Begin typing your search...

ज़ुबिन गर्ग की याद में दिल्ली में भावुक जुटान: देश के सितारे को सलाम करने NRD ग्रुप के आयोजन में जुटे‍ दिग्‍गज

दिल्ली के श्रीमन्ता शंकरदेवा भवन में 16 नवंबर को ज़ुबिन गर्ग को समर्पित भावुक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उनके जन्मदिन से पहले त्रिभाषीय पुस्तक का विमोचन हुआ. स्पेशल सीपी रॉबिन हिबू और NRD ग्रुप के सीएमडी नृपेन दास सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए. कार्यक्रम में ज़ुबिन को कलाकार, प्रेरणा और रोल मॉडल के रूप में याद किया गया.

ज़ुबिन गर्ग की याद में दिल्ली में भावुक जुटान: देश के सितारे को सलाम करने NRD ग्रुप के आयोजन में जुटे‍ दिग्‍गज
X
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 16 Nov 2025 10:22 PM IST

मशहूर गायक, संगीतकार और असम के सांस्कृतिक अभिमान ज़ुबिन गर्ग को समर्पित एक भव्य कार्यक्रम 16 नवंबर 2025 को राजधानी दिल्ली स्थित श्रीमन्ता शंकरदेवा भवन में आयोजित किया गया. NRD ग्रुप और असम लाइव 24 की तरफ़ से आयोजित कार्यक्रम में चीफ़ गेस्ट दिल्‍ली पुलिस के स्‍पेशल कमिश्नर रॉबिन हिबू रहे. NRD ग्रुप के सीएमडी नृपेन दास ने भी श्रद्धांजलि अर्पित कर जुबिन दा को याद किया. जुबिन दा का जन्मदिन 18 नवंबर को है. कार्यक्रम में उनके जीवन और योगदान पर आधारित एक विशेष त्रिभाषीय यानी तीन भाषाओं में लिखी गई पुस्तक का औपचारिक विमोचन भी शामिल रहा.

इस मौके पर एनआरडी ग्रुप के सीएमडी नृपेन दास ने कहा कि जुबिन गर्ग हैं तो हमारे असम के लेकिन वो पूरी दुनिया के फेवरेट रहे. इसलिए हमने देश की राजधानी दिल्‍ली में जुबिन का जन्‍मदिन मनाने का फैसला किया. उन्‍होंने कहा कि जुबिन के जन्‍मदिन पर गुवाहाटी में भी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि जुबिन के जाने का दुख तो है लेकिन ऐसा लगता है कि वो गए नहीं बल्कि हमारे बीच ही हैं.

कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथी दिल्‍ली पुलिस के स्‍पेशल सीपी रॉबिन हीबू ने इस मौके पर अपने संदेश में जुबिन को केवल एक कलाकार नहीं बल्कि एक रोल मॉडल बताया. इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि हमें जुबिन के नाम पर स्‍कॉलरशिप जैसी तमाम चीजें शुरू करने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढ‍़‍ियां भी जान सकें कि कोई जुबिन जैसा सितारा भी हमारे बीच रहा. भले ही जुबिन दुनिया से चले गए हों लेकिन वो हमारे बीच से नहीं जा सकते. उन्‍होंने कहा कि वो अरुणाचल प्रदेश में जुबिन गर्ग की एक प्रतिमा लगवाएंगे ताकि लोग यह जान सकें कि कोई जुबिन गर्ग भी था जिसे पहाड़ों और नॉर्थ इस्‍ट से प्‍यार था. इस कार्यक्रम के आयोजन की तारीफ करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह बहुत अच्‍छी पहल रही.

ज़ुबिन गर्ग की कहानी एक दस्तावेज़ के रूप में

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा ज़ुबिन गर्ग के जीवन, संघर्ष, सफलता और रचनात्मक सफर पर आधारित एक विस्तृत त्रिभाषीय वॉल्यूम का विमोचन. इस पुस्तक को तीन भाषाओं में तैयार किया गया है ताकि देशभर के लोग आसानी से उनके जीवन और काम को समझ सकें. आयोजकों का मानना है कि यह किताब आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी सांस्कृतिक दस्तावेज़ साबित होगी.

कौन थे ज़ुबिन गर्ग? एक कलाकार से बढ़कर-एक अपना इंसान

ज़ुबिन गर्ग ने उत्तर-पूर्व के हर घर में अपना स्थान बनाया था. वे सिर्फ गायक या संगीतकार नहीं थे, बल्कि अपने प्रशंसकों के दिलों में एक परिवार के सदस्य की तरह बसे हुए थे. एक वक्ता ने उनके और जनता के रिश्ते को यूं बयां किया - “जब आप किसी का दिल जीत लेते हैं, तो कुछ कहने की ज़रूरत नहीं रहती.”

क्यों ख़ास था यह आयोजन?

दिल्ली का यह जुटान सिर्फ जन्मदिन मनाने का मौका नहीं था, बल्कि एक सामूहिक स्मरण का क्षण था - एक ऐसा पलों का संग्रह, जहां ज़ुबिन की यादों ने सबको जोड़ा. असम की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम का मकसद सिर्फ श्रद्धांजलि देना नहीं, बल्कि ज़ुबिन गर्ग की कलात्मक यात्रा के “वृहद प्रभाव” को देश के सामने प्रस्तुत करना है. Asom Live 24 का कहना है कि यह आयोजन उन कलाकारों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने दशकों तक कला, संगीत और संस्कृति की दिशा तय की है.

जुबिन गर्ग
अगला लेख