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Charles Bannerman: पहली गेंद, पहला रन, चौका-छक्का-सेंचुरी; डेढ़ सौ साल और दर्जन भर रिकॉर्ड पर बादशाहत की कहानी

क्रिकेट की दुनिया में सचिन, विराट और गावस्कर जैसे दिग्गजों के रिकॉर्ड चर्चा में रहते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट के पहले मैच में बनाए गए कई रिकॉर्ड आज भी कायम हैं. ये सभी रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ चार्ल्स बैनरमैन के नाम हैं. 1877 में खेले गए पहले टेस्ट में उन्होंने पहला रन, पहला चौका, पहला अर्धशतक और पहला शतक जड़कर इतिहास रचा.

Charles Bannerman: पहली गेंद, पहला रन, चौका-छक्का-सेंचुरी; डेढ़ सौ साल और दर्जन भर रिकॉर्ड पर बादशाहत की कहानी
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( Image Source:  X/@ICC )
अभिजीत श्रीवास्तव
By: अभिजीत श्रीवास्तव

Updated on: 23 Aug 2025 1:29 PM IST

क्रिकेट के चाहने वाले अपने चहेते क्रिकेटर को उनके बनाए रिकॉर्ड्स के ज़रिए ही याद रखते हैं. फिर चाहे सबसे अधिक टेस्ट शतक बनाने वाले सचिन तेंदुलकर हों या सबसे अधिक वनडे शतक जमाने वाले विराट कोहली. आप ये भी जानते हैं कि टेस्ट मैचों में कभी सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर हुआ करते थे तो आज ये रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम पर हैं. यानी क्रिकेट के रिकॉर्ड बनते-बिगड़ते-बदलते रहते हैं. यह एक खिलाड़ी के नाम से दूसरे खिलाड़ी के नाम पर दर्ज होते रहते हैं. लेकिन मैं आपसे ये कहूं कि क़रीब डेढ़ सौ साल पहले क्रिकेट के पहले टेस्ट मैच में बनाए गए एक दर्जन रिकॉर्ड आज भी बदस्तूर कायम हैं, तो ये सुनकर आपको थोड़ी हैरानी होगी. पर अगर मैं बताउं कि ये सभी रिकॉर्ड एक ही क्रिकेटर के नाम पर हैं. तो निश्चित रूप से आप उस क्रिकेटर के कारनामे को जानने के लिए हैरान कर देने वाली ये कहानी ज़रूर सुनना चाहेंगे.

हम बात कर रहे हैं उस बेहतरीन बल्लेबाज़ की, जिसकी कलाइयों में ग़जब की बैटिंग कला मौजूद थी. उनकी शैली शानदार थी. वो गेंद का बहुत ख़ूबसूरती से सामना करते. बल्लेबाज़ी में इस कदर माहिर थे कि उनकी तरकश में क्रिकेट का हर शॉट मौजूद था. उनके बल्ले से जब ऑफ़ साइड में गेंद निकलती तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते. वहीं वो लेग साइड में आई गेंद पर जब आगे बढ़कर पूरी ताक़त से प्रहार करते, तो पूरा दर्शकदीर्घा खड़े होकर तालियां बजाने को मजबूर हो जाता. उनके बल्ले से रन इस कदर निकलते कि उस जमाने में लोग उन्हें 'रन बनाने की मशीन' बोलते. जब वो लय में होते थे तो उनके शॉट्स को देख कर क्रिकेट के चाहने वालों के चेहरे पर मुस्कान तैर जाती तो जुबान से तारीफ़ों के लफ़्ज़ निकले बग़ैर नहीं रहते. वो जितने अच्छे बल्लेबाज़ थे उतनी ही बेहतरीन फ़ील्डिंग भी किया करते थे. हम बात कर रहे हैं चार्ल्स बैनरमैन की. आपने शायद ही पहले ये नाम सुना हो!

