"मैं एक सीरीज़ से ज़्यादा का हकदार था", करुण नायर का छलका दर्द, अजीत अगरकर पर बरसे
भारतीय बल्लेबाज करुण नायर, जिन्होंने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 303 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी, एक बार फिर चयनकर्ताओं के फैसले पर खुलकर बोले हैं. इंग्लैंड दौरे में औसत प्रदर्शन के बाद टीम से बाहर किए गए करुण ने कहा कि उन्हें “सिर्फ एक सीरीज़ नहीं, उससे ज़्यादा मौके मिलने चाहिए थे.” उन्होंने कहा कि टीम प्रबंधन की ओर से उन्हें स्पष्ट बातचीत नहीं मिली, लेकिन वे बल्ले से जवाब देने पर भरोसा रखते हैं.
भारतीय क्रिकेटर करुण नायर, जिन्होंने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 303 रन की ऐतिहासिक पारी खेलकर सुर्खियां बटोरी थीं, अब एक बार फिर टीम इंडिया से बाहर किए जाने पर खुलकर बोले हैं. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उन्हें “सिर्फ एक सीरीज़ नहीं, उससे ज़्यादा मौके मिलने चाहिए थे.”
करीब सात साल के लंबे अंतराल के बाद करुण नायर को इस साल इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट टीम में जगह मिली थी. घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन, खासकर दो रणजी सीज़न में 1,553 रन ने उन्हें फिर से टीम इंडिया के दरवाज़े तक पहुंचाया था.
हालांकि इंग्लैंड सीरीज़ में उनका प्रदर्शन औसत रहा. उन्होंने कुल 205 रन बनाए, जिसके बाद बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने कहा था कि चयन समिति को “उनसे थोड़ी और उम्मीद थी.” इसके तुरंत बाद करुण को वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज़ से बाहर कर दिया गया. इतना ही नहीं, उन्हें साउथ अफ्रीका ‘ए’ के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज़ के लिए भी टीम इंडिया ‘ए’ में शामिल नहीं किया गया.
यह झटका 33 वर्षीय खिलाड़ी के लिए बहुत बड़ा था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
‘मैं जानता हूं कि मैं वहां का हकदार हूं’
गोवा के खिलाफ एक नाबाद 174 रन की पारी खेलने के बाद करुण नायर ने खुलकर अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, “यह बहुत निराशाजनक है (टीम से बाहर होना). लेकिन मैं जानता हूं कि मैंने पिछले दो सालों में जैसा प्रदर्शन किया है, उसके बाद मैं चयन का हकदार हूं. लोगों की अपनी राय हो सकती है, लेकिन मेरी राय में मुझे इससे कहीं बेहतर मौका मिलना चाहिए था.”
उन्होंने यह भी कहा कि टीम प्रबंधन की ओर से उन्हें बहुत स्पष्ट बातचीत नहीं मिली, “कुछ खिलाड़ियों ने मुझसे बात की है, अपनी राय दी है, लेकिन इतना ही. उसके अलावा मुझे कोई खास संकेत या समझ नहीं दी गई.”
‘सिर्फ रन बनाना ही मेरा जवाब है’
करुण नायर ने यह साफ कर दिया कि वे चुपचाप अपने बल्ले से जवाब देंगे. उन्होंने कहा, “मैं बस रन बनाता रहूंगा, यही मेरा काम है. मैं अपने आप से यही कहता रहता हूं कि मैं एक सीरीज़ से ज़्यादा का हकदार हूं. और मैं इस बात को अपने दिमाग पर हावी नहीं होने देता. मेरा एक ही लक्ष्य है, देश के लिए खेलना. अगर वह नहीं हो पा रहा है, तो मैं उस टीम के लिए जितना हो सके उतना योगदान देना चाहता हूं जिसके लिए खेल रहा हूं.”
करुण ने कहा कि उन्होंने कुछ निजी लक्ष्य तय किए हैं, जिनके बारे में वह सार्वजनिक रूप से बात नहीं करना चाहते, लेकिन उनका मुख्य मकसद टीम को मैच जिताना है.
‘मैं अभी खत्म नहीं हुआ’
भले ही उन्हें बार-बार नजरअंदाज किया गया हो, लेकिन करुण का आत्मविश्वास बरकरार है. उन्होंने कहा कि उन्हें क्रिकेट में अवसरों की राजनीति का अहसास है, फिर भी वे हार मानने वालों में से नहीं हैं. करुण ने कहा, “मैं जानता हूं कि बहुत से खिलाड़ियों को सीमित मौके मिलते हैं. लेकिन मैं अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ूंगा. जब तक रन बनाता रहूंगा, तब तक उम्मीद भी ज़िंदा रहेगी.”
करुण नायर की हालिया फॉर्म उनकी बात को साबित भी करती है. सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी सीज़न के शुरुआती मैच में उन्होंने 73 और 8 रन, और फिर गोवा के खिलाफ नाबाद 174 रन की शानदार पारी खेली. उन्होंने कहा कि वे इसे डबल सेंचुरी में बदल सकते थे, लेकिन “साथी बल्लेबाज़ों के आउट होने के कारण” ऐसा नहीं हो सका.
चयनकर्ता अगरकर के बयान पर निशाना
करुण का यह बयान सीधे तौर पर मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया माना जा रहा है. अगरकर ने कहा था कि “उन्हें करुण से कुछ ज़्यादा उम्मीदें थीं.” इस पर अब करुण का कहना है कि चयनकर्ता सिर्फ आंकड़ों पर नहीं, लगातार मेहनत और स्थिरता को भी देखें. पूर्व क्रिकेटरों के एक वर्ग का मानना है कि करुण जैसे खिलाड़ी को केवल एक सीरीज़ के बाद बाहर करना अनुचित और जल्दबाजी भरा फैसला था. भारत के लिए तीन अंकों की पारी खेलने वाले खिलाड़ी आज भी कम हैं, और करुण उन चुनिंदा बल्लेबाज़ों में शामिल हैं जिन्होंने ट्रिपल सेंचुरी बनाई है.
‘हकदार हूं वापसी का’
करुण नायर का संदेश साफ है कि वे अब भी टीम इंडिया के लिए खेलने का सपना देख रहे हैं. उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, “सिर्फ एक सीरीज़ के आधार पर किसी खिलाड़ी का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता. मैंने पहले भी वापसी की है, और एक बार फिर करूंगा.” फिलहाल, करुण नायर अपनी नजरें रणजी ट्रॉफी पर टिकाए हुए हैं. अगर वे इस सीज़न में भी बड़े स्कोर बनाते रहे, तो शायद चयनकर्ताओं को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना पड़ेगा.





