तेंदुए के जबड़े में था छोटा भाई, बड़े ने डंडा उठाया और फिर...
बच्चे के माता-पिता खेत में काम करने गए थे, इसलिए दौरान तेंदुए ने कुत्ते पर हमला किया. वहीं बचाने के लिए बच्चा आया तो तेंदुए ने उसे भी अपने जबड़े में दबोच लिया.

उत्तराखंड के रामनगर एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसको लेकर बच्चे की बहादुरी को सलाम कर रहे हैं. दरअसल एक बच्चे की बहादुरी की वजह तेंदुआ जैसा खतरनाक जीव भी पनाह मांग गया. आखिरकार उसे बच्चे के छोटे भाई को छोड़ कर जंगल की ओर भागना पड़ा गया. मामला रामनगर के चोरपानी सती कॉलोनी में गुरुवार रात का है. इस इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में खूब चर्चा हो रही है. दरअसल इस कालोनी में रहने वाले प्रदीप कुमार और उनकी पत्नी गुरुवार की रात घास काटने के लिए बागीचे में गए थे. इस दौरान उनका छोटा बेटा मनीष (8) और बड़ बेटा देव कुमार (12) झोपड़ी में खेल रहे थे.
करीब साढ़े बजे मनीष झोपड़ी से बाहर आया तो देखा कि उसके पालतू कुत्ते को तेंदुए ने दबोच लिया है. मनीष ने अपने कुत्ते को बचाने की कोशिश की, इतने में तेंदुए ने कुत्ते को छोड़ दिया और मनीष को अपने जबड़े में दबा लिया. उसकी चीख सुनकर अंदर से देव दौड़ते हुए बाहर आया और तेंदुए के जबड़े में भाई को फंसा देखकर पास में डंडा उठाया और तेंदुए के सिर पर ताबड़तोड़ वार करने लगा. महज 2 मिनट में ही देव ने तेंदुए को 20 डंडे मारे. इस चोट से तेंदुआ भी घबरा गया और मनीष को छोड़ कर जंगल में भाग गया. शोर शराबा सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंचे.
तेंदुए के हमले में कुत्ते की मौत, बच्चा घायल
देखा तो कुत्ता मरा पड़ा था. वहीं मनीष के शरीर पर तेंदुए के पंजे और दांतों के कई गहरे निशान बन गए थे. वहीं देव भी वहीं बैठा हांफ रहा था. आनन फानन में ग्रामीणों ने उनके मां बाप को सूचित किया और दोनों बच्चों को अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने मरहम पट्टी के बाद दोनों बच्चों को छुट्टी दे दी. उधर, बिजरानी कार्बेट पार्क के रेंजर प्रकाश हर्बिला ने बताया कि आबादी क्षेत्र में तेंदुए की दस्तक को देखते हुए लोगों को सतर्क किया गया है. इसके साथ ही क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है. उन्होंने बताया कि मौके पर मिले तेंदुए के पदचिन्हों की निगरानी कराई जा रही है. अभी तक तेंदुआ ट्रैस नहीं हो पाया है.