Begin typing your search...

नुकसान नहीं फायदा ही होगा...सीएम बिस्वा ने लगाई पाक की क्लास! ब्रह्मपुत्र का पानी रोकने के सवाल पर दिया करारा जवाब

पकिस्तान ने चीन को भारत में ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोकने की धमकी दी. जिसपर असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. बिस्वा ने अपने एक बयान में कहा है कि ब्रह्मपुत्र का पानी रोकने से कोई भारत को कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि फायदा ही होगा.

नुकसान नहीं फायदा ही होगा...सीएम बिस्वा ने लगाई पाक की क्लास! ब्रह्मपुत्र का पानी रोकने के सवाल पर दिया करारा जवाब
X
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 3 Jun 2025 6:04 PM

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को एक अहम बयान दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब एक नया डर फैलाने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान का कहना है कि अगर चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक लिया, तो भारत में पानी की भारी कमी हो जाएगी. लेकिन सरमा ने इस बात को साफ शब्दों में गलत बताया. उन्होंने कहा कि यह डर पूरी तरह से झूठा और बेबुनियाद है.

सरमा ने समझाया कि ब्रह्मपुत्र नदी भारत की एक मजबूत नदी है, जो बाहर से नहीं, बल्कि भारत के भीतर और भी शक्तिशाली बनती है. उन्होंने बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी का सिर्फ 30 से 35 प्रतिशत पानी चीन के तिब्बत वाले हिस्से से आता है. बाकी का 65 से 70 प्रतिशत पानी भारत में ही बनता है, खासकर पूर्वोत्तर राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और मेघालय में होने वाली भारी बारिश से.

भारत में कई नदियां मिलती है

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नदी में भारत की कई और नदियां भी मिलती हैं, जैसे- सुबनसिरी, लोहित, कामेंग, मानस, धनसिरी, जिया-भारली, और कोपिली. साथ ही खासी, गारो और जैंतिया पहाड़ियों से निकलने वाली नदियां- जैसे कृष्णाई, डिगारू और कुलसी – भी इसमें जल जोड़ती हैं. सरमा ने बताया कि जब ब्रह्मपुत्र नदी भारत में प्रवेश करती है, तो उसका जलप्रवाह लगभग 2,000 से 3,000 घन मीटर प्रति सेकंड होता है. लेकिन जब यह नदी असम के मैदानों में गुवाहाटी जैसे शहरों तक पहुंचती है, खासकर मानसून के दौरान, तो इसका प्रवाह 15,000 से 20,000 घन मीटर प्रति सेकंड तक बढ़ जाता है.

इसे नुकसान नहीं फायदा ही होगा

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ब्रह्मपुत्र कोई ऐसी नदी नहीं है जिस पर चीन पूरी तरह से नियंत्रण कर सके. यह नदी हमारे देश के मौसम, बारिश और भौगोलिक स्थिति पर निर्भर है, किसी एक देश की मर्जी पर नहीं. अगर मान लें कि चीन वाकई पानी का प्रवाह कम कर भी दे, जो कि उसने कभी कहा नहीं है, तो भी इससे भारत को नुकसान नहीं बल्कि फायदा हो सकता है. इससे असम की बाढ़ की समस्या कम हो सकती है, जो हर साल लाखों लोगों की ज़िंदगी पर असर डालती है.

पकिस्तान ने 74 साल इस संधि का फायदा उठाया है

अंत में सरमा ने पाकिस्तान पर भी तीखा निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब इसलिए घबराया हुआ है क्योंकि भारत ने सिंधु जल संधि को लेकर अपने अधिकारों को फिर से हासिल करना शुरू किया है. पाकिस्तान ने इस संधि से 74 सालों तक फायदा उठाया है, लेकिन अब भारत अपने हितों की रक्षा करने के लिए कदम उठा रहा है, जिससे पाकिस्तान बेचैन हो गया है.

असम न्‍यूज
अगला लेख