चार्ल्स बैनरमैन 1851 में इंग्लैंड में जन्में पर ऑस्ट्रेलिया में जाकर बस गए. ऑस्ट्रेलिया के लिए ही क्रिकेट भी खेले और उन्हें क्रिकेट के इतिहास का पहला टेस्ट मैच खेलने का सौभाग्य हासिल हुआ. उस पहले टेस्ट मैच में चार्ल्स बैनरमैन ने कई कारनामे किए, और आज भी क़रीब डेढ़ सौ साल पहले किए गए उन कारनामों के लिए उन्हें याद किया जाता है. उन्होंने जो किया उसकी अमिट छाप आज भी बरकरार है और न जाने कई सदियों तक यूं ही बनी रहेगी.

चार्ल्स बैनरमैन के बेमिसाल टेस्ट रिकॉर्ड

आपको बता दें कि क्रिकेट के इतिहास का पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर मार्च 1877 में खेला गया था. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान डेव ग्रेगरी ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फ़ैसला किया. ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज़़ चार्ल्स बैनरमैन और नैट थॉमसन बैटिंग करने के लिए उतरे.

टेस्ट इतिहास की पहली गेंद, पहला रन, पहला चौका

जैसे ही चार्ल्स बैनरमैन ने स्ट्राइक ली वो टेस्ट इतिहास में पहली गेंद खेलने वाले बल्लेबाज़ बन गए तो इंग्लैंड के गेंदबाज़ अल्फ़्रेड शॉ टेस्ट इतिहास में पहली गेंद डालने वाले गेंदबाज़ बने. इसके बाद बैनरमैन के बैट से ही टेस्ट क्रिकेट का पहला रन भी निकला तो पहला चौका भी बैनरमैन ने ही जमाया. फ़िर तो बैनरमैन ने इस टेस्ट मैच में कई और रिकॉर्ड अपने नाम किए.

टेस्ट मैचों का पहला अर्धशतक

पारी की शुरुआत करने के बाद चार्ल्स बैनरमैन एक छोर पर जम गए, तो दूसरे छोर से लगातार विकेट गिर रहे थे. नैट थॉमसन ने केवल एक रन तो थॉमस होरान ने 12 रन बनाए, वहीं कप्तान डेव ग्रेगरी भी केवल एक रन पर रन आउट हो गए. कप्तान के आउट होने के कुछ ही देर बाद चार्ल्स बैनरमैन ने अर्धशतक जमा दिया, जो टेस्ट मैचों के पहले अर्धशतक के रूप में दर्ज हो गया.

टेस्ट क्रिकेट का पहला शतक, पहले दिन ही सेंचुरी मारने वाले बल्लेबाज़

शुरुआती बल्लेबाज़ों के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई मध्यक्रम भी चरमरा गया. कूपर 15, विलियम मिडविंटर पांच, तो एडवर्ड ग्रेगोरी शून्य पर आउट हो गए. पर चार्ल्स बैनरमैन अपनी बल्लेबाज़ी का जौहर दिखाने में जुटे थे. टीम के आधे से अधिक बल्लेबाज़ पवेलियन लौट चुके थे, पर बैनरमैन डटे रहे और उन्होंने मैच के पहले ही दिन शतक जमाकर इतिहास रच दिया. उन्होंने न केवल टेस्ट मैचों पहला शतक बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया बल्कि टेस्ट मैच के पहले ही दिन सेंचुरी बनाने वाले वो दुनिया के पहले बल्लेबाज़ भी बन गए. पहले दिन ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट पर 166 रन बनाए तो चार्ल्स बैनरमैन 126 रन बनाकर नाबाद रहे.

डेढ़ सौ रन बनाने वाले टेस्ट क्रिकेट के पहले बल्लेबाज़

दूसरे दिन चार्ल्स बैनरमैन डेढ़ सौ रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज़ बने और जब वो दोहरे शतक की ओर बढ़ रहे थे तभी उनकी उंगली में चोट लग गई और रिटायर्ड हर्ट होकर उन्हें पवेलियन लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा. यहां फ़िर एक रिकॉर्ड बैनरमैन के नाम जुड़ गया. बैनरमैन टेस्ट क्रिकेट में रिटायर्ड हर्ट होने वाले पहले क्रिकेटर बन गए. जब चार्ल्स बैनरमैन पवेलियन लौटे तब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर सात विकेट पर 240 रन था. लेकिन सिर्फ़ पांच रन बाद ही ऑस्ट्रेलियाई पारी सिमट गई. चार्ल्स बैनरमैन ने 165 रन बनाए. इस दौरान बैनरमैन ने 18 चौके लगाए. ऑस्ट्रेलिया की ओर से सभी बाउंड्री बैनरमैन के बल्ले से निकली, किसी और बल्लेबाज़ ने चौके या छक्के नहीं जमाए.

