खुद को IPL फैन कहना बंद कर देंगे अगर... भगदड़ के बीच चर्चा में कहां छूट गया 'यत्र प्रतिभा अवसर प्राप्नोति:'?
तीन जून की रात रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पहली बार आईपीएल ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया. विराट कोहली के 18 नंबर का संयोग बना जश्न का प्रतीक, लेकिन अगले दिन बेंगलुरु में जश्न के दौरान भगदड़ में कुछ लोगों की मौत से खुशी मातम में बदल गई. वहीं युवा खिलाड़ियों - साई सुदर्शन, वैभव सूर्यवंशी, आयुष म्हात्रे, प्रियांश आर्या, दिग्वेश राठी—ने इस सीजन में दमदार प्रदर्शन कर भविष्य की उम्मीदें जगा दीं.

जब आप किसी चीज़ को दिलो जान से चाहते हैं तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने की कोशिश में जुट जाती है. कुछ ऐसा ही 03 जून की रात आईपीएल के 18वें सीज़न के फ़ाइनल में हुआ. जहां रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पहली बार आईपीएल चैंपियन बने और 'ई साला कप नम दे' बदल कर 'ई साला कप नम दु' हो गया.
एक अविस्मरणीय सीज़न और बहुत कड़ी मेहनत के बाद चौथी बार फ़ाइनल में पहुंची आरसीबी की टीम फ़ाइनल शुरू होने से पहले ही हॉट फ़ेवरट थी. केवल फ़ैन्स और विराट कोहली ही नहीं, बल्कि पूरा देश चाहता था कि आईपीएल की ट्रॉफ़ी का सूना अब विराट कोहली के लिए ख़त्म हो जाए. और हुआ भी यही.
और अंत में जब आरसीबी ने यह ट्रॉफ़ी हासिल कर ली... तब कप्तान रजत पाटीदार, कोच एंडी फ़्लावर और दिनेश कार्तिक, या टीम के अन्य सदस्य... सभी एक सुर में यही कहते कैमरे में क़ैद हुए कि 'हम विराट के लिए यह ट्रॉफ़ी जीतना चाहते थे.'
हो भी क्यों न, 2008 से ही आरसीबी के साथ जुड़े विराट को इसी दिन का इंतज़ार था. विराट ने अपने फ़ैन्स को धन्यवाद दिया. टीम के सभी सदस्यों, सभी सपोर्ट स्टाफ़़ का भी आभार जताया. विराट जीत के पोडियम पर ट्रॉफ़ी लेने उन दो शख़्सियतों, एबी डिविलियर्स और क्रिस गेल को भी ले जाना नहीं भूले जिनके बग़ैर यह जीत अधूरी थी.
तो कहते हैं न कि... कुछ बड़ी चीज़ों का वक़्त पहले से मुकर्रर होता है. अब इसे वक़्त कह लीजिए या संयोग, पर, इस जीत में विराट के साथ 18 नंबर का दुर्भग संयोग रहा.
18 नंबर का मैजिक
जर्सी नंबर-18 विराट की पहचान है. यह आईपीएल का 18वां सीज़न था. पहले इसका फ़ाइनल मई में होना था लेकिन भारत-पाकिस्तान तनाव की वजह से इसके कार्यक्रम को बढ़ाया गया और फ़ाइनल की तारीख़ तीन जून तय की गई. अब यह संयोग ही है कि 03 जून 2025 को अगर हम अंकों में बदलें और उसका योग करें तो यह 3+6+25 = 18 होता है. इतना ही नहीं विराट ने ख़ुद इस सीज़न में 657 रन बनाए हैं, इसका योग भी 6+5+7=18 है.
जब मातम में बदल गया जश्न
आरसीबी के चैंपियन बनने के बाद बेंगलुरु पटाखों से इस कदर गूंजने लगा जैसे कि दीवाली हो और इसके फ़ैन्स पूरी रात जमकर जश्न मनाते रहे. लेकिन अगले दिन बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में इस जीत को सेलिब्रेट करने के लिए रखे गए आयोजन में जुटी भीड़ के बीच भगदड़ मचने से कुछ लोगों की मौत ने ख़ुशी के माहौल को ग़म में तब्दील कर दिया. बीसीसीआई ने आयोजन से पल्ला झाड़ा तो राज्य सरकार पर इस आयोजन की बदइंतजामी को लेकर राजनीतिक छींटाकशी भी हुई. विराट कोहली ने भी अफ़सोस जताया.
