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Paris Paralympics 2024: ईरानी खिलाड़ी ने की गलत हरकत, नवदीप सिंह को सिल्वर की जगह मिला गोल्ड मेडल, IT डिपार्टमेंड में करते हैं काम

Paris Paralympics 2024: पुरुषों की भाला एफ41 श्रेणी में भारत का पहला स्वर्ण पदक है और इस ओलंपिक में सांतवां स्वर्ण पदक है. नवदीप का पहला प्रयास फाउल रहा लेकिन उन्होंने दूसरे प्रयास में 46.39 मीटर के थ्रो के साथ शानदार वापसी की.

Paris Paralympics 2024: ईरानी खिलाड़ी ने की गलत हरकत, नवदीप सिंह को सिल्वर की जगह मिला गोल्ड मेडल, IT डिपार्टमेंड में करते हैं काम
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सचिन सिंह
by: सचिन सिंह

Published on: 8 Sept 2024 10:41 AM

Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक में शनिवार को पुरुषों की भाला फेंक एफ41 फाइनल में भारत के नवदीप सिंह के रजत पदक जीता था. लेकिन अब बाजी पलट गई है. दरअसल, ईरान के बेत स्याह सादेघ को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद नवदीप सिंह के रजत पदक को स्वर्ण पदक में बदल दिया गया. यह पुरुषों की भाला एफ41 श्रेणी में भारत का पहला स्वर्ण पदक है. इसके साथ ही भारत ने पेरिस पैरालंपिक में सातवां स्वर्ण पदक जीत लिया है.

नवदीप का पहला प्रयास फाउल रहा लेकिन उन्होंने दूसरे प्रयास में 46.39 मीटर के थ्रो के साथ शानदार वापसी की. तीन साल पहले तोक्यो पैरालंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाले नवदीप के तीसरे थ्रो ने स्टेडियम को रोमांचित कर दिया. उन्होंने 47.32 मीटर के विशाल थ्रो के साथ पैरालंपिक रिकॉर्ड को तोड़ दिया और बढ़त बना ली. स्याह सादेघ ने हालांकि अपने पांचवें प्रयास में भारतीय खिलाड़ी से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 47.64 मीटर का रिकॉर्ड थ्रो किया.

आपत्तिजनक झंडा दिखाने पर हुए अयोग्य घोषित

फाइनल की समाप्ति के कुछ समय बाद ईरान के खिलाड़ी स्याह सादेघ को अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसके कारण नवदीप ने शीर्ष स्थान हासिल किया. स्याह सादेघ को बार-बार आपत्तिजनक झंडा प्रदर्शित करने के लिए अयोग्य घोषित किया गया. वह अपनी हरकतों से स्वर्ण पदक गवां बैठे. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के नियम एथलीटों को आयोजन में कोई भी राजनीतिक हरकत करना कानूनी गलत है. यही कारण है कि स्याह सादेघ को गैर-खेल/अनुचित आचरण के लिए अंतिम परिणामों से बाहर कर दिया गया था.

संघर्ष के मूरत हैं नवदीप सिंह

एफ41 श्रेणी छोटे कद के एथलीटों के लिए है. हरियाणा के पानीपत में जन्मे नवदीप को शुरू से ही चुनौतियों का सामना करना पड़ा. नवदीप ने इस स्वर्ण पदक के साथ तोक्यो खेलों में चौथे स्थान पर रहने की कसक को दूर की. उन्होंने यूनिक पब्लिक स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी करने और दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी (ऑनर्स) में बी.ए. की है. भारत में आयकर विभाग में निरीक्षक के पद पर तैनात नवदीप ने 2017 में खेल में आने के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर पांच बार पदक जीते हैं. उन्होंने इस साल की शुरुआत में पैरा-विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था.

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