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India vs England 4th Test: लक्ष्मण-द्रविड़ की याद दिला रही राहुल और गिल की साझेदारी, क्या टीम इंडिया दोहरा पाएगी 2001 का इतिहास?

इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के आखिरी दिन भारत को पारी की हार से बचने के लिए 90 ओवर तक टिककर खेलना होगा. केएल राहुल और शुभमन गिल की 174 रनों की साझेदारी ने उम्मीदें ज़रूर जगाई हैं, लेकिन अभी भी भारत पारी की हार से 137 रन पीछे है. खराब टीम चयन और बॉलिंग विकल्पों की वजह से भारत शुरुआत में ही पिछड़ गया, पर अब सारा दारोमदार राहुल-गिल की जोड़ी पर है. बेन स्टोक्स और दूसरी नई गेंद चुनौती बन सकते हैं, ऐसे में गिल और राहुल को लक्ष्मण-द्रविड़ जैसे जज़्बे से खेलना होगा.

India vs England 4th Test: लक्ष्मण-द्रविड़ की याद दिला रही राहुल और गिल की साझेदारी,  क्या टीम इंडिया दोहरा पाएगी 2001 का इतिहास?
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( Image Source:  ANI )

India vs England 4th Test, Old Trafford: जब भी टीम इंडिया एक मुश्किल टेस्ट मुकाबले में हार की कगार पर खड़ी होकर जूझती है, तो ज़ेहन में सबसे पहले कोलकाता के ईडन गार्डन्स की वो ऐतिहासिक शाम ताज़ा हो जाती है, जहां वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट की सबसे यादगार वापसी लिखी थी. पहली पारी में क्रम बदलकर बल्लेबाज़ी करने उतरे हैदराबाद के 'कलात्मक' लक्ष्मण और बेंगलुरु के 'तकनीशियन' द्रविड़ ने 376 रनों की साझेदारी कर 274 रनों का घाटा मिटाया और स्टीव वॉ की विजेता टीम को 171 रन से हराकर इतिहास रच दिया.

रविवार को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में इतिहास को दोहराने की उम्मीद एक बार फिर बेंगलुरु के एक 'तकनीशियन' केएल राहुल और पंजाब के 'स्टाइलिश' बल्लेबाज़ शुभमन गिल से है. दोनों ने तीसरे विकेट के लिए अब तक 174 रन जोड़ लिए हैं, लेकिन भारत अब भी पारी की हार से बचने के लिए 137 रन पीछे है. पहली दो गेंदों पर बिना कोई रन बनाए दो विकेट खो देने के बाद ये साझेदारी उम्मीद की एक किरण है, मगर लड़ाई लंबी और कठिन है.

कुलदीप यादव को मौका न देना टीम इंडिया को पड़ा भारी

भारत की मौजूदा हालत के पीछे टीम चयन में की गई चूकें भी जिम्मेदार हैं. लेफ्ट-आर्म चाइनामैन कुलदीप यादव को न खिलाकर, इंग्लैंड के खिलाफ एक बड़ा हथियार गंवा दिया गया. शार्दूल ठाकुर को मौका दिया गया, लेकिन कप्तान को उन पर गेंदबाज़ी में भरोसा नहीं दिखा. ताज़ा-ताज़ा इंग्लैंड पहुंचे अंशुल कम्बोज को मैदान में उतारना भी एक जोखिमभरा फैसला था, जबकि प्रसिद्ध कृष्णा जैसे विकल्प मौजूद थे. ये सब अब अतीत है, लेकिन सबक सिखाने वाला अतीत...

टेस्ट को ड्रॉ करना पहली प्राथमिकता

अब ज़रूरत है, वर्तमान पर टिके रहने की. अगला टेस्ट जिंदा रखने के लिए, इस मुकाबले को ड्रॉ करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है. पिच चुनौतीपूर्ण ज़रूर है, लेकिन असंभव नहीं. टीम को पूरे 90 ओवर तक डटे रहना होगा. अगर भारत ये दिन निकाल लेता है, तो वह 1-2 से पीछे रहकर भी लंदन के ओवल में होने वाले अंतिम टेस्ट के लिए मैदान में उतरेगा. इससे बेहतर स्थिति भारत की मौजूदा हालत में सोची नहीं जा सकती. राहुल और गिल को सिर्फ बॉलिंग ही नहीं, बल्कि मानसिक दबाव और ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी से उपजी अतिरिक्त ज़िम्मेदारी से भी जूझना होगा.

राहुल और गिल से बड़ी पारी खेलने की उम्मीद

इंग्लैंड के गेंदबाज़ थके ज़रूर दिखे, लेकिन एक रात की नींद, नई गेंद जो महज़ 17 ओवर दूर है, और खुद कप्तान बेन स्टोक्स की वापसी उनकी ऊर्जा लौटा सकती है. स्टोक्स, जो पहले दो दिन में पांच विकेट ले चुके हैं और फिर एक शानदार शतक जड़ चुके हैं, शनिवार को गेंदबाज़ी नहीं की. स्टोक्स, जॉफ्रा आर्चर से भी ज़्यादा खतरनाक लगे हैं इस सीरीज़ में... ऐसे में अगर भारत को ये मुकाबला बचाना है, तो राहुल और गिल को अपने 87 और 78 रन को लक्ष्मण-द्रविड़ जैसे 281 और 180 में बदलना होगा. या फिर उल्टा—कौन जाने?

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