गोलपाड़ा जिले में 375 एकड़ जंगल की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए चलेगा अभियान, 580 परिवारों को भेजा गया नोटिस
असम के गोलपाड़ा जिले में प्रशासन ने रविवार से दो दिवसीय अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया है, जिसके तहत 375 एकड़ से अधिक जंगल की जमीन को खाली कराया जा रहा है. अधिकारियों के अनुसार, दाहिकाटा रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में 580 परिवारों को नोटिस दिए गए थे, जिनमें से करीब 70% पहले ही जगह खाली कर चुके हैं. यह कार्रवाई गौहाटी हाईकोर्ट के निर्देश पर की जा रही है, जिसके लिए पर्याप्त सुरक्षा बल भी तैनात किए गए हैं.
Assam Eviction Drive, Goalpara Forest Illegal Encroachment: असम सरकार रविवार से गोलपाड़ा जिले के दाहिकाटा रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू करने जा रही है. यह दो दिवसीय अभियान लगभग 375 एकड़ (1,140 बीघा) वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए चलाया जाएगा.
जिला उपायुक्त प्रदीप टिमुंग (Prodip Timung) ने बताया कि अब तक 580 परिवारों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिनमें से करीब 70 प्रतिशत लोग पहले ही इलाका खाली कर चुके हैं. उन्होंने कहा, “अभियान के लिए पूरे क्षेत्र को पांच ब्लॉकों में बांटा गया है. इनमें से चार ब्लॉकों में अधिकांश लोग स्वेच्छा से निकल चुके हैं, जबकि एक ब्लॉक में अभी कुछ लोग मौजूद हैं.”
अधिकांश परिवारों ने खुद ही अपना सामान हटा लिया: डीसी टिमुंग
डीसी टिमुंग ने बताया कि शनिवार तक लोगों को अपना सामान समेटने और घरों को खुद हटाने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने कहा, “अधिकांश परिवारों ने खुद ही अपना सामान हटा लिया है. हम आशा कर रहे हैं कि यह अभियान शांति पूर्वक संपन्न होगा.”
गौहाटी हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत चलाया जा रहा अभियान
यह अभियान गौहाटी हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत चलाया जा रहा है. अदालत ने इससे जुड़ी तीन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जिला प्रशासन को कार्रवाई करने की अनुमति दी थी. जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं, और अब तक किसी भी प्रकार के विरोध की सूचना नहीं मिली है.
असम में करीब 29 लाख बीघा जमीन पर हुआ अतिक्रमण
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने बीते कुछ वर्षों में लगातार अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाए हैं. सरमा ने पहले ही साफ किया था कि जब तक राज्य की सभी अतिक्रमित जमीनें मुक्त नहीं हो जातीं, 'इविक्शन ड्राइव' जारी रहेगा. मुख्यमंत्री के अनुसार, असम में करीब 29 लाख बीघा (9.5 लाख एकड़ से अधिक) भूमि अब भी अतिक्रमण में है, जबकि पिछले चार वर्षों में 1.29 लाख बीघा (42,500 एकड़ से अधिक) जमीन को मुक्त कराया जा चुका है.





