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चंद लाइक्स के लिए जंगल में कत्लेआम! यूट्यूबर्स ने पक्षियों को बेरहमी से मारा, फिर किया वीडियो अपलोड, अब पुलिस हिरासत में

आजकल लोग चंद लाइक्स और कुछ फॉलोअर्स के लिए इंसान और पक्षियों तक की जान लेने से बाज़ नहीं आते हैं. ऐसा ही कुछ असम में हुआ है. जहां 3 यूट्यूबर्स ने वर्ल्ड एनवायरमेंट डे पर जंगल में घुसकर बेरहमी से मारा और फिर इसका वीडियो बनाकर अपने यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया.

चंद लाइक्स के लिए जंगल में कत्लेआम! यूट्यूबर्स ने पक्षियों को बेरहमी से मारा, फिर किया वीडियो अपलोड, अब पुलिस हिरासत में
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हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 6 Jun 2025 1:54 PM IST

5 जून को जब पूरी दुनिया विश्व पर्यावरण दिवस मना रही थी. एक ऐसा दिन जो प्रकृति और वन्यजीवों की रक्षा का संदेश देता है. उसी दिन असम के धेमाजी जिले में कुछ यूट्यूबर्स ने एक दिल दहला देने वाला काम कर डाला.

इन यूट्यूबर्स ने जंगल में घुसकर जंगली पक्षियों को बेरहमी से मारा. उनके अंडों को घोंसलों से चुराया और पूरी घटना का वीडियो बनाकर अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड कर दिया. सिर्फ इसलिए ताकि उन्हें ज्यादा व्यूज और सब्सक्राइबर मिल सकें.

कहां हुई घटना?

ये घटना धेमाजी जिले के सिमेन चापोरी इलाके में हुई. खासकर हस्तिनापुर और कोर्डोइगुरी गांवों के पास, जो लेसर व्हिसलिंग डक (स्थानीय भाषा में "जोराली हाह") और कई प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित आशियाना माने जाते हैं. जैसे ही वीडियो सामने आया, लोगों में गुस्सा फूट पड़ा. वन अधिकारी कृष्णकमल देउरी ने बताया कि उन्होंने ये मामला बहुत गंभीरता से लिया. तुरंत पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की गई और तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.

गुलेल, डंडे और कैमरे – सब पहले से प्लान था

इन यूट्यूबर्स ने जंगल में जाने से पहले खुद को गुलेल, डंडों और अन्य औजारों से लैस किया था. उन्होंने न सिर्फ पक्षियों को मारा, बल्कि घोंसलों से सैकड़ों अंडे भी लूट लिए. फिर इस सबको कैमरे में रिकॉर्ड किया और अपने चैनल 'जकरब' पर अपलोड कर दिया. चैनल पर कुल 33 वीडियो थे, जिनमें से कई में इसी तरह की क्रूरता दिखाई गई थी. हालांकि वीडियो बाद में हटा दिए गए, लेकिन वन विभाग ने पहले ही सबूत के तौर पर फुटेज सुरक्षित कर लिए थे.

हो सकती है 3 से 7 साल तक की जेल

इन तीन आरोपियों के नाम मुनिंद्र मुशहरी, महेश्वर स्वर्गियारी और शिवराम स्वर्गियारी है, जिन्हें पुलिस हिरासत में लिया गया है और इनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. अगर दोषी पाए गए, तो इन्हें 3 से 7 साल तक की जेल हो सकती है.

असम न्‍यूज
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