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सरकारी ऑफिस के चक्कर लगाने का झंझट खत्म, असम में 800 सर्विस हुई ऑनलाइन

सरकारी दफ्तर अब धीरे-धीरे डिजिटल इंडिया की तस्वीर बनने लगे हैं. अधिकारी फाइलें हाथ में लेकर दौड़ने की बजाय, अब कंप्यूटर पर एक क्लिक में काम कर रहे हैं. असम में भी सरकार ने 800 सर्विस को ऑनलाइन कर दिया है. यानी अब आपको सरकारी ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

सरकारी ऑफिस के चक्कर लगाने का झंझट खत्म, असम में 800 सर्विस हुई ऑनलाइन
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( Image Source:  AI Perplexity )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 29 July 2025 1:57 PM IST

कुछ साल पहले तक सरकारी दफ्तरों का नाम सुनते ही दिमाग में फाइलों के ढेर, लंबी कतारें और बार-बार चक्कर लगाने की तस्वीर उभरती थी। हर छोटा-बड़ा काम करवाने के लिए लोगों को जनता भवन या जिला कलेक्टर कार्यालय का रुख करना पड़ता था, जैसे वो किसी हाट-बाजार में आ गए हों. लेकिन अब वो दिन बीत चुके हैं.

राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए एक बड़े कदम के तहत लगभग 800 सेवाएं अब ऑनलाइन हो चुकी हैं. इससे आम लोगों को अब बार-बार ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ते. चाहे आपको पर्मानेंट रेजिडेंस सर्टिफिकेट बनवाना हो या कोई ट्रांसपोर्ट से जुड़ी सर्विस, सबकुछ अब घर बैठे हो सकता है.

अब अधिकारी भी रख पा रहे हैं नज़र

पहले फाइलें एक मेज़ से दूसरी मेज़ पर घूमती रहती थीं और ट्रैक करना मुश्किल होता था कि कौन-सी फाइल कहां अटक गई. लेकिन अब कागज़ी कामकाज में भारी कमी आई है और सभी चीजें कंप्यूटर पर आसानी से ट्रैक की जा सकती हैं. अधिकारी अब सीधे देख सकते हैं कि कौन-सी फाइल कहां अटकी है और कितनी देर से.

एडमिशन सेशन के समय बढ़ जाता है काम

जब कॉलेजों और स्कूलों में एडमिशन का समय आता है, तो कई विभागों का काम भी बढ़ जाता है. छात्र और उनके माता-पिता कई तरह के प्रमाणपत्रों के लिए आवेदन करते हैं, जिससे कभी-कभी फाइलें लंबित हो जाती हैं. हालांकि, अब सख्त निगरानी की वजह से देरी की समस्या पहले से काफी कम हो गई है.

समय की पाबंदी

सरकारी दफ्तरों में समय की पाबंदी लाना आसान नहीं, लेकिन सरकार इस दिशा में भी लगातार काम कर रही है. अब कई जगहों पर बायोमेट्रिक हाज़िरी सिस्टम लागू किया जा रहा है, ताकि कर्मचारी समय पर ऑफिस आएं. अधिकारियों को भी कहा गया है कि वे सरप्राइज इंस्पेक्शन करें ताकि उपस्थिति सही रहे.

फायदा सीधे जनता तक, बिचौलियों की छुट्टी

अब सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है. पहले यह पैसा कई बार बिचौलियों की जेब में चला जाता था, अब स्थिति बदल चुकी है. इससे न केवल भ्रष्टाचार में गिरावट आई है, बल्कि आम लोगों का विश्वास भी पहले से अधिक मजबूत हुआ है.


असम न्‍यूज
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