भी नहीं निकलता. उन्होंने ड्राइवरों और स्टाफ की कम मजदूरी, पिछली बकाया राशि और फिटनेस टेस्टिंग की सुविधा की कमी पर भी नाराज़गी जताई.

किराया दरें बढ़ाओ और पुराना भुगतान करो, तभी हम... बस मालिकों ने PM मोदी के कार्यक्रम के लिए वाहन भेजने से किया इनकार
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( Image Source:  Sora_ AI )

PM Modi Assam Visit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 13 सितंबर को असम यात्रा से पहले ऊपरी असम के परिवहन संगठनों ने बड़ा अल्टीमेटम दिया है. बस मालिक और यात्री वाहन संघों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार किराए की दरें नहीं बढ़ाती और बकाया भुगतान नहीं करती, तो वे पीएम के कार्यक्रम के लिए बसें और वाहन उपलब्ध नहीं कराएंगे.

जोरहाट प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर Upper Assam Bus Owners Association, Jorhat District Travelers Owners Management Association और Joint Passenger Vehicle Owners Association, Dibrugarh ने कहा कि सरकार द्वारा प्रति वाहन केवल ₹2,448 दिया जा रहा है, जो बेहद कम है. इससे परिचालन खर्च भी नहीं निकल पाता.

पिछले सरकारी आयोजनों के भुगतान अब तक बकाया हैं

संघों ने आरोप लगाया कि मेगा बिहू जैसे पिछले सरकारी आयोजनों के भुगतान अब तक बकाया हैं. इसके अलावा, ड्राइवर और स्टाफ को भी बेहद कम मजदूरी दी जाती है- ड्राइवर को ₹240, स्टाफ को ₹420 और हेल्पर को सिर्फ ₹180. उन्होंने सवाल उठाया कि इतने कम पैसों में परिवार कैसे चल सकता है.

AVTS की कमी पर भी जताई नाराज़गी

संगठनों ने फिटनेस टेस्टिंग सेंटर (AVTS) की कमी पर भी नाराज़गी जताई. उनका कहना है कि वर्तमान में वाहन मालिकों को 200–300 किमी दूर जाकर फिटनेस टेस्ट कराना पड़ता है. उन्होंने हर 50 किमी पर फिटनेस सेंटर की मांग रखी.

अमित शाह की यात्रा के दौरान मिला बहुत कम किराया

बस मालिकों ने यह भी याद दिलाया कि अमित शाह की पिछली यात्रा (28–29 अगस्त) के दौरान उन्होंने 60–65 हज़ार लोगों को पहुंचाया था, लेकिन किराया बहुत कम मिला. उनका कहना है कि यह सेक्टर हज़ारों लोगों को रोजगार देता है, लेकिन सरकार उनकी मेहनत को नजरअंदाज करती है. अब जबकि पीएम मोदी 13–14 सितंबर को नुमालीगढ़ आ रहे हैं, संघों ने साफ कर दिया है कि यदि किराया नहीं बढ़ा और बकाया क्लियर नहीं हुआ तो वे वाहन नहीं देंगे.

असम न्‍यूज
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