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भारत और बांग्‍लादेश के बीच सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर क्‍या है विवाद? पढ़ें पूरी डिटेल

भारत और बांग्लादेश के रिश्ते इन दिनों तनावपूर्ण चल रहे हैं. वहीं, अब दोनों देशों के बीच एक नया विवाद देखने को मिल रहा है. यह विवाद भारत की तरफ से सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर है, जिस पर बांग्लादेश आपत्ति जता रहा है. इस मामले में बांग्लादेश ने ढाका में भारत के उच्चायुक्त को बुलाकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की.

भारत और बांग्‍लादेश के बीच सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर क्‍या है विवाद? पढ़ें पूरी डिटेल
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( Image Source:  ANI )

India Bangladesh Fencing Dispute: भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव कम होने की जगह लगातार बढ़ता जा रहा है. अब सीमा पर बाड़ लगाने के लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद पैदा हो गया है. भारत बांग्लादेश से लगी अपनी सीमाओं को सील कर रहा है और सीमा पर मजबूत बाड़ेबंदी कर रहा है, लेकिन अब बांग्लादेश की सरकार इस पर आपत्ति जता रही है.

बता दें कि पाकिस्तान और चीन की तुलना में बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा 4096. 7 किलोमीटर लंबी है. यह चीन (3488 किमी) और पाकिस्तान (3323 किमी) से ज्यादा है. बांग्लादेश के साथ भारत के पांच राज्यों की सीमाएं लगती हैं. इनमें पश्चिम बंगाल (2216.70 किमी) असम (263 किमी), त्रिपुरा (856 किमी), मिजोरम (318 किमी) और मेघालय (443 किमी) शामिल हैं.



885 किमी सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर बांग्लादेश पैदा कर रहा विवाद

भारत ने अब तक अपनी 4096 किमी सीमा में से 3271 किमी सीमा की बाडे़बंदी कर दी है. अब 885 किमी सीमा की बाड़ेबंदी बाकी है. इसी को लेकर बांग्लादेश विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहा है. भारत चपमैनवाबगंज, नौगांव के पटनीतला,तीन बीघा कॉरिडोर और लालमोनिरहाट में बाडे़बंदी कर रहा है. बांग्लादेश का कहना है कि दोनों देशों के बीच हुई समझौते के मुताबिक ऐसा नहीं करना चाहिए. वहीं, भारत इन इलाकों को संवेदनशील मानता है. उसका मानना है कि यहां से घुसपैठ हो सकता है.

बांग्लादेश ने भारत के उच्चायुक्त को किया तलब

12 जनवरी को बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब कर अपनी नाराजगी जाहिर की. बांग्लादेश का आरोप है कि भारत सीमा पर पांच जगहों पर फेसिंग करने का प्रयास कर रहा है. इसके जवाब में भारत ने 13 जनवरी को बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त नुरल इस्लाम को तलब किया और बताया कि हमने दोनों देशों के बीच सीमा पर बाड़ लगाने के निर्माण में सभी निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया है.


बता दें कि 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रेडक्लिप रेखा सीमा बन गई. जब पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना, तब भी रेडक्लिप रेखा ही सीमा रही. भारत और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर निर्धारित करने का काम तुरंत शुरू किया था, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी रही. सीमा निर्धारण में कई दिक्कतें आ रहीं थीं. इनमें से कुछ को 1958 में हुए नेहरू-नून समझौते के जरिए हल करने की कोशिश की गई, लेकिन बाद में दोनों देशों के बीच दुश्मनी की वजह से यह काम अधूरा रह गया.

अपनी सीमाओं को अभेद्य बना रहा भारत

भारत इस समय अपनी सभी सीमाओं को अभेद्य बना रहा है. वह कंटीले तारों के साथ सीमाओं पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आधुनिक कैमरे शामिल हैं. नदियों के कारण जिन जगहों पर बाड़ नहीं लगाया जा सकता, वहां विशेष उपकरण लगाए गए हैं.

शेख हसीना के समय बांग्लादेश के साथ भारत के थे अच्छे संबंध

बता दें कि शेख हसीना की सरकार के समय भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंध थे, लेकिन जब से मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ है, दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. बांग्लादेश लगातार उकसावे वाली कार्रवाई कर रहा है.

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