टीम के कुल स्कोर का 67.34% रन बनाने का रिकॉर्ड

ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 245 रन बनाए तो इनमें से 165 रन तो अकेले चार्ल्स बैनरमैन ने बनाए थे. यानी ऑस्ट्रेलिया के 67.34 प्रतिशत रन बैनरमैन ने बनाए. आज 148 साल बाद भी टेस्ट मैच में कोई और बल्लेबाज़ चार्ल्स बैनरमैन के इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं सका है. एक पूरी हो चुकी पारी में किसी बल्लेबाज़ के रनों के प्रतिशत के मामले में ये रिकॉर्ड आज भी चार्ल्स बैनरमैन के नाम पर ही कायम है.

पहले टेस्ट में पहली गेंद खेलने वाले, पहला रन बनाने वाले, पहला चौका जड़ने वाले, पहली हाफ़ सेंचुरी बनाने वाले, पहला शतक जमाने वाले बल्लेबाज़ के साथ-साथ डेढ़ सौ रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर बन कर चार्ल्स बैनरमैन ने वो रिकॉर्ड कायम किया जिसे चाहकर भी कोई बदल नहीं सकता. इतना ही नहीं, अगले ही मैच में चार्ल्स बैनरमैन ने टेस्ट मैचों में पहला छक्का जमाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम पर सदा-सदा के लिए दर्ज कर लिया.

क्रिकेट इतिहास के पहले टेस्ट मैच में क्या हुआ था?

1877 में जब पहला टेस्ट मैच खेला गया तो उसे ख़त्म करने की कोई समय सीमा नहीं रखी गई थी. अंग्रेज़ों की टीम के क़रीब सभी खिलाड़ियों को क्रिकेट का अच्छा अनुभव था पर ऑस्ट्रेलियाई टीम अभी कहीं नई थी. दोनों टीमों को दो-दो पारियां खेलनी थीं. 15 मार्च को यह मुक़ाबला शुरू हुआ. तीन दिन तक चला और चौथा दिन रेस्ट डे रखा गया. पांचवें दिन ऑस्ट्रेलिया ने ख़ुद से कहीं अनुभवी इंग्लैंड की टीम को 45 रनों से हरा दिया.

हालांकि, जिस तरह से क्रिकेट की दुनिया डब्ल्यू जी ग्रेस, सर डॉन ब्रैडमैन, हर्बर्ट सटक्लिफ़, सर वॉली हैमंड, सर गैरी सोबर्स, सर लेन हटन, सर विवियन रिचर्ड्स, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली जैसे दिग्गज क्रिकेटरों को उनके रिकॉर्ड्स के लिए याद करती है... चार्ल्स बैनरमैन उस तरह याद नहीं किए जाते हैं, तो ऐसा केवल इसलिए है कि पहले टेस्ट में शतक जमाने का ऐतिहासिक कारनामा करने के बाद वो कुल तीन टेस्ट मैच ही खेल सके और बीमारी की वजह से आगे खेलना जारी नहीं रख सके.

चार्ल्स बैनरमैन 79 वर्ष की आयु में अगस्त 1930 में इस दुनिया से भले ही विदा हो गए, पर टेस्ट मैच के पहले शतकवीर, पहला रन, पहला चौका और पहला छक्का समेत ढेरों रिकॉर्ड वाले बल्लेबाज़ के रूप में क्रिकेट के इतिहास में सदा-सदा के लिए अमर हो गए.

क्रिकेट न्‍यूजस्टेट मिरर स्पेशल
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