66 सेंचुरी, 18 दोहरे शतक और 5 रणजी फाइनल... ‘वॉल ऑफ इंडिया’ पुजारा का डोमेस्टिक क्रिकेट का रिकॉर्ड जान चौंक जाएंगे आप
चेतेश्वर पुजारा ने रविवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया. भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक दशक से अधिक समय तक 'दीवार' के रूप में खड़े रहे पुजारा ने 103 मैचों में 7,195 रन बनाए. उनके असली रिकॉर्ड की पहचान घरेलू क्रिकेट में है, जहां उन्होंने 21,301 फ़र्स्ट-क्लास रन और 66 शतक बनाए. पुजारा ने सौराष्ट्र की टीम को पांच रणजी फाइनल में नेतृत्व किया और उन्हें 2019/20 और 2022/23 में ऐतिहासिक खिताब जिताने में अहम योगदान दिया.
Cheteshwar Pujara in domestic cricket: भारतीय टेस्ट क्रिकेट के भरोसेमंद बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा ने रविवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी. एक दशक से भी ज़्यादा समय तक भारत की टेस्ट टीम का स्तंभ रहे पुजारा की पहचान धैर्य, अनुशासन और लंबी पारियां खेलने के लिए रही. पुजारा ने भारत के लिए 103 टेस्ट मैचों में 7,195 रन बनाए, लेकिन असली पहचान उन्हें घरेलू क्रिकेट ने दी.
फ़र्स्ट-क्लास क्रिकेट में पुजारा के नाम 21,301 रन और 66 शतक दर्ज हैं. यह आंकड़ा भारत में सिर्फ सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ से पीछे है.
पुजारा ने अपने करियर में लगाए 18 दोहरे शतक
पुजारा ने अपने करियर में 18 दोहरे शतक लगाए, जो उन्हें विश्व क्रिकेट की ऑल-टाइम लिस्ट में चौथे स्थान पर लाता है. उनसे आगे केवल डॉन ब्रैडमैन (37), वॉली हैमंड (36) और पैट्सी हेंड्रेन (22) हैं. भारत के लिए यह उपलब्धि केवल विजय मर्चेंट (11) के बाद दूसरी सबसे बड़ी है. इतना ही नहीं, पुजारा और उनके साथी रविंद्र जडेजा ही ऐसे भारतीय बल्लेबाज़ हैं, जिनके नाम फ़र्स्ट-क्लास क्रिकेट में तीन-तीन तिहरे शतक दर्ज हैं.
सौराष्ट्र को 2 बार रणजी खिताब जिताने में निभाई अहम भूमिका
पुजारा का करियर सौराष्ट्र के बिना अधूरा है. उन्होंने पांच रणजी फाइनल खेले और 2019/20 तथा 2022/23 में सौराष्ट्र को ऐतिहासिक खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई. उनके नाम रणजी में 7,774 रन और 25 शतक हैं, जो राज्य की ओर से किसी भी खिलाड़ी का सर्वोच्च रिकॉर्ड है.
‘द वॉल’ की संभाली विरासत
राहुल द्रविड़ के बाद पुजारा को भारत का आधुनिक 'वॉल' कहा गया. उनकी खासियत थी गेंदबाज़ों को थकाना, समय बिताना और टीम को टिकाकर रखना. चाहे राजकोट की सपाट पिच हो या ऑस्ट्रेलिया की तेज़ पिचें, पुजारा हमेशा अपने अनुशासन और तकनीक के दम पर खड़े रहे. 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाते रहे.
“हर अच्छी चीज़ का एक अंत होता है”
यहां तक कि हाल ही में भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ के दौरान पुजारा कमेंट्री के साथ फिटनेस ट्रेनिंग भी कर रहे थे और एक और रणजी सीज़न खेलने की तैयारी में थे. लेकिन रविवार को उन्होंने भावुक अंदाज़ में कहा, “हर अच्छी चीज़ का एक अंत होता है.” इस तरह राजकोट के एक सपनों से भरे लड़के से लेकर भारत की टेस्ट टीम की रीढ़ बनने तक का पुजारा का सफर थम गया, मगर उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा मिसाल बनी रहेगी.





