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84.14 मीटर की चोट! आखिरी थ्रो बना चैंपियन का इशारा, नीरज चोपड़ा ने पोलैंड में मारी सिल्वर की छलांग

पोलैंड में आयोजित ओरलेन जानुस कुसोसिन्स्की मेमोरियल टूर्नामेंट में नीरज चोपड़ा ने आखिरी प्रयास में 84.14 मीटर भाला फेंककर सिल्वर मेडल जीता. जर्मनी के जूलियन वेबर ने 86.12 मीटर के साथ गोल्ड और ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 83.24 मीटर के साथ ब्रॉन्ज जीता. यह टूर्नामेंट नीरज की तैयारी और जुझारूपन का प्रतीक बना.

84.14 मीटर की चोट! आखिरी थ्रो बना चैंपियन का इशारा, नीरज चोपड़ा ने पोलैंड में मारी सिल्वर की छलांग
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 24 May 2025 6:23 AM

भारत के स्वर्ण विजेता एथलीट नीरज चोपड़ा ने पोलैंड के चोरजोव में आयोजित ओरलेन जानुस कुसोसिन्स्की मेमोरियल टूर्नामेंट में भले ही गोल्ड मेडल से चूक गए हों, लेकिन उनका आखिरी थ्रो यह दिखाने के लिए काफी था कि वह वापसी के लिए पूरी तरह तैयार हैं. नीरज ने अपने अंतिम प्रयास में 84.14 मीटर की दूरी तय कर न केवल सिल्वर मेडल जीता, बल्कि अपनी जुझारूपन का भी प्रदर्शन किया. यह प्रतिस्पर्धा भविष्य की बड़ी चुनौतियों के लिए उनकी रणनीति का एक हिस्सा प्रतीत होती है.

इस प्रतियोगिता में नीरज का प्रदर्शन उतना सहज नहीं था जितना दर्शकों ने उम्मीद की थी. शुरुआती तीन प्रयासों में दो फाउल और केवल एक औसत थ्रो उनके लय से बाहर होने की ओर इशारा कर रहे थे. मगर जैसे-जैसे प्रतियोगिता आगे बढ़ी, उन्होंने अपने अनुभव और आत्मविश्वास से वापसी की. दूसरे और पांचवें प्रयास में क्रमश: 81.28 मीटर और 81.80 मीटर की दूरी तय करने के बाद उन्होंने छठे और अंतिम प्रयास में अपने भाले को 84.14 मीटर तक पहुंचाया.

जूलियन वेबर को गोल्ड मेडल

टूर्नामेंट में जर्मनी के जूलियन वेबर ने एक बार फिर खुद को नीरज का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी साबित किया. वेबर ने दूसरे राउंड में ही 86.12 मीटर का थ्रो फेंक दिया और पूरे इवेंट में कोई भी खिलाड़ी इस दूरी को पार नहीं कर सका. दोहा डायमंड लीग में भी वेबर ने नीरज को पीछे छोड़ा था. साफ है कि आने वाले ओलंपिक में यह मुकाबला और भी दिलचस्प होने वाला है.

नीरज को पछाड़ सकते थे एंडरसन पीटर्स

इस स्पर्धा में तीसरे स्थान पर रहे ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 83.24 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो दर्ज किया. पीटर्स हाल के टूर्नामेंटों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने दोहा में भी तीसरा स्थान हासिल किया था. इस प्रतियोगिता में नीरज का थ्रो 85 मीटर से नीचे रहा, जो उनके हालिया प्रदर्शन को देखते हुए अपेक्षाकृत कम था. मगर उनके आखिरी थ्रो ने यह दिखा दिया कि वह किसी भी समय खेल को पलट सकते हैं.

अनुभवी खिलाड़ियों को दिया टक्कर

टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा का स्तर काफी ऊंचा था. नीरज को केवल वेबर और पीटर्स ही नहीं, बल्कि पोलैंड, यूक्रेन और मोल्दोवा के अनुभवी खिलाड़ियों से भी टक्कर लेनी पड़ी. साइप्रियन मिर्जग्लोड और मार्सिन क्रुकोव्स्की जैसे खिलाड़ी घरेलू माहौल में खेल रहे थे, जिससे मुकाबला और चुनौतीपूर्ण हो गया था. ऐसे में नीरज का दूसरा स्थान हासिल करना उनकी मानसिक मजबूती और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को दर्शाता है.

विश्व मंच पर तिरंगा ऊंचा करने को तैयार

नीरज चोपड़ा के लिए यह प्रतियोगिता किसी हार या जीत से ज्यादा, अपनी तकनीक को परखने और तैयारी को आंकने का मौका थी. आखिरी थ्रो में मिली सफलता ने न केवल उन्हें सिल्वर मेडल दिलाया, बल्कि यह भी संकेत दिया कि वे आगामी टूर्नामेंट्स और ओलंपिक के लिए धीरे-धीरे अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म की ओर बढ़ रहे हैं. अगर यही आत्मविश्वास और निरंतरता बनी रही, तो नीरज चोपड़ा फिर से विश्व मंच पर भारत का तिरंगा ऊंचा करने को तैयार हैं.

स्‍पोर्ट्स न्‍यूज
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