Second Ball Rule क्या है, जिससे IPL 2025 में गेंदबाज उड़ाएंगे गर्दा और बल्लेबाज होंगे पस्त?
आईपीएल 2025 में 'सेकंड बॉल' रूल पेश किया गया है. इसका मकसद रात के मैचों में ओस (Dew) के प्रभाव को कम करना है. ओस के कारण गेंदबाजों को गेंद पकड़ने में कठिनाई होती है, जिससे बल्लेबाजों को फायदा मिलता है. नई गेंद के इस्तेमाल से गेंदबाजों को समान अवसर मिलेगा, जिससे मैच अधिक संतुलित रहेगा. यह नियम दोपहर के मैचों में लागू नहीं होगा.

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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 का 22 मार्च से आगाज होने जा रहा है. पिछले कुछ सालों में आईपीएल में स्ट्रेटेजिक टाइम आउट और इम्पैक्ट प्लेयर जैसे नियम शामिल किए हैं. इस सीजन में भी एक नया नियम आ रहा है, जो है- सेकंड बॉल रूल. यह नियम दोपहर के मैचों में लागू नहीं होंगे.
सेकंड बॉल रूल को रात में होने वाले मैचों में ओस के प्रभाव को कम करने के लिए लाया गया है. ओस की वजह से गेंदबाजों को गेंद पकड़ने में परेशानी होती थी. इससे बल्लेबाजों को फायदा होता था. खासकर रन चेज के दौरान उन्हें काफी मदद मिलती थी.
आईपीएल 2025 का 'सेकंड बॉल रूल' क्या है?
'सेकंड बॉल रूल' के तहत, ऑन-फील्ड अंपायर दूसरी पारी के 11वें ओवर के बाद गेंद की स्थिति का आकलन करेंगे. अगर अंपायरों को अधिक ओस महसूस होती है, तो गेंदबाजी टीम को नई गेंद इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी. वहीं, यह नियम दोपहर के मैचों में लागू नहीं होगा.
आईपीएल में थूक (Saliva) के इस्तेमाल पर बैन हटाया गया
बीसीसीआई (BCCI) ने आईपीएल 2025 से थूक के उपयोग पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है.
कोविड-19 महामारी के दौरान आईसीसी (ICC) ने गेंद को चमकाने के लिए थूक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे 2022 में स्थायी कर दिया गया.
अब आईपीएल पहला बड़ा टूर्नामेंट बन गया है, जिसने इस नियम को हटा दिया है.
यह फैसला मुंबई में **आईपीएल टीमों के कप्तानों की बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें अधिकांश कप्तानों ने इसका समर्थन किया.
'सेकंड बॉल रूल' का क्या होगा प्रभाव?
'सेकंड बॉल रूल' से गेंदबाजों को ओस से होने वाली परेशानियों से राहत मिलेगी. बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच संतुलन बना रहेगा. आईपीएल में गेंदबाजों को उचित मौका मिलेगा, खासकर रन चेज़ के दौरान.