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मोहम्‍मद शमी अपराधी हैं, खुदा को देना होगा जवाब; भड़के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

टीम इंडिया के स्‍टार गेंदबाज मोहम्‍मद शमी के रोजा नहीं रखने को लेकर बवाल मचा हुआ है. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शमी को अपराधी तक करार दे दिया है और कहा है कि उनकी इस हरकत से गलत संदेश गया है और उन्‍हें ऊपर वाले से माफी मांगनी होगी.

मोहम्‍मद शमी अपराधी हैं, खुदा को देना होगा जवाब; भड़के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 6 March 2025 2:01 PM IST

4 मार्च को दुबई में भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का जोरदार मुकाबला हुआ जिसमें भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्‍मद शमी ने शानदार प्रदर्शन किया. उन्‍होंने 10 ओवर में 48 रन देकर तीन विकेट झटके. इस मैच में उनके प्रदर्शन की तारीफ तो हुई ही, एक और बात के लिए फैंस उनके मुरीद हो गए. शमी मैच के दौरान पानी या कोई एनर्जी ड्रिंक पीते नजर आए. रोजे में दिनभर खाना-पीना नहीं करना होता है. इसे लेकर फैंस ने कहा कि शमी ने धर्म से ज्‍यादा देशप्रेम को तरजीह दी. हालांकि रोजे के दौरान ऐसा करने को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बहस भी चली.

लेकिन अब मुस्लिम जमात की तरफ से शमी के लिए विरोध के स्‍वर उठने लगे हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इस मामले पर अपनी राय रखी है. उन्‍होंने कहा है कि रोजा नहीं रखकर मोहम्‍मद शमी ने गुनाह किया है और उन्‍हें खुदा को जवाब देना होगा.

'शमी ने किया गुनाह'

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, "रोजा अनिवार्य कर्तव्यों में से एक है और अगर कोई स्वस्थ पुरुष या महिला रोजा नहीं रखता है, तो वह बड़ा अपराधी है. भारत के एक प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद शमी ने मैच के दौरान पानी या कोई अन्य पेय पदार्थ पी लिया. लोग उन्हें देख रहे थे. अगर वह खेल रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वह स्वस्थ हैं. ऐसी हालत में उन्होंने रोजा नहीं रखा और पानी भी पी लिया. इससे लोगों में गलत संदेश गया. रोजा न रखकर उन्होंने गुनाह किया है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. शरीयत की नजर में वह अपराधी हैं. उन्हें खुदा को जवाब देना होगा."

मौलाना पर भड़के यूजर्स

मौलाना रजवी के बयान पर लोगों के रिएक्‍शन भी आ रहे हैं और कई यूजर गुस्‍सा भी जाहिर कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा देश के प्रति कर्तव्‍य हमेशा सबसे ऊपर होता है. वहीं एक यूजर ने लिखा, 'जब वह देश के लिए खेलता है तो वह राष्ट्रीय कर्तव्य निभाता है. लेकिन यह बात उस व्यक्ति के लिए कोई मायने नहीं रखती जिसके लिए देश उसके धर्म या समुदाय से पहले आता है.' एक अन्‍य यूजर ने लिखा, 'इस तरह के बयान एक खतरनाक मानसिकता को उजागर करते हैं जहां धर्म को हर चीज से ऊपर रखा जाता है - राष्ट्रीयता, एकता और सामान्य ज्ञान से भी ऊपर.'

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