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अब असम में भी होगा SIR, मुख्य चुनाव अधिकारी ने जिला अधिकारियों को किया अलर्ट, जानें क्या होगा असर

SIR को लेकर राजनीतिक पार्टियां आपस में लड़ रही हैं. अब असम में भी यह लागू होगा. इसके लिए असम के सीईओ अनुराग गोयल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह तैयार हो जाएं, ताकि किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी न हो.

अब असम में भी होगा SIR, मुख्य चुनाव अधिकारी ने जिला अधिकारियों को किया अलर्ट, जानें क्या होगा असर
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( Image Source:  AI Perplexity )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 28 Oct 2025 6:21 PM IST

असम में एक बार फिर राजनीति गर्म है. अगले साल की शुरुआत में असम में विधानसभा चुनाव होने हैं, और इससे पहले राज्य में एक नई बहस ने ज़ोर पकड़ लिया है. वजह वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन है, जिसे लेकर चुनाव आयोग तैयारियों में जुटा है, लेकिन इस प्रक्रिया ने राज्य में नए सिरे से बहस और सियासी घमासान खड़ा कर दिया है.

सीईओ गोयल ने मतदाता सूची के SIR कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही सभी निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ERO), सहायक ERO और बूथ-स्तरीय अधिकारियों (BLO) को उनकी जिम्मेदार जगहों पर तैनात रहने का निर्देश दिया है. असम में यह प्रक्रिया और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि 126 निर्वाचन क्षेत्रों का हाल ही में पुनर्निर्धारण हुआ है, और ऐसे में पहली बार नए परिसीमन के तहत चुनाव होने हैं.

SIR की राष्ट्रीय योजना, लेकिन असम में गहराई चिंता

असम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) तैयार करने वाला देश का एकमात्र राज्य है. ऐसे में राज्य सरकार का कहना है कि जब चुनाव आयोग SIR की प्रक्रिया और पात्रता दस्तावेज़ों की सूची तय करे, तो NRC के संदर्भ को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए. यह बात असम के अधिकारियों ने चुनाव आयोग से पहले ही शेयर कर दी है.

सरमा ने राहुल गांधी पर किया पलटवार

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल खुद भी SIR प्रोसेस को अप्रत्यक्ष समर्थन दे चुके हैं. सरमा ने तंज करते हुए कहा कि 'राहुल गांधी ने खुद प्रमाणपत्र दिया है कि आधार और नाम की वेरिफिकेशन जरूरी है. यही कारण है कि हम SIR करवा रहे हैं, ताकि मतदाता सूची से बांग्लादेशियों को हटाया जा सके.'

कांग्रेस ने अपने ही लोगों को किया था 'संदिग्ध' घोषित!

भाजपा ने कांग्रेस पर यह आरोप भी दोहराया कि अपने शासन के दौरान कांग्रेस ने लाखों गोरखा और स्वदेशी समुदायों के लोगों को "संदिग्ध मतदाता" घोषित कर उनके वोटिंग अधिकार छीन लिए थे. अब जब अयोग्य और अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें हटाया जा रहा है, तो कांग्रेस राजनीतिक नुकसान से डर रही है.

असम न्‍यूज
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