ब्रेंडन मैकुलम पर मंडराया संकट, इंग्लैंड कोच की रेस में रवि शास्त्री का नाम: ‘ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराना जानते हैं’
एशेज सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करारी हार के बाद इंग्लैंड के हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम पर सवाल उठने लगे हैं. ‘बाज़बॉल’ रणनीति की सीमाएं उजागर होने के बीच पूर्व इंग्लिश स्पिनर मोंटी पनेसर ने रवि शास्त्री को इंग्लैंड का अगला हेड कोच बनाने की वकालत की है. पनेसर का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराने का अनुभव शास्त्री के पास है, जिन्होंने उनके कोच रहते भारत को दो बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ जिताई.
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक और निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड क्रिकेट में बड़ा सवाल खड़ा हो गया है - क्या ब्रेंडन मैकुलम का दौर अब ढलान पर है? एशेज सीरीज़ में बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली इंग्लैंड टीम महज 11 दिनों के भीतर सीरीज़ गंवा बैठी, और इसी के साथ ‘बाज़बॉल’ रणनीति की चमक पर भी सवाल उठने लगे हैं. इस बहस के बीच इंग्लैंड के अगले हेड कोच के तौर पर भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री का नाम सामने आना क्रिकेट जगत में हलचल मचा रहा है.
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पूर्व इंग्लिश स्पिनर मोंटी पनेसर ने खुलकर कहा है कि अगर इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में हराने का तरीका सीखना है, तो रवि शास्त्री से बेहतर विकल्प शायद ही कोई हो सकता है.
क्यों सवालों के घेरे में हैं ब्रेंडन मैकुलम?
ब्रेंडन मैकुलम को 2022 में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के मैनेजिंग डायरेक्टर रॉब की ने हेड कोच नियुक्त किया था. यह नियुक्ति इंग्लैंड की 4-0 की एशेज हार के बाद हुई थी. मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स की जोड़ी ने आते ही इंग्लिश टेस्ट क्रिकेट में नई जान फूंक दी. शुरुआत शानदार रही - पहले 11 टेस्ट में 10 जीत, आक्रामक क्रिकेट, डर के बिना खेलने की सोच और ‘बाज़बॉल’ का वैश्विक शोर. लेकिन यह आग ज्यादा दिन तक नहीं जल पाई.
आंकड़े जो मैकुलम की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं
शानदार शुरुआत के बाद इंग्लैंड की टीम की रफ्तार थम गई. बड़े मुकाबलों में नाकामी साफ नजर आई -
- ऑस्ट्रेलिया और भारत के खिलाफ कोई भी 5 मैचों की सीरीज़ नहीं जीत पाए
- अगले 33 टेस्ट मैचों में 16 हार
- मौजूदा एशेज में 0-3 से पिछड़ना, जबकि अभी 2 मैच बाकी
इन नतीजों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ‘बाज़बॉल’ हर हालात में काम करने वाली रणनीति है, या फिर यह सिर्फ घरेलू और अनुकूल परिस्थितियों तक सीमित है.
मोंटी पनेसर का बड़ा बयान: क्यों रवि शास्त्री?
पत्रकार रवि बिष्ट के यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए मोंटी पनेसर ने साफ शब्दों में कहा, “आपको खुद से पूछना होगा - आखिर ऑस्ट्रेलिया को हराना कौन जानता है? उनकी कमजोरियों का फायदा कैसे उठाया जाए - मानसिक तौर पर, शारीरिक तौर पर और रणनीतिक तौर पर? मुझे लगता है कि रवि शास्त्री इंग्लैंड के अगले हेड कोच होने चाहिए.”
पनेसर का तर्क सीधा है - ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराना दुनिया की सबसे कठिन चुनौती है, और रवि शास्त्री यह काम सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि दो बार कर चुके हैं.
Image Credit: ANI
शास्त्री का ऑस्ट्रेलिया रिकॉर्ड: जो इंग्लैंड को लुभा रहा है
रवि शास्त्री के कोच रहते हुए भारत ने ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचा -
- 2018-19 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी
- भारत की ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज़ जीत
- आक्रामक लेकिन अनुशासित क्रिकेट
- तेज गेंदबाज़ी का शानदार इस्तेमाल
- 2020-21 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी
- एडिलेड में 36 रन पर ऑलआउट होने के बाद वापसी
- चोटों से जूझती टीम
- युवा खिलाड़ियों के दम पर 2-1 से सीरीज़ जीत
क्रिकेट इतिहास की सबसे साहसी सीरीज़ जीत में से एक मानी जाने वाली यह कामयाबी शास्त्री की मेंटल टफनेस, टीम मैनेजमेंट और टैक्टिकल समझ का प्रमाण मानी जाती है.
क्या ‘बाज़बॉल’ ऑस्ट्रेलिया में फेल हो गया?
मैकुलम की सबसे बड़ी पहचान ‘बाज़बॉल’ है - तेज़ रन, आक्रामक शॉट्स और दबाव बनाना. लेकिन ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर यही रणनीति इंग्लैंड के लिए उलटी पड़ती नजर आई. आलोचकों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में धैर्य और अनुशासन जरूरी है और हर गेंद पर हमला करने की सोच नुकसानदेह साबित हुई. वहीं गेंदबाज़ी और फील्डिंग में रणनीतिक गहराई की कमी दिखी. यही वजह है कि अब इंग्लैंड क्रिकेट में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या टीम को अनुभवी और सख्त मिज़ाज कोच की जरूरत है.
मैकुलम का रुख: पद छोड़ने के मूड में नहीं
बढ़ती आलोचनाओं के बावजूद ब्रेंडन मैकुलम ने साफ किया है कि वह फिलहाल पद छोड़ने के बारे में नहीं सोच रहे. मेलबर्न में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता. यह फैसला मेरे हाथ में नहीं है. मैं बस अपना काम करता रहूंगा, अपनी गलतियों से सीखूंगा और जरूरी बदलाव करता रहूंगा. बाकी सवाल किसी और से पूछे जाने चाहिए.” मैकुलम का ईसीबी के साथ 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक का करार है, जिसमें उसी साल होने वाली होम एशेज सीरीज़ भी शामिल है.
‘यह एक शानदार काम है’ - मैकुलम
कड़ी आलोचनाओं के बावजूद मैकुलम ने कोचिंग को लेकर अपना उत्साह नहीं छुपाया, “यह एक शानदार काम है. आप खिलाड़ियों के साथ दुनिया घूमते हैं, रोमांचक क्रिकेट खेलने की कोशिश करते हैं और कुछ हासिल करना चाहते हैं. मेरा मकसद लोगों से उनका सर्वश्रेष्ठ निकालना है.” उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में टीम ने प्रगति की है, भले ही नतीजे फिलहाल पक्ष में न हों.
आगे क्या? ECB के लिए कठिन फैसला
अब सवाल ईसीबी के पाले में है -
- क्या मैकुलम को और वक्त दिया जाए?
- क्या ‘बाज़बॉल’ में बदलाव की जरूरत है?
- या फिर ऑस्ट्रेलिया में जीत का फॉर्मूला जानने वाले किसी शख्स को जिम्मेदारी सौंपी जाए?
रवि शास्त्री का नाम भले ही अभी चर्चा में हो, लेकिन अगर इंग्लैंड वाकई ऑस्ट्रेलिया को चुनौती देना चाहता है, तो यह विकल्प काफी गंभीर माना जा रहा है. एशेज की एक और हार ने इंग्लैंड क्रिकेट को आईना दिखा दिया है. मैकुलम का आक्रामक दर्शन शुरुआत में क्रांतिकारी लगा, लेकिन अब उसकी सीमाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में रवि शास्त्री जैसा अनुभवी नाम - जो ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में झुका चुका है - इंग्लैंड के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है. अब देखना यह है कि ईसीबी स्थिरता को चुनेगा या नया रास्ता अपनाएगा.