यत्र प्रतिभा अवसर प्राप्नोति:
लेकिन इन सब के बीच आईपीएल का जो मक़सद है उस पर चर्चा होना ही रह गया. हम बात कर रहे हैं आईपीएल के उस मक़सद की, जिसे इसकी ट्रॉफ़ी पर संस्कृत के शब्दों में उकेरा गया है- Yatra Pratibha Avsara Prapnotihi. यत्र प्रतिभा अवसर प्राप्नोति: अर्थात जहां प्रतिभा को अवसर प्राप्त होता है. आईपीएल की यही सोच और मक़सद भी है. यह युवा क्रिकेटरों को एक मंच प्रदान करता है. जहां वो अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं, उसे निखारते हैं, और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की ओर अपने क़दम बढ़ाते हैं.
पिछले 18 सालों से यह प्रक्रिया जारी है. और यही वजह है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग बन गई है. हर साल की तरह आईपीएल 2025 में भी युवाओं की एक बड़ी खेप, पूरी दुनिया से इसमें शिरकत करने पहुंची और अपने दमदार प्रदर्शन का छाप छोड़ गई. विदेशी क्रिकेटर्स में नूर अहमद, डेवाल्ड ब्रेविस, जैकब बेथल हों या एशान मलिंगा, इन सब ने इस सीज़न में दमदार प्रदर्शन किया.
लेकिन आज हम यहां उन भारतीय युवा क्रिकेटर्स की बात कर रहे हैं जो 'इमर्जिंग प्लेयर अवार्ड' की रेस में थे. साथ ही बात उनकी भी होगी जो युवा है और अब तक अनकैप्ड हैं, यानी जिन्हें अब तक टीम इंडिया की ओर से बुलावा नहीं आया है, पर इस सीज़न में उन्होंने बहुत दमदार खेल दिखाया और यह बता गए कि भविष्य में उनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टार बनने की क़ाबिलियत है.
ऑरेंज कैप, इमर्जिंग प्लेयर, सबसे अधिक चौका जमाने वाले क्रिकेटर
चलिए बात शुरू करते हैं उस क्रिकेटर से जिसने इस साल इमर्जिंग प्लेयर अवार्ड की रेस को जीता है. ये हुक, पुल, स्वीप, ड्राइव, कवर ड्राइव, स्क्वायर ड्राइव, स्ट्रेट ड्राइव जैसे क्रिकेट के तमाम शॉटस जमाने के उस्ताद हैं. तेज़ी से रन बटोरना इनकी आदत में शुमार है और टेक्निक ऐसी की आसानी से आउट करना संभव नहीं है. हम बात कर रहे हैं साई सुदर्शन की, जो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ है. आईपीएल18 में सबसे अधिक 759 रन उनके ही बल्ले से निकले हैं और ऑरेंज कैप के वो हक़दार बने हैं. सबसे अधिक 88 चौके जमा कर ऑन द गो फ़ोरस ऑफ़ सीजन भी जीते. सीज़न में इनके बैट से 21 छक्के भी निकले तो सेंचुरी भी जमाई. कप्तान शुभमन गिल के साथ 200+ की रिकॉर्ड साझेदारी भी निभाई. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अनुभवी अपने कप्तान गिल और इंग्लिश कप्तान बटलर के साथ पिच पर ऐसे जम जाते जैसे कि फ़ेविकॉल का जोड़ है. सीज़न ख़त्म होने से पहले ही उन्हें टीम इंडिया का बुलावा आ गया. साई सुदर्शन इंग्लैंड के लिए भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किए गए हैं.
14 साल की उम्र में शतक जमाने का वैभव
इस लिस्ट में दूसरा नाम है वैभव सूर्यवंशी का. 14 साल के इस लड़के ने आईपीएल में इतिहास रचने की ठानी थी. तारीख़ 28 अप्रैल 2025 थी. आईपीएल के केवल दो मैच का अनुभव लेकर पिच पर उतरे वैभव के सामने टीम इंडिया के धुरंधर मोहम्मद सिराज थे. पहली गेंद पर ही स्ट्रेट ड्राइव कर छक्का जमा दिया. फिर जब मैच के चौथे ओवर में सामने ईशांत शर्मा थे तब वैभव ने पहली गेंद- हुक कर स्क्वायर लेग बाउंड्री पर छक्का, दूसरी गेंद- मिडविकेट बाउंड्री पर छक्का, तीसरी गेंद- चौका, पांचवीं गेंद- थर्ड मैन बाउंड्री पर एक और छक्का, छठी गेंद पर एक और चौका जमाया. पांचवें ओवर में वैभव ने दो छक्का और एक चौका जमा कर 17 गेंदों पर फ़िफ़्टी पूरी की. मैच के 10वें ओवर की सभी छह गेंदों को बाउंड्री के बाहर भेजा. तीन छक्के, तीन चौके समते कुल 30 रन बटोरे. अगले ओवर में एक और छक्का जमाते ही वैभव केवल 35 गेंदों पर आईपीएल में सबसे तेज़ शतक जमाने वाले भारतीय बन गए.
वैभव 'वन मैच वन्डर' नहीं रहे और पंजाब के ख़िलाफ़ 40 तो चेन्नई के ख़िलाफ़ 57 रनों की पारी भी खेली. सीज़न ख़त्म होने से पहले ही वैभव को भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम के इंग्लैंड दौरे के लिए चुन लिया गया. वैभव सूर्यवंशी इस वक़्त बेंगलुरु में बीसीसीआई के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में अंडर-19 के ट्रेनिंग कैंप में है. दो दिन पहले ही इसी कैंप के दौरान हुए एक अभ्यास मैच में वैभव ने एक बार फिर छक्कों की बरसात कर दी. हालांकि यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी लेकिन रेड बॉल मैच में 8 दमदार छक्के जमा कर वैभव ने बड़े फ़ॉर्मेट में भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद तो ज़रूर जगाई है.
चेन्नई के सबसे युवा क्रिकेटर बने आयुष म्हात्रे
आईपीएल 2025 की नीलामी में अनसोल्ड रह गए आयुष म्हात्रे को चेन्नई के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ के चोटिल होने पर टूर्नामेंट के बीच में ही बुलावा आया और फ़ौरन प्लेइंग इलेवन में शामिल कर लिया गया. वे सीएसके के सबसे युवा क्रिकेटर बने. वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई के ख़िलाफ़ उन्होंने एक छोटी लेकिन यादगार पारी खेली. इसके बाद के मैचों में म्हात्रे ने 94, 43 और 34 रनों की पारियां भी खेलीं. पिछले साल म्हात्रे दिलीप ट्रॉफ़ी में 117 गेंदों पर 181 रन बनाकर 150 से बड़ा स्कोर करने वाले सबसे युवा क्रिकेटर बने थे. तो विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के अपने पहले ही सीज़न में 65.42 की औसत और 135.5 की स्ट्राइक रेट से 458 रन बनाकर म्हात्रे ने ध्यान अपनी ओर खींचा. आईपीएल में भी कई अनुभवी अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज़ों के सामने उनका बल्ला खूब चला और सीज़न ख़त्म होने से पहले ही आयुष म्हात्रे को भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम के इंग्लैंड दौरे के लिए कप्तान चुना गया है. यानी जून-जुलाई में होने जा रहे अंडर-19 दौरे का सब को बेसब्री से इंतज़ार रहने वाला है.
प्रियांश आर्या और प्रभसिमरन सिंह
दिल्ली टी20 प्रीमियर लीग के दौरान एक ओवर में छह छक्के जमाकर मशहूर हुए प्रियांश आर्या का यह डेब्यू सीज़न था. चेन्नई के ख़िलाफ़ प्रियांश ने ऐसी तूफ़ानी शतकीय पारी खेली कि वो पूरे देश की आंख का तारा बन गए. शुरुआती कुछ मैचों के बाद प्रियांश इस सीज़न में पंजाब की ओर से सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे. वैभव की तरह ही प्रियांश का प्रदर्शन भी केवल एक मैच तक सीमित नहीं रहा. सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री जैसे क्रिकेट के दिग्गज़ों ने भी प्रियांश की जबरदस्त तारीफ़ की. प्रियांश के साथ ही उनके ओपनिंग जोड़ीदार प्रभसिमरन भी अपनी विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ी से पूरे सीज़न में चर्चा में रहे. ये इन दोनों की शानदार शुरुआत ही थी कि पंजाब ने तीन बार 200+ के बड़े स्कोर बनाए. इस दौरान प्रभसिमरन 1000 आईपीएल रन बनाने वाले पहले अनकैप्ड बल्लेबाज़ भी बने. (अनकैप्ट क्रिकेटर- जिसने आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय मैचों में कभी अपने देश का प्रतिनिधित्व नहीं किया हो.) इस सीज़न में प्रभसिमरन ने 549 रन तो प्रियांश ने 475 रन बनाए.
नेहाल वढेरा और अंगकृष रघुवंशी
मुंबई के साथ आईपीएल में डेब्यू करने वाले नेहाल वढेरा को इस सीज़न के लिए टीम ने रिटेन नहीं किया. पंजाब किंग्स ने ऑक्शन में उन्हें 4.2 करोड़ में ख़रीदा, मुंबई ने बोली तक नहीं लगाई. इसी युवा बल्लेबाज़ ने क्वालीफ़ायर-2 में मुंबई के ख़िलाफ़ ऐसी विस्फ़ोटक पारी खेली कि मुंबई का सफ़र समाप्त हो गया. वढेरा ने केवल 28 गेंदों पर 48 रन जमाए. पूरे सीज़न में पंजाब की टीम में उन्होंने नंबर-4 या नंबर-5 पर बल्लेबाज़ी की और 43, 62, 70, 48 रन जैसी उम्दा पारियां खेलीं. वढेरा ने कुल 369 रन बनाए. कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए युवा अंगकृष रघुवंशी ने कुछ बहुत ही उम्दा पारियां खेलीं. मुंबई के ख़िलाफ़ 26 रन, हैदराबाद के ख़िलाफ़ फ़िफ़्टी, राजस्थान और दिल्ली के ख़िलाफ़ 44-44 रनों की कुछ यादगार पारियां खेल कर चर्चा में आए. आईपीएल के इस सीज़न में अंगकृष रघुवंशी के बल्ले से 300 रन निकले और वो कप्तान अजिंक्य रहाणे (390 रन) के बाद टीम की ओर से सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने.
बॉलिंग से ज़्यादा नोटबुक सिग्नेचर से चर्चा में आया ये स्पिनर
लखनऊ के लिए दिग्वेश राठी ने बहुत सुर्खियां बटोरीं. दिग्वेश ने इसी सीज़न में लखनऊ के लिए डेब्यू किया. विकेट लेने के बाद वो सिग्नेचर स्टाइल 'नोटबुक सेलिब्रेशन' करते दिखे. शुरुआती दो मैचों में वो नमन धीर (मुंबई इंडियंस) और प्रियांश आर्य (पंजाब किंग्स) का विकेट लेने के बाद हाथ पर कुछ लिखने का इशारा करते हुए नज़र आए तो सुनील नारायण (कोलकाता नाइट राइडर्स) को आउट करने के बाद ज़मीन पर कुछ लिखते दिखे. इन तीनों ही मौक़े पर उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए आईपीएल की आचार संहिता का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया गया. उनकी मैच फ़ीस काटी गई, डिमेरिट पॉइंट दिए गए लेकिन सनराइज़र्स हैदराबाद के ओपनर अभिषेक शर्मा को आउट करने के बाद जब उन्होंने इसी अंदाज में फिर सेलिब्रेट किया तो अभिषेक उनसे भिड़ गए. इसके बाद राठी को एक मैच के लिए निलंबित कर दिया गया. हालांकि इससे राठी की गेंदबाज़ी की ख़ासियत नहीं छुपती. इस सीज़न में वो पिच पर जब जब गेंद थामते, बल्लेबाज़ों को परेशान करते दिखते. निलंबन की वजह से एक मैच नहीं खेले फिर भी लखनऊ के लिए सबसे अधिक 14 विकेट लिए. राठी के अलावा आरसीबी की ओर से युवा सुयश शर्मा भी अपनी अच्छी गेंदबाज़ी से चर्चा में रहे, उन्होंने 8 विकेट चटकाए.
कोहली का युवाओं को मैसेज
आईपीएल के शुरू होने से इसके ख़त्म होने तक कई दिग्गज़ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स ने संन्यास की घोषणा की है. इनमें रोहित शर्मा, विराट कोहली, ग्लेन मैक्सवेल, हेनरिक क्लासेन और एंजेलो मैथ्यूज़ जैसे नाम शामिल हैं. आने वाले समय में कुछ और नाम सामने आ सकते हैं. यानी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अगले कुछ सालों में कई नए चेहरे सामने होंगे. आईपीएल का फ़ाइनल जीतने के बाद विराट कोहली ने कहा कि वो टी20 की तुलना में टेस्ट क्रिकेट को पांच गुना अधिक महत्व देते हैं. इमर्जिंग प्लेयर्स के नाम संदेश में कोहली ने कहा कि उन्हें टेस्ट क्रिकेट को बहुत ज़्यादा अहमियत देने की ज़रूरत है. विराट बोले, "मैं आने वाले युवाओं से कहूंगा कि वे इस फ़ॉर्मेट का सम्मान करें. क्योंकि अगर आप टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो दुनिया में कहीं भी चले जाएं, तो लोग आपकी आंखों में देखते हैं, आपसे हाथ मिलाते हैं और कहते हैं- शाबास! आपने बहुत अच्छी क्रिकेट खेली. तो यदि आप वर्ल्ड क्रिकेट में सम्मान पाना चाहते हैं, तो टेस्ट क्रिकेट को अपनाएं और इसमें अपना दिल और अपनी आत्मा लगा दें. संयोग ये भी है कि साई सुदर्शन जैसे क्रिकेटर इंग्लैंड के साथ आगामी टेस्ट सिरीज़ में टीम इंडिया के लिए चुने गए हैं. वो विराट की बात को कितनी गंभीरता से लेते हैं यह इसी डेब्यू सिरीज़ में उनके प्रदर्शन से पता चल जाएगा.