कहां चले गए 'Gannu भईया'? पहले किया गणपति बप्पा का विसर्जन, अब रो-रोकर कर रहे हैं तलाश
कर्नाटक के बेंगलुरु से गणपति विसर्जन का अजीब-गरीब मामला सामने आया है. यहां पर एक परिवार ने गणेश की मूर्ति का विसर्जन करके उसे वापस ढंढ़ने लगे. इसके लिए 10 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया गया.

Ganesh Visarjan 2024: देश भर में हर साल की तरह इस साल भी गणपति बप्पा का धूमधाम से स्वागत किया गया. अलग-अलग राज्यों में गणपति और पूजन के वीडियो और फोटोज सामने आ रहे हैं. घरों में गणेश जी की पूजा-अर्चना करने के बाद उन्हें नदियों और तालाबों में विसर्जित किया जाता है. इस बीच कर्नाटक से गणपति विसर्जन का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. मूर्ति को नदी में बहाने के बाद लोग उसकी तलाश कर रहे हैं.
मूर्ति की तलाश में शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
कर्नाटक के बेंगलुरु के विजयनगर में मूर्ति पूजन के बाद उसकी तलाश शुरू हो गई. यहां गणपि बप्पा की मूर्ति ढढने के लिए 10 घंटों तक गोताखोरों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ गया. दरअसल एक परिवार ने पूजा के समय भगवान गणेश की मूर्ति को सोने की चेन पहनाई थी. लेकिन विसर्जन के समय वो चेन उतारना भूल गए. परिवार को जब बाद में सोने की चेन याद आई फिर उन्होंने चेन की तलाश शुरू कर दी.
मशक्कत के बाद मिली सोने की चेन
जानकारी के अनुसार गणपति बप्पा की मूर्ति की तलाश में 10 घंटे की मेहनत लगी. यहां रमैया और उमादेवी ने अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की थी. उन्होंने प्रतिमा पर फूलों के साथ 60 ग्राम की सोने की चेन भी पहनाई थी, जिसके कीमत 4 लाख रुपये बताई जा रही है. परिवार ने विधायक प्रिया किशोर की मदद के लिए पहुंची. एमएलए ने टैंक के कॉन्ट्रैक्टर बुलाकर उसे खाली करने का फैसाल किया. इसमें 10 हजार लीटर पानी था. सारा पानी निकलने के बाद बावजूद चेन नहीं मिली, फिर विसर्जन के बची मिट्टी में ढू़ढा और चेन मिल गई.
गणपति विसर्जन के लिए सबसे शुभ दिन
गणपति विसर्जन के लिए अनंत चतुर्दशी का दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. उस दिन भगवान विष्णु की उनके स्वरूप की पूजा की जाती है. भगवान की पूजा करने के वक्त हाथ में धागा बांधा जाता है. ये धागा संकट से रक्षा करता है. देश में इस साल 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी.