'मुख्यमंत्री पुलिस के साथ नहीं, गुंडागर्दी करने वाले लोगों के...', गौरव गोगोई ने CM सरमा पर बोला हमला
असम में कांग्रेस सांसद रकिबुल हुसैन पर हुए हमले के मामले पर राजनीति गरमा रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने असम CM पर निशाना साधा और कहा कि CM सरमा इस मामले पर चुप हैं. उन्होंने चुप्पी साध रखी है, जो बेहद नींदनिय है.

असम में हाल ही में कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन पर हमला हुआ था. इस दौरान उनके साथ मौजूद सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए थे. कांग्रेस सांसद पर ये हमला ऐसे समय पर हुआ जब वह पार्टी की बैठक के लिए स्कूटी से जा रहे थे. उनकी स्कूटी रोकी गई और बैट से हमला कर दिया गया. हमलावरों ने इस दौरान अपने चेहरे ढके हुए थे. इसलिए पहचान सामने नहीं आई.
सांसद पर हुए हमले का ये मामला अब तूल पकड़ रहा है. कांग्रेस इसे लेकर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश में जुटी हुई है. इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने असम सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री सरमा ने चुप्पी साधी हुई है. इस मामले पर वो कुछ बोल नहीं रहे और बिल्कुल चुप हैं.
सिर्फ सांसद नहीं पुलिस पर भी हुआ वार
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने असम मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि ये हमला निंदनीय है. लेकिन इससे भी ज्यादा निंदनीय बात ये है कि अब तक मुख्यमंत्री ने इस पर चुप्पी साध रखी है. उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ कांग्रेस सांसद तक ही सीमित नहीं है. बल्कि दो पुलिकर्मियों पर भी हमला हुआ है. लेकिन इसके बाद भी वर्तमान सरकार बिल्कुल चुप है.
उसने क्या अपराध किया है?
मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस सांसद ने कहा कि आज वो पुलिस जवान क्या सोच रहा होगा कि आखिर उसका क्या अपराध है. उसने आखिर किया क्या है? उन्होंने कहा कि इंसाफ के लिए ही तो उसने वर्दी पहनी थी. लेकिन उसी के साथ नाइंसाफी हो रही है. इसपर मुख्यमंत्री चुप है. कुछ नहीं बोल रहे उन्होंने कहा कि सीएम पुलिस के साथ नहीं गुंडागर्दी करने वाले लोगों के पक्ष में हैं. लेकिन देश और असम के लोग ये देख रहे हैं.
क्या बोले असम मुख्यमंत्री?
असम मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस हमले के बाद ही यह बयान जारी किया और कहा था कि कांग्रेस सांसद रकीबुल की निजी सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी. उन्होने आश्वासन दिया. कांग्रेस लगातार इस मामले पर असम सरकार पर निशाना साध रही है और इसे गुंडा राज करार कर रही है. हालांकि पुलिस की जांच अभी भी जारी है. लेकिन लगातार विपक्ष की ओर से इसे लगातार लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जा रहा है.