'धार्मिक मुद्दों से खेलना भाजपा को अच्छा लगता है'. 'नो नमाज ब्रेक' पर भड़के मुस्लिम MLA
असम में 'नो नमाज ब्रेक' पर विवाद बढ़ता जा रहा है. दरअसल इस मामले पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है. अब ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट के जनरल सेक्र्टरी रफिकुल इस्लाम ने इस मुद्दे को लेकर असम सरकार और आरएसएस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भाजपा धार्मिक मुद्दों के साथ खेलना चाहती

असम में 'नो नमाज ब्रेक' पर जारी विवाद बढ़ता जा रहा है. अब इस मामले पर ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के जनरल सेक्र्टरी रफिकुल इस्लाम ने असम सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ब्रेक देना कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन भाजपा धार्मिक मुद्दों के साथ खेलना चाहती है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में आज 126 में से 31 विधायक मुस्लिम हैं.
उन्होंने कहा कि पहले हमें डेढ़ घंटे का ब्रेक मिलता था. इस नियम से पहले तक किसी भी दल की सरकार को समस्या नहीं थी. लेकिन पिछले सत्र में इस नियम में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया. उस दौरान भी हमें आपत्ति थी.
ब्रेक बड़ी बात नहीं
मीडिया से बातचीत में रफिकुल ने कहा कि अगर 31सदस्य मुस्लिम हैं, तो मुझे नहीं लगता कि ब्रेक देना बड़ी बात हो सकती है. उन्होंने कहा कि लंच के दौरान भी तो दो घंटों का ब्रेक मिलता है. अब यह हमारे हाथ में है, लेकिन भाजपा को सिर्फ धार्मिक मुद्दों के साथ खेलना पसंद है. AIUDF नेता बोले कि ऐसा पिछली बार हुआ जब सत्र से बाहर खड़े थे कई मुस्लिम नेता क्योंकी ब्रेक खत्म हो चुका था. हालांकि इस दौरान उन्होंने ये फैसला थोपने का आरोप लगाया.
दूसरों पर हमला और अपना धर्म थोपना काम
AIUDF नेता ने इस दौरान RSS पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि RSS की ऐसी विचारधारा है कि दूसरों के धर्मों पर हमला करें और अपना धर्म उनपर थोपा जाए. उन्होंने कहा कि क्योंकी हम नमाज पढ़ने गए थे तो पिछले शुक्रवार हम सत्र से बाहर रहे. इस तरह कई जरूरी बातों को हमनें छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि विधानसभा का सदस्य होने के नाते हम भी महत्वपूर्ण चर्चाओं में भाग लेना चाहते हैं. लेकिन हमें चर्चा में शामिल नहीं होने दिया जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं. इसलिए हमने स्पीकर से कहा है कि हमारी मांगे पूरी की जाए.
वहीं कांग्रेस नेता ने भी इस फैसले पर निशाना साधा था. कांग्रेस नेता देवव्रत सैकिया ने बयान जारी किया और कहा कि शुक्रवार को मुस्लिम विधायकों के लिए विधानसभा के पास ही नमाज अदा करने का प्रावधान किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि भविष्य में इसपर विचार कर कोई नियम बनाया जा सकता है. क्योंकी इस समय भी मेरे कई साथी सदन में होने वाली महत्वपूर्ण चर्चा से छूट गए, क्योंकी उन्हें नमाज अदा करने जाना था.