Begin typing your search...

क्या विराट कोहली ने खत्म किया युवराज सिंह का करियर? पूर्व क्रिकेटर का बड़ा बयान

युवराज सिंह ने भारत को दो बार विश्वकप जिताया है, लेकिन कैंसर होने की वजह से वे 2011 वर्ल्डकप के बाद टीम से बाहर हो गए. 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी से पहले उन्होंने टीम में वापसी की पूरी कोशिश की थी, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए. इसके बाद युवी को 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम में शामिल किया गया, लेकिन उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा, जिससे उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया. अब इस पर पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने बड़ा खुलासा किया है.

क्या विराट कोहली ने खत्म किया युवराज सिंह का करियर? पूर्व क्रिकेटर का बड़ा बयान
X
( Image Source:  ANI )

Yuvraj Singh Virat Kohli: युवराज सिंह बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज थे. वे टी-20 वर्ल्डकप 2007 और वनडे वर्ल्डकप 2011 जीतने वाली टीम के सदस्य भी रहे. हालांकि, 2011 के वर्ल्डकप के बाद उन्हें उन्हें कैंसर हो गया. इससे उनका क्रिकेट करियर खत्म हो गया. मजबूर होकर उन्हें 2019 में संन्यास लेने का फैसला किया.

युवराज ने 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी से पहले टीम में वापसी की पूरी कोशिश की थी. इसके बावजूद उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया. इसके बाद युवी को 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम में शामिल किया गया. लेकिन उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा, जिससे उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया.

'विराट की कप्तानी की शैली अलग थी'

भारत के लिए 46 वनडे और 13 टी-20 खेलने वाले पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि विराट की कप्तानी की शैली अलग थी. आपको उनके स्तर तक पहुंचने की जरूरत होती थी. चाहे फिटनेस हो, खाने की आदतें हो, सुनना हो या सहमत हो, यह सब उस स्तर पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि नेता दो तरह के होते हैं. कुछ नेता कहते हैं कि यह मानक जरूरी है, जबकि कुछ ऐसे भी हैं, जो कहते हैं कि मैं वहां आपसे मिलूंगा और आपको उस मानक तक ले जाऊंगा, जिस पर मैं चाहता हूं कि आप पहुंचे. काम दोनों करते हैं, नतीजे दोनों को मिलते हैं, लेकिन कर्मियों पर प्रभाव अलग-अलग होगा. एक बहुत मूल्यवान होगा औ एक अलग व्यक्ति बहुत निराश महसूस होगा.

कोहली के कप्तान बनने के बाद टीम इंडिया में चीजें कैसे बदल गईं, इसे समझाने के लिए उथप्पा ने युवराज का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि युवी ने कैंसर को मात दे दिया था. वे टीम में वापसी की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने दो विश्वकप जिताए. उनके लिए, जब आप कप्तान बनते हैं तो कहते हैं कि उसकी फेफड़ों की क्षमता कम हो गई है. वहीं, जब आपने उसे संघर्ष करते हुए देखा था, तब आप उसके साथ थे. यह मुझे किसी ने नहीं बताया है, मैंने खुद देखा है.

'युवी अपवाद के हकदार थे'

उथप्पा ने सवाल उठाते हुए कहा कि कोहली ने युवी पाजी को संघर्ष करते हुए देखा है. यह सही है कि आपको एक स्तर का मानक बनाए रखना होता है, लेकिन नियम के अपवाद हमेशा होते हैं. मैं समझता हूं कि युवी अपवाद के हकदार थे, क्योंकि उन्होंने न केवल टूर्नामेंट जीता, बल्कि उसने कैंसर को भी मात दी. इस लिहाज से उसने जीवन की सबसे कठिन चुनौती को हराया है.

'किसी ने भी युवी का सपोर्ट नहीं किया'

पूर्व क्रिकेटर ने खुलासा किया कि युवी ने फिटनेस टेस्ट के स्तर में कुछ रियायतें मांगी थीं, लेकिन उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया. हालांकि, इसके बाद उन्होंने टेस्ट को पास किया और टीम में शामिल हुए. लेकिन एक टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन की वजह से वे टीम से पूरी तरह बाहर हो गए. किसी ने भी युवी का सपोर्ट नहीं किया.

स्‍पोर्ट्स न्‍यूजक्रिकेट न्‍यूज
अगला लेख