'गौरव गोगोई की ब्रिटिश पत्नी वास्तव में पाकिस्तान सरकार के पेरोल पर थीं', कांग्रेस नेता का हवाला देकर हिमंता का हमला
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने यह स्वीकारा कि सांसद गौरव गोगोई की ब्रिटिश पत्नी पाकिस्तान सरकार के पेरोल पर थीं. सरमा ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा बताया और जांच की बात कही. हालांकि रिपुन बोरा या कांग्रेस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. मामला राजनीतिक विवाद में बदलता दिख रहा है और इसकी सत्यता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को एक ट्वीट के ज़रिए एक बड़ा और गंभीर दावा किया है, जिसने देश की सियासत में हलचल मचा दी है. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रिपुन बोरा ने यह स्वीकार किया है कि कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ब्रिटिश नागरिक पत्नी पाकिस्तान सरकार के पेरोल पर थीं. सीएम सरमा ने ट्वीट में लिखा, "कल कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया, उन्होंने स्वीकार किया कि सांसद गौरव गोगोई की ब्रिटिश पत्नी वास्तव में पाकिस्तान सरकार के पेरोल पर थीं. अगर यह सच है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गहरी चिंता का विषय है."
उन्होंने आगे कहा कि एक ऐसे व्यक्ति का, जो शत्रु देश से जुड़ा हो, किसी मौजूदा सांसद के निजी और राजनीतिक घेरे में रहना, भारत की संस्थाओं की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें पहले इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन अब जब यह बात सामने आई है, तो पूरा मामला गंभीरता से जांचा जा रहा है.
क्या है मामला?
मुख्यमंत्री के अनुसार, कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने खुद यह कथित स्वीकारोक्ति की है. हालांकि, अभी तक न तो रिपुन बोरा की कोई आधिकारिक बयानबाजी सामने आई है, और न ही कांग्रेस पार्टी ने इस आरोप पर कोई प्रतिक्रिया दी है. CM सरमा ने स्पष्ट किया, "हम रिपुन बोरा का बयान रिकॉर्ड करेंगे और इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी. राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा."
गौरव गोगोई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण गोगोई के बेटे हैं, जो असम के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. गौरव गोगोई वर्तमान में कालीबोर लोकसभा सीट से सांसद हैं और कांग्रेस के प्रमुख युवा नेताओं में से एक माने जाते हैं. उनकी पत्नी ब्रिटेन की नागरिक हैं, लेकिन अब तक उनके किसी भी आधिकारिक या अनाधिकारिक तौर पर पाकिस्तान सरकार से जुड़े होने का कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है.
विपक्ष का क्या कहना है?
अब तक कांग्रेस की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि यह संभावना है कि कांग्रेस इस पूरे बयान को "राजनीतिक बदले की भावना" और "चुनावी रणनीति" बताकर खारिज कर सकती है. विपक्षी दलों का मानना है कि यह बयान विपक्ष को बदनाम करने की कोशिश भी हो सकती है. अगर रिपुन बोरा वाकई में ऐसा कोई बयान दे चुके हैं, तो उसे सामने लाना और जांच करवाना आवश्यक है.
CM सरमा का यह बयान महज एक राजनीतिक हमला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक संवेदनशील आरोप भी है. यदि ये दावे सत्य सिद्ध होते हैं, तो इसका असर कांग्रेस पार्टी की छवि से लेकर संसद की साख तक पर पड़ सकता है. लेकिन अगर यह महज एक अफवाह या सियासी चाल है, तो यह बयान खुद भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है.