एडिलेड में मिली करारी हार के बाद गाबा को कैसे फतह करेगा भारत? रोहित शर्मा को लेने होंगे ये बड़े फैसले
IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट मैच खेला गया, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से जीत लिया. अब पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच गाबा में खेला जाएगा. इस मैच में पलटवार करने के लिए कप्तान रोहित शर्मा को बड़ा फैसला लेना ही होगा.

Gabba Test: भारत को एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. रोहित शर्मा हों या विराट कोहली, कोई भी बड़ी पारी नहीं खेल सका. रोहित का केएल राहुल से ओपनिंग कराने का फैसला भी गलत साबित हुआ. राहुल पहली पारी में 37, जबकि दूसरी पारी में महज 7 रन बनाए.
रोहित शर्मा ने पहली पारी में 3, जबकि दूसरी पारी में 6 रन बनाए. विराट कोहली भी पहली पारी में 7, जबकि दूसरी पारी में 11 रन बनाकर आउट हुए. गाबा में तीसरा टेस्ट मैच 14 दिसंबर से खेला जाएगा. इस मैच में भारतीय टीम को पलटवार करने के लिए कई बदलाव करने पड़ सकते हैं.
रोहित शर्मा करें ओपनिंग
रोहित शर्मा टेस्ट में ओपनिंग करते रहे हैं. ऐसे में यशस्वी जायसवाल के साथ उन्हें ही ओपनिंग करनी चाहिए. मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हुए रोहित बिल्कुल असहज नजर आए. राहुल ने मिडिल ऑर्डर में भी अच्छी बल्लेबाजी की है. इसलिए अगर भारत को पलटवार करना है तो रोहित को ओपनिंग करनी ही चाहिए. महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का भी यही मानना है.
आकाश दीप को मिले मौका
हर्षित राणा उभरते हुए तेज गेंदबाज हैं. उन्होंने आईपीएल में भी अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया था. एडिलेड में राणा बुरी तरह फ्लॉप रहे. उन्होंने पहली पारी में 16 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 86 रन खर्च कर डाले. इस दौरान उनकी इकॉनमी 5.40 रही. ऐसे में उनकी जगह आकाश दीप या प्रसिद्ध कृष्णा को मौका दिया जा सकता है. आकाश बैटिंग भी अच्छी कर सकते हैं.
अश्विन की जगह जडेजा या सुंदर को मिले मौका
रविचंद्रन अश्विन को पिंक बॉल टेस्ट में उनके रिकॉर्ड को देखते हुए एडिलेड में मौका दिया गया था, लेकिन वे उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए. ऐसे में गाबा टेस्ट में रविंद्र जडेजा को मौका दिया जा सकता है. वे स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन को काफी परेशान करते हैं. इसके अलावा, फील्डिंग में भी अपना जलवा बिखेर सकते हैं.
बल्लेबाजों को दिखाना होगा धैर्य
पर्थ में राहुल और यशस्वी ने जिस धैर्य का परिचय दिया, वह एडिलेड में दिखाई नहीं दिया. टेस्ट में बल्लेबाज की धैर्य की परीक्षा होती है. जितना बल्लेबाज धैर्य धारण कर बल्लेबाजी करेगा, उतना ही ऑस्ट्रेलिया को परेशानी होगी. पहली पारी में कोई भी बल्लेबाज 65 गेंद भी नहीं खेल पाया, जबकि दूसरी पारी में 50 गेंदें खेलना भी मुश्किल हो गया. ऐसे में बल्लेबाजों को अपने खेलने के तरीकों में बदलाव करना पड़ेगा.
शीर्ष क्रम को समझनी होगी जिम्मेदारी
किसी भी टीम के अगर शीर्ष बल्लेबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, तो वो टीम बड़ा स्कोर खड़ा कर सकती है. भारतीय टीम को पिछले कई मैचों से शीर्ष क्रम से सहयोग नहीं मिल पा रही है, जो हार की बड़ी वजहों में से एक है. शीर्ष क्रम के फेल हो जाने से मिडिल ऑर्डर दबाव नहीं झेल पाता है. पर्थ टेस्ट में यशस्वी और राहुल के बीच हुई पार्टनरशिप ने ही भारत की जीत की पटकथा लिखी थी. ऐसे में शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी.