थप्पड़ मार देना था मुझे... Run Out मामले में Shreyas Iyer को लेकर ये क्या बोल गए शशांक
IPL 2025 के क्वालिफायर-2 में पंजाब किंग्स के बल्लेबाज़ शशांक सिंह ने वो कर दिखाया जो शायद IPL इतिहास में कोई नहीं कहता- 'मुझे थप्पड़ मार देना चाहिए था!' ये शब्द उन्होंने अपने कप्तान श्रेयस अय्यर के लिए कहे, जो मुंबई इंडियंस के खिलाफ जीत के बावजूद उनके लापरवाह रनिंग से भड़क उठे थे.

Indian Premier League 2025 का क्वालिफायर 2 मुकाबला सिर्फ रोमांचक नहीं बल्कि काफी भावनात्मक भी रहा. इस मैच में पंजाब किंग्स (PBKS) के बल्लेबाज़ शशांक सिंह ने न सिर्फ शानदार बल्लेबाज़ी की, बल्कि एक विवादास्पद रन आउट का भी हिस्सा बने, जिसने कप्तान श्रेयस अय्यर को बेहद गुस्सा दिलाया. मैच के बाद अय्यर का शशांक पर नाराज़ होना कैमरे में कैद हो गया, लेकिन अब खुद शशांक ने उस घटना पर चौंकाने वाला बयान दिया है.
शशांक ने श्रेयस को लेकर क्या कुछ कहा?
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में शशांक ने कहा कि, 'मुझे थप्पड़ मार देना चाहिए था. मैं इतना लापरवाह था जैसे बीच पर टहल रहा हूं, गार्डन में भी नहीं. ये बहुत अहम वक्त था. श्रेयस ने कहा, ‘मैंने तुमसे ये उम्मीद नहीं की थी।’ बाद में उन्होंने मुझे डिनर पर ले जाकर बात की. यहां तक कि मेरे पापा ने भी मुझसे फाइनल तक बात नहीं की."
शशांक ने बताया कि उस रन आउट के बाद उनके पिता तक ने फाइनल तक उनसे बात नहीं की. इसके अलावा उन्होंने फाइनल में अपनी प्लानिंग और आखिरी ओवर में रन नहीं बना पाने की वजह भी साझा की. अब ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और IPL 2025 की सबसे चर्चित घटनाओं में से एक बन गया है.
शशांक ने साफ कहा कि जो गलती उन्होंने की, उसके लिए उन्हें डांट मिलनी ही चाहिए थी. उन्होंने बताया कि फाइनल मैच के बाद श्रेयस अय्यर ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी और यहां तक कह दिया था कि 'मुझे अपना मुंह भी नहीं दिखाना चाहिए' शशांक ने इसे लेकर कहा, मुझे ये सब सुनना ही था. मैं बहुत लापरवाह था. जैसे बीच पर घूम रहा था जबकि मुझे गार्डन में होना चाहिए था. पापा ने भी मुझसे बात नहीं की थी. लेकिन श्रेयस ने बाद में मुझे डिनर पर ले जाकर समझाया.
अय्यर की कप्तानी के मुरीद हुए शशांक
शशांक सिंह ने श्रेयस अय्यर की कप्तानी की जमकर तारीफ की और कहा कि वे मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों में शामिल हैं.श्रेयस से बेहतर कप्तान आज के समय में कोई नहीं है. वो हर खिलाड़ी को बराबर सम्मान देते हैं और ड्रेसिंग रूम में उन्हें सब 'चिल बंदा' कहते हैं.' शशांक ने बताया कि श्रेयस खिलाड़ियों की राय सुनते हैं और अगर कोई सुझाव सही हो तो उसे तुरंत अमल में लाते हैं. ऐसा रवैया बहुत कम कप्तानों में देखने को मिलता है.