T20 वर्ल्ड कप के फाइनल में जब धोनी की सिट्टी बिट्टी हो गई थी गुल, अब हुआ खुलासा
T20 World Cup Final 2024: टीम इंडिया के इस जबर्दस्त जीत से पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई, क्योंकि 2013 के बाद यह पहली ICC ट्रॉफी थी, जिसे भारत ने अपने नाम किया. रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने इस कठिन मुकाबले में जीत हासिल की, जो हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण था.

T20 World Cup Final 2024: भारत के पूर्व कप्तान और क्रिकेट लीजेंड एमएस धोनी ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया, जो क्रिकेट प्रशंसकों को चौंकाने वाला था. धोनी ने स्वीकार किया कि T20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल मुकाबले में उनका धैर्य कई बार टूट गया था. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच यह मुकाबला इस साल जून में खेला गया था, जहां भारतीय टीम ने 177 रनों का लक्ष्य दक्षिण अफ्रीका के सामने रखा था. मुकाबले में दक्षिण अफ्रीकी टीम जब लक्ष्य के करीब पहुंचती दिखाई दी, तब धोनी भी नर्वस हो गए थे. फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को केवल 7 रनों से मात दी और धोनी ने इस रोमांचक अनुभव को अपने शब्दों में साझा किया.
धोनी का रोमांचक अनुभव
इस बात का खुलासा धोनी ने एक इवेंट के दौरान किया, जब तन्मय भट्ट ने उनसे मजाकिया अंदाज में पूछा कि "क्या आपने भी हमारी तरह 15वें ओवर में मैच देखना बंद कर दिया था?" धोनी ने जवाब में कहा कि वह अपने कुछ दोस्तों के साथ घर पर बैठकर यह मैच देख रहे थे. उन्होंने बताया कि मैच के दौरान उनके अधिकतर दोस्त तो निराश होकर बाहर चले गए, लेकिन धोनी ने मैच के अंत तक देखने का फैसला किया. उन्होंने अपने दोस्तों से कहा कि "जब तक मैच पूरा नहीं होता, तब तक कुछ भी हो सकता है."
धोनी ने माना कि भले ही बाहर से वह संयमित दिखाई दे रहे थे, लेकिन अंदर से वह भी आशंकित थे. उन्हें अपनी टीम पर विश्वास था लेकिन फिर भी जैसे-जैसे खेल आखिरी ओवरों की ओर बढ़ा, उनके दिल की धड़कनें भी तेज हो गईं.
जब प्रेशर में बदल गया मैच का रुख
धोनी ने कहा, "जब किसी बड़े मुकाबले में दबाव ज्यादा होता है, तो खेल का रुख किसी भी वक्त बदल सकता है." उन्होंने यह भी बताया कि अंतिम पांच ओवरों में भारतीय गेंदबाजों ने अद्भुत प्रदर्शन किया, जिससे दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज दबाव में आ गए और गलतियां करने लगे. यही वो पल था, जब भारतीय गेंदबाजों ने मौका भुनाया और खेल का रुख बदल दिया. उन्होंने भारतीय टीम के खिलाड़ियों के जज्बे की प्रशंसा की और कहा कि ऐसी ही ऊर्जा, भरोसे और समर्पण की जरूरत होती है, भले ही नतीजा कुछ भी हो.