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एक नहीं, दो चिकन नेक! बांग्लादेश की चाल पर सरमा का सर्जिकल वार, जानें क्या है पूरा मामला

चीन अब बांग्लादेश के जरिए भारत में घुसने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि ड्रैगन उन्हें लालमोनिरहाट में द्वितीय विश्व युद्ध के जमाने के एक एयरबेस को दोबारा बनाने में मदद कर रहा है, जो भारत के लिए खतरा साबित हो सकता है. अब इस पर असम के सीएम हिमंत सरमा बिस्वा ने इस चाल का जवाब दिया है.

एक नहीं, दो चिकन नेक! बांग्लादेश की चाल पर सरमा का सर्जिकल वार, जानें क्या है पूरा मामला
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( Image Source:  ANI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 22 May 2025 5:12 PM IST

हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की तीखी टिप्पणी ने भारत-बांग्लादेश संबंधों में एक नया मोड़ ला दिया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरमा ने कहा कि 'हमारे पास एक चिकन नेक है, लेकिन बांग्लादेश के पास दो हैं. अगर बांग्लादेश हमारे चिकन नेक पर हमला करता है, तो हम उनके दोनों चिकन नेक पर हमला करेंगे.' उनका इशारा सिलीगुड़ी कॉरिडोर की ओर वह संकरी पट्टी पर था, जो भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को मुख्य भूमि से जोड़ती है.

22 किलोमीटर चौड़ा यह कॉरिडोर भारत की सुरक्षा रणनीति में बेहद अहम है. अगर यह बाधित होता है, तो पूर्वोत्तर के सातों राज्य देश के शेष हिस्से से कट सकते हैं. हालिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन बांग्लादेश के लालमोनिरहाट में द्वितीय विश्व युद्ध के जमाने के एक एयरबेस को पुनर्जीवित करने में मदद कर रहा है, जो सिलीगुड़ी कॉरिडोर से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है. यह भारत के लिए खतरे की घंटी है.

बांग्लादेश के ‘दो चिकन नेक’ के बारे में

हिमंत सरमा का दावा यहीं खत्म नहीं होता है. उन्होंने बांग्लादेश के दो 'चिकन नेक' की भी चर्चा की. पहला जो चटगांव बांग्लादेश का सबसे बड़ा बंदरगाह है. यह देश को बाकी हिस्से से जोड़ता है. यह गलियारा इतना संकरा है कि मेघालय से केवल पत्थर फेंकने की दूरी पर है. अगर यह मार्ग बाधित होता है, तो बांग्लादेश की 20% भूमि और उसका आर्थिक केंद्र चटगांव मुख्य भूमि से कट जाएगा. दूसरा 'चिकन नेक' रंगपुर डिवीजन के पास है. यह पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर और मेघालय के गारो हिल्स के बीच स्थित है, जिसकी चौड़ाई लगभग 90 किलोमीटर है.

चेतावनी या रणनीतिक संदेश?

हिमंत सरमा ने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए बांग्लादेश को भारत की सैन्य ताकत की याद भी दिलाई. उनका यह कहना कि 'भारत पर हमला करने से पहले बांग्लादेश को 14 बार पुनर्जन्म लेना होगा. ' इस बयान की टाइमिंग भी अहम है. हाल ही में बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने चीन दौरे के दौरान भारत के पूर्वोत्तर को भूमि से घिरा क्षेत्र बताया और अपने देश को समुद्र तक उसकी एकमात्र राह के रूप में पेश किया.

सिलीगुड़ी कॉरिडोर में बढ़ती हलचल

सिलीगुड़ी कॉरिडोर को लेकर भारत की संवेदनशीलता और बांग्लादेश में चीन की बढ़ती उपस्थिति इस क्षेत्र को तनावपूर्ण बना रही है. हिमंत सरमा की टिप्पणी भले ही आक्रामक लगे, पर यह भारत की सामरिक सोच और बांग्लादेश को भेजा गया एक कड़ा संदेश है कि अगर भारत के ‘गर्दन’ पर कोई हाथ डालेगा, तो जवाब भी उसी भाषा में मिलेगा.

असम न्‍यूज
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