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तब वर्ल्ड कप गंवाया, अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप भी जाएगी? WTC फ़ाइनल में क्यों याद आया 26 साल पुराना गिब्स का ड्रॉप कैच

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में दक्षिण अफ़्रीका की एक चूक भारी पड़ रही है. मिचेल स्टार्क का ड्रॉप कैच टीम पर भारी पड़ गया. यह गलती 1999 वर्ल्ड कप की याद दिलाती है, जब हर्शल गिब्स ने स्टीव वॉ का आसान कैच छोड़ा था और दक्षिण अफ़्रीका टूर्नामेंट से बाहर हो गया था. तब भी एक ड्रॉप कैच पूरे वर्ल्ड कप पर भारी पड़ा था, और अब इतिहास दोहराता सा लग रहा है.

तब वर्ल्ड कप गंवाया, अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप भी जाएगी? WTC फ़ाइनल में क्यों याद आया 26 साल पुराना गिब्स का ड्रॉप कैच
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क्रिकेट में आम कहावत है 'कैचेज़ विन मैचेज़' यानी कैच मैच जिताते हैं, लेकिन एक ड्रॉप कैच मैच हरा भी सकता है. दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच लॉर्ड्स के मैदान पर चल रहे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है. इस मुक़ाबले में लगातार उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है. पहले ऑस्ट्रेलिया ने बल्लेबाज़ी की और जब 67 रन बनने तक उसके चार बल्लेबाज़ आउट हो गए थे, तब रबाडा की गेंद पर वेबस्टर भी एलबीडब्ल्यू आउट होते लेकिन दक्षिण अफ़्रीकी कप्तान बवुमा ने रिव्यू नहीं लिया और ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 212 रन बना लिए. दक्षिण अफ़्रीकी टीम 138 रन पर ऑल आउट हो गई.

फिर जब दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के 77 रन पर सात विकेट गिर चुके थे तो मिचेल स्टार्क और एलेक्स केरी ने आठवें विकेट लिए 61 रनों की साझेदारी निभा दी. जब केरी आउट हुए तो तुरंत ही स्टार्क को भी आउट करने का मौक़ा था लेकिन मार्को यानसेन ने तीसरे स्लिप में उनका कैच ड्रॉप कर दिया. दूसरे दिन का खेल ख़त्म होने तक स्टार्क 16 रन बना कर नाबाद रहे और ऑस्ट्रेलिया की बढ़त 218 रन पर पहुंच गई.

निश्चित तौर पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ तीसरे दिन इसमें अभी कुछ और रन जोड़ेंगे पर ये स्कोर पहले ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल जीतने के लिए अब तक का सबसे बड़ा स्कोर बन चुका है. अब अगर दक्षिण अफ़्रीका यह फ़ाइनल हार गया तो इसे एक बार फिर 26 साल पहले उस वाकये से जोड़ कर देखा जाएगा जो आज ही के दिन 1999 वनडे वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ हुआ था, जहां एक आसान कैच को छोड़ने का दक्षिण अफ़्रीका को बाद में बहुत बड़ा ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा था. चलिए जानते हैं कि आखिर तब ऐसा क्या हुआ था जिसका ख़ामियाज़ा उस मैच के बाद भी दक्षिण अफ़्रीकी टीम को भुगतना पड़ा था.

1999 के वर्ल्ड कप के उस मैच में हुआ क्या था?

तब दक्षिण अफ़्रीकी क्रिकेटर हर्शल गिब्स ने 1999 वर्ल्ड कप के सुपर सिक्स राउंड में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एक ऐसा महत्वपूर्ण कैच गिराया जिसकी वजह से उनकी टीम को बाद में उस वर्ल्ड कप से बाहर होना पड़ा था. उस मैच में दक्षिण अफ़्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 272 रनों का लक्ष्य रखा था. ख़ुद हर्शल गिब्स ने (101 रनों की) शतकीय पारी खेली थी. लक्ष्य का पीछा करने उतरी कंगारू टीम की शुरुआत बहुत ख़राब रही और केवल 48 के स्कोर तक उसके तीन बल्लेबाज़ पवेलियन लौट गए थे. इसके बाद कप्तान स्टीव वॉ क्रीज़ पर उतरे और रिकी पोटिंग के साथ चौथे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी निभाई. मैच के 31वें ओवर की अंतिम गेंद पर जब टीम का स्कोर 152 रन पर था तब हर्षल गिब्स ने मिड विकेट पर स्टीव वॉ का एक आसान कैच टपका दिया. स्टीव वॉ ने तब केवल 56 रन बनाए थे. दरअसल हर्षल गिब्स ने कैच तो लपक लिया था लेकिन वो जोश में उसे तुरंत ही हवा में उछाल कर सेलिब्रेट करना चाहते थे. इसी हड़बड़ी में गेंद उनके हाथ से छूट कर ज़मीन पर गिर गई.

अंपायर ने माना कि कैच पूरा नहीं हुआ है और स्टीव वॉ को नॉट आउट दे दिया गया. यहां से कप्तान स्टीव वॉ ने न केवल मैच में ऑस्ट्रेलिया की वापसी कराई, बल्कि 120 रनों की पारी खेल कर अंत तक डटे रहे और कंगारुओं की जीत हुई. माना जाता है कि स्टीव वॉ ने गिब्स से मैदान में ही पूछा था, "वर्ल्ड कप गिरा कर कैसा महसूस होता है, हर्षल? आपने कैच नहीं वर्ल्ड कप गिरा दिया है." हालांकि बाद में स्टीव वॉ ने दावा किया कि उन्होंने ये बात सोची थी पर कही नहीं थी. हालांकि तब तक ये वाकया क्रिकेट जगत में मशहूर हो चुका था.

एक ड्रॉप कैच वर्ल्ड कप गिरा सकता है!

उस जीत ने न केवल ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप में बने रहने में मदद की बल्कि पॉइंट टेबल में उसे दक्षिण अफ़्रीका से ऊपर भी पहुंचा दिया. वहीं, हर्षल गिब्स के उस कैच को गिरा देने का ख़ामियाज़ा एक मैच के नतीजे तक सीमित नहीं रहा. चार दिन बाद ही ये दोनों टीमें फिर एक बार टूर्नामेंट के सेमीफ़ाइनल में आमने-सामने थीं, उस दिन गिब्स का वो कैच अफ़्रीकी टीम को इतना भारी पड़ा कि वो टूर्नामेंट से ही बाहर हो गई.

दरअसल सेमीफ़ाइनल मैच में दोनों टीमों ने एकसमान 213 रन बनाए और मैच टाई हो गया. तब टूर्नामेंट के नियम के मुताबिक़, लीग मैचों में दोनों देशों के बीच हुए मुक़ाबले के फ़ैसले के आधार पर ऑस्ट्रेलिया को विजेता घोषित किया गया. स्टीव वॉ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम न केवल फ़ाइनल तक पहुंची बल्कि पाकिस्तान को हराकर 1987 के बाद दूसरी बार चैंपियन भी बनी. बाद में हर्षल गिब्स ने उस घटना पर अपनी बात रखी और खेद जताया कि वो गेंद पकड़ने के तुरंत बाद जश्न मनाना चाहते थे.

क्रिकेट न्‍यूजस्टेट मिरर स्पेशल